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अंंधेरे में वनांचल क्षेत्र के नौनिहालों का भविष्य,पांचवीं तक ही करते हैं पढ़ाई

मनेंद्रगढ़ के केराबहरा प्राथमिक स्कूल की स्थिति दयनीय है.हालात ये है कि यहां पढ़ाई करने वाले बच्चे मिडिल स्कूल नहीं जाते.

Dark Future of children
अंंधेरे में वनांचल क्षेत्र के नौनिहालों का भविष्य (ETV Bharat Chhattisgarh)
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Oct 25, 2024, 1:01 PM IST

मनेन्द्रगढ़ चिरमिरी भरतपुर : मनेंद्रगढ़ जनपद पंचायत के वनांचल क्षेत्र में स्थित गांव केराबहरा में शिक्षा व्यवस्था की हालत दयनीय है. यहां कक्षा 5 के बाद बच्चे आगे की पढ़ाई के लिए स्कूल छोड़ देते हैं. ग्रामीणों का कहना है कि विद्यालय के हालात इतने खराब हैं कि बच्चे पांचवीं पास करने के बाद पढ़ाई छोड़ देते हैं. इसमें सबसे बड़ी समस्या ये है कि यहां के विद्यालयों में ना तो नियमित शिक्षक आते हैं और ना ही शिक्षा विभाग के अधिकारी कभी मॉनिटरिंग करने पहुंचते हैं.

केराबहरा प्राथमिक पाठशाला में बच्चों को जर्जर छत के नीचे पढ़ने के लिए मजबूर हैं. हाल ही में बारिश के दौरान विद्यालय की छत का एक हिस्सा गिर गया था. जिससे तीन बच्चे घायल हो गए थे. गनीमत ये रही कि बच्चों को मामूली चोटें ही आईं, लेकिन इस घटना ने विद्यालय की खस्ता हाल और अधिकारियों की लापरवाही को उजागर किया था. लेकिन इसके बाद भी विद्यालय को दुरुस्त करने के लिए कोई कदम नहीं उठाए गए.

Future of children of Vananchal
स्कूल बिल्डिंग है बदहाल (ETV Bharat Chhattisgarh)

विद्यालय के जर्जर भवन के बारे में कई बार अधिकारियों को सूचित किया गया, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है- रामबाई,सरपंच

Future of children of Vananchal
पांचवीं के बाद नहीं पढ़ते बच्चे (ETV Bharat Chhattisgarh)


विद्यालय में कक्षा 5 तक की पढ़ाई होती है, लेकिन आगे की शिक्षा के लिए बच्चों को दूसरे विद्यालय जाना पड़ता है. ग्रामीणों का कहना है कि वनांचल क्षेत्र होने के कारण ना तो नियमित अध्यापक आते हैं और ना ही बच्चों को उचित शिक्षा मिल पाती है. शिक्षा के प्रति ऐसी उदासीनता से बच्चों का भविष्य अंधकार में धकेला जा रहा है.

विद्यालय की स्थिति के बारे में अधिकारियों को अवगत कराया गया है.लेकिन अभी तक इस ओर ध्यान नहीं दिया गया.जब अधिकारी ही स्कूल में ध्यान नहीं देते तो बच्चों की भविष्य की चिंता कौन करेगा- चंद्रमा बारिक,शिक्षिका



विद्यालय की दुर्दशा और बच्चों की सुरक्षा को लेकर अब ग्रामीणों का आक्रोश बढ़ता जा रहा है. वो अधिकारियों से सिर्फ एक ही सवाल पूछ रहे हैं कि कब इस स्कूल की सुध ली जाएगी. फिलहाल इस वनांचल क्षेत्र की शिक्षा व्यवस्था पूरी तरह चरमरा चुकी है.अब देखना ये होगा कि शिक्षा विभाग इस ओर कब नजरें इनायत करता है.

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केराबहरा प्राथमिक पाठशाला में बच्चों को जर्जर छत के नीचे पढ़ने के लिए मजबूर हैं. हाल ही में बारिश के दौरान विद्यालय की छत का एक हिस्सा गिर गया था. जिससे तीन बच्चे घायल हो गए थे. गनीमत ये रही कि बच्चों को मामूली चोटें ही आईं, लेकिन इस घटना ने विद्यालय की खस्ता हाल और अधिकारियों की लापरवाही को उजागर किया था. लेकिन इसके बाद भी विद्यालय को दुरुस्त करने के लिए कोई कदम नहीं उठाए गए.

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स्कूल बिल्डिंग है बदहाल (ETV Bharat Chhattisgarh)

विद्यालय के जर्जर भवन के बारे में कई बार अधिकारियों को सूचित किया गया, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है- रामबाई,सरपंच

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पांचवीं के बाद नहीं पढ़ते बच्चे (ETV Bharat Chhattisgarh)


विद्यालय में कक्षा 5 तक की पढ़ाई होती है, लेकिन आगे की शिक्षा के लिए बच्चों को दूसरे विद्यालय जाना पड़ता है. ग्रामीणों का कहना है कि वनांचल क्षेत्र होने के कारण ना तो नियमित अध्यापक आते हैं और ना ही बच्चों को उचित शिक्षा मिल पाती है. शिक्षा के प्रति ऐसी उदासीनता से बच्चों का भविष्य अंधकार में धकेला जा रहा है.

विद्यालय की स्थिति के बारे में अधिकारियों को अवगत कराया गया है.लेकिन अभी तक इस ओर ध्यान नहीं दिया गया.जब अधिकारी ही स्कूल में ध्यान नहीं देते तो बच्चों की भविष्य की चिंता कौन करेगा- चंद्रमा बारिक,शिक्षिका



विद्यालय की दुर्दशा और बच्चों की सुरक्षा को लेकर अब ग्रामीणों का आक्रोश बढ़ता जा रहा है. वो अधिकारियों से सिर्फ एक ही सवाल पूछ रहे हैं कि कब इस स्कूल की सुध ली जाएगी. फिलहाल इस वनांचल क्षेत्र की शिक्षा व्यवस्था पूरी तरह चरमरा चुकी है.अब देखना ये होगा कि शिक्षा विभाग इस ओर कब नजरें इनायत करता है.

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