दमोह. मगरोन थाना अंतर्गत फतेहपुर मध्यांचल ग्रामीण बैंक में हुई 42 लाख की लूट में बैंक कर्मी की संलिप्तता पाई गई हैं. जिले की इस सबसे बड़ी लूट के मामले में एसीपी श्रुत कीर्ति सोमवंशी और अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक संदीप मिश्रा के मार्गदर्शन में एक स्पेशल टीम बनाई गई थी, जिसने इस लूट की वारदात का पर्दाफाश किया है.
5 लुटेरों ने दिया था वारदात को अंजाम
घटना की जानकारी लगने की कुछ देर बाद ही सागर से डीआईजी सुनील कुमार जैन भी मौके पर पहुंचे और उन्होंने पुलिस अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए. जांच में पता चला कि पांच अज्ञात लुटेरों ने लूट की घटना को अंजाम दिया है. जब पुलिस ने घटनास्थल का मुआयना किया तो घटनास्थल पर दो-तीन 100-100 रु के नोटों की गड्डियां भी नालियां में मिलीं. मौके पर पहुंचे बैंक अधिकारियों ने बताया कि बैंक के कर्मचारी कपिल कुमार रैकवार और दैनिक वेतन भोगी चौकीदार रोहित विश्वकर्मा से भी लुटेरों ने मारपीट की.
ऐसे हुआ लूट का खुलासा
पुलिस अनुसार बैंक बंद होने के बाद बैंक में दो कर्मचारियों की ड्यूटी थी. जिसमें से एक कर्मचारी ने ही लूट का षड्यंत्र रचा हुआ था. उसने अपने दो साथियों को बैंक बुलाया और फिर खुद पर हमला कराकर 42 लाख रु की लूट करवाई. घटना के बाद जब कर्मचारी ने पुलिस को जानकारी दी तो एसपी के मामला संदिग्ध समझ में आया. इसके बाद फोरेंसिक व साइबर सेल की टीम और अन्य तकनीकों की मदद ली गई तो शक यकीन में बदलने लगा. इसके बाद बैंक कर्मचारी को अभिरक्षा में लेकर कड़ाई से पूछताछ की गई तो उसते लूट की वारदात में शामिल होना स्वीकार लिया.
एसपी श्रुत कीर्ति सोमवंशी ने कहा, '' 42 लख रुपए नगद बरामद कर लिए गए हैं. वहीं अभी मामले में आगे भी जांच चल रही है कि इसमें और कौन-कौन शामिल है और किस तरह से घटना को अंजाम दिया गया है. इस संबंध में आरोपियों से पूछताछ की जा रही है. आगे की कार्रवाई पूरी होने के बाद ही जानकारी दी जा सकेगी.'