दमोह: राजस्व विभाग की बैठक लेने पथरिया पहुंचे जिला कलेक्टर सुधीर कुमार कोचर ने विपणन संघ अधिकारी को जमकर फटकार लगाई. दरअसल, किसानों ने दमोह कलेक्टर से समय पर खाद न मिलने की शिकायत दर्ज कराई थी. इस दौरान कलेक्टर ने कुछ स्कूलों में पहुंचकर निरीक्षण भी किया.
गोदाम में खाद को देखकर नाराज हुए जिला कलेक्टर
अपनी अलग ही कार्य प्रणाली के कारण दमोह कलेक्टर कम ही समय में लोगों के लिए जादुई चिराग की तरह उनकी समस्याओं को हल करने वाला बन गए हैं. 7 दिन की छुट्टी के बाद एक बार फिर दमोह पहुंचे कलेक्टर कोचर ने मोहर्रम पर्व पर छुट्टी के दिन ही कई बैठकें ले लीं. उसके बाद गुरुवार को वह राजस्व विभाग की बैठक लेने पथरिया पहुंचे. वहां उन्होंने बैठक लेने के साथ ही कई स्कूलों का निरीक्षण भी किया व अधिकारियों को निर्देश भी दिए. इसी दौरान वह डबल लॉक गोदाम पहुंचे व वहां पर रखे गए यूरिया, डीएपी सहित अन्य फर्टिलाइजर की खेप देखकर गुस्सा हो गए.
विपणन संघ अधिकारी को लगाई फटकार
जिला अधिकारी ने तुरंत ही विपणन संघ अधिकारी इंद्रपाल सिंह से पूरे मामले की जानकारी ली. साथ ही पूछा कि आपके पास कितना स्टॉक वर्तमान में रखा हुआ है और इस स्टॉक को किस समिति में कितनी मात्रा में भेजा जाना था, इसका रजिस्टर लेकर आइए. जब कलेक्टर ने रजिस्टर देखा तो वह आग बबूला हो गए और तुरंत ही विपणन संघ अधिकारी को जमकर फटकार लगाई. उन्होंने कहा कि ''आखिरकार यह खाद अभी तक समितियों में क्यों नहीं पहुंची है. यह जवाबदारी आपकी है कि आप खाद का परिवहन कराकर समितियों को उपलब्ध कराएं. जिससे किसानों को खाद सहजता से उपलब्ध हो सके. इसके लिए सभी व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाना थी, लेकिन यह खाद अभी तक नहीं पहुंची, जबकि किसान खाद के लिए परेशान हैं. कई बार किसान समितियों में खाद न होने की शिकायत कर चुके हैं.''
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गुस्से से लाल हुए जिला कलेक्टर साहब
इस पर विपणन संघ अधिकारी अपनी समस्याएं बताने लगे जिसके बाद कलेक्टर को गुस्सा आ गया और उन्होंने कहा "मुझे इन सब बातों से कोई लेना-देना नहीं है. आपका काम है आपने क्यों नहीं किया. जिस तरह भी हो इस खाद को समितियों तक पहुंचाइए, ताकि किसानों को किसी तरह की कोई परेशानी न हो. इसके बाद वह रजिस्टर देकर गुस्से में जब गोदाम से बाहर निकलने लगे तो विपणन संघ अधिकारी उनसे कुछ निवेदन करने लगे, लेकिन कलेक्टर इतने गुस्से में थे कि उन्होंने कहा मुझे आपकी कोई बात नहीं सुनना है. जाइए आप छुट्टियां मनाएं." दरअसल, आमजन से मुस्कुराकर मिलने वाले और स्कूलों में बच्चों के बीच में बच्चा बन जाने वाले कलेक्टर का यह रौद्र रूप पहली बार लोगों ने देखा है. इसके बाद सभी अधिकारियों की सिटी पिट्टी गोल हो गई और कोई भी कलेक्टर के सामने आने से बचता रहा.