मुजफ्फरपुर: रेलवे की ओर से आरपीएफ में बहाली को लेकर अधिसूचना जारी नहीं की गई है. सोशल मीडिया पर वायरल हो रहें अधिूसचना पत्र को फेक बताया गया है. आरपीएफ से इसकी जांच करायी जा रही है. इस संबंध में रेलवे बोर्ड की डीआइजी स्थापना सारिका मोहन ने सभी आरपीएफ पोस्ट प्रभारी को पत्र भेजा है. साथ ही इस प्रकार की गड़बड़ी फैलाने वालों पर नकेल कसने का निर्देश दिया है.
सोशल मीडिया पर आई फर्जी वैकेंसी: डीआइजी स्थापना सारिका मोहन के द्वारा आरपीएफ पोस्ट प्रभारियों को भेजे पत्र में बताया गया है कि इन दिनों सोशल मीडिया पर आरपीएफ में भर्ती को लेकर एक अधिसूचना जारी होने का हवाला दिया जा रहा है. इसे एक फॉर्मट पर प्रिंट कर जारी किया गया है. इसमें 452 सब इंस्पेक्टर और 4208 जवानों यानी कुल 4660 पद की भर्ती के संबंध में बताया गया है, जो बिल्कुल गलत है. रेलवे की ओर से इस प्रकार की भर्ती नहीं की जा रही है. सोशल मीडिया पर जारी भर्ती अधिसूचना के झांसे में युवक-युवतियों को नहीं आने का आग्रह किया गया है.
"रेलवे द्वारा निकाली गयी वैकेंसी की विधिवत जानकारी अखबार और इलेक्ट्रोनिक मीडिया के माध्यम से दी जाती रही है. रेलवे की ओर से इस प्रकार की भर्ती नहीं की जा रही है."- स्थापना सारिका मोहन, डीआइजी
अवैध वसूली के लिए साइबर क्रिमिनल की साजिश: बता दें कि, पिछले तीन-चार दिनों से भर्ती से जुड़ा ये अधिसूचना पत्र सोशल मीडिया के कई प्लेटफॉर्म पर वायरल हो रहा है. इसपर पेंमेंट गेटवे जैसी तमाम जानकारी दी गयी. बताया जा रहा है कि यह साइबर फ्रॉड के किसी संगठित गिरोह ने सोशल मीडिया पर साजिश के तहत जारी किया है ताकि युवा गुमराह होकर भर्ती के लिए ऑनलाइन आवेदन करें और गलत बैंक खातों पर रुपये की वसूली हो सके.
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