जयपुर : साइबर अपराधी लोगों को झांसे में लेने और डराकर रकम ऐंठने के लिए रोज नए-नए तरीके इस्तेमाल कर रहे हैं. चाइल्ड पोर्नोग्राफी के नाम पर फर्जी नोटिस भेजकर साइबर अपराधी लोगों को डरा रहे हैं. आपके पास भी ऐसा कोई ईमेल आया हो तो आप सावधानी रखकर साइबर अपराधियों के चंगुल में फंसने से बच सकते हैं. दरअसल, लोगों के मेल बॉक्स में इंडियन साइबर क्राइम कोऑर्डिनेशन सेंटर या इंटेलिजेंस ब्यूरो के निदेशक के हवाले से यह नोटिस पहुंच रहे हैं.
ऐसे में अगर आपके ई मेल पर भी चाइल्ड पोर्नोग्राफी का आरोप लगाते हुए कोई धमकी भरा नोटिस आया है तो घबराने की जरूरत नहीं है. यह नोटिस किसी जांच एजेंसी का नहीं है, बल्कि यह साइबर ठगों की करतूत हो सकती है. इस नोटिस में धमकी दी जा रही है कि आपने इसका 24 घंटे में जवाब नहीं दिया तो आपके खिलाफ थाने में एफआईआर दर्ज करवाई जाएगी. ऐसे में जिनके पास भी ऐसा नोटिस पहुंच रहा है. वे लोग हैरान-परेशान हो रहे हैं.
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नोटिस पर अधिकारियों के दस्तखत भी : साइबर ठगों की ओर से लोगों के ई मेल पर भेजे जा रहे इस नोटिस में इंटेलिजेंस ब्यूरो के निदेशक सहित अन्य अधिकारियों और कानून की धाराओं का हवाला देकर लोगों को डराने और फंसाने की कोशिश भी की जा रही है. इसके साथ ही इस पर प्रोसिक्यूटर ओवर माइनर्स एंड ऑफेंसेज रिलेटेड टू साइबर क्राइम के मुखिया प्रशांत गौतम, इंडियन साइबर क्राइम को-ऑर्डिनेशन सेंटर के सीईओ राजेश कुमार, सेंटर के सचिव दीपक वीरमानी आदि के दस्तखत और स्टेम्प भी है. जिससे कई लोग ऐसे नोटिस को असली समझकर डर रहे हैं.
न दें कोई जवाब : साइबर वॉलिंटियर हेमराज सरावता का कहना है कि ऐसे नोटिस का अगर कोई जवाब देता है तो साइबर अपराधी पहले उससे उसकी निजी जानकारी मांगते हैं. फिर साइबर अपराधी दबाव बनाने की कोशिश करते हैं और जो केस कहीं दर्ज ही नहीं है. उसे रफा-दफा करने की बात कहकर रुपए की डिमांड करते हैं. ऐसे में इनसे बचने का यही तरीका है कि ऐसा कोई ई मेल आए तो उस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दें और पुलिस या साइबर क्राइम हेल्पलाइन पर अपनी शिकायत दर्ज करवाएं.
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जल्दबाजी में न लें कोई फैसला : साइबर वॉलिंटियर हेमराज सरावता का कहना है कि आजकल इस तरह के फर्जी नोटिस भेजकर लोगों को डराने और सायबर फ्रॉड का शिकार बनाने के मामले लगातार सामने आ रहे हैं. ऐसे में इस तरह के नोटिस का जवाब देने से बचना चाहिए. ऐसा कोई नोटिस आपको मिले तो तनाव, घबराहट और जल्दबाजी में कोई फैसला लेने से बचना चाहिए. इस तरह का ई मेल आने पर पुलिस की मदद ली जा सकती है. किसी भी तरह के साइबर अपराध की शिकायत साइबर क्राइम हेल्पलाइन 1930 पर दी जा सकती है.