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किसानों की फसलों को हुआ नुकसान तो सीएसए और राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के विशेषज्ञ संभालेंगे हालात, जानिए क्या है प्लान

मौसम की वजह के फसलों से होने वाले नुकसान से किसानों को बचाने और उन्हें उबारने के लिए चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (सीएसए) और उत्तर प्रदेश राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के विशेषज्ञों ने संयुक्त रूप से काम करने की योजना बनाई है. इसके तहत किसानों को फसल चक्र समेत कई जानकारियां देकर उनकी आय को सुनिश्चित करने की दिशा में काम करेंगे.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Feb 27, 2024, 8:13 AM IST

जानकारी देते कुलपति डाॅ. आनंद सिंह.

कानपुर : देश के किसानों पर मौसम की मार पड़ती है. कई बार यह किसानों को काफी प्रभावित करती है. सूखा पड़ने के चलते किसान आत्महत्या को मजबूर होता है, तो कभी बेमौसम बारिश, ओले से खड़ी-पकी फसलें बर्बाद हो जाती हैं. सरकारें किसानों के जख्म पर मरहम लगाने के लिए तमाम घोषणाएं और वादे करती हैं, लेकिन किसान को कोई खास लाभ नहीं मिलता है. ऐसे में अब चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (सीएसए) के विशेषज्ञों और उप्र राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने हाथ बढ़ाया है.

यह हुआ है करार : चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (सीएसए) और उत्तर प्रदेश राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के विशेषज्ञ संयुक्त रूप से किसानों की मदद और फसलों के संरक्षण के लिए काम करेंगे. पहली बार हुए करार को लेकर सीएसए विवि के कुलपति डाॅ. आनंद सिंह ने बताया कि इस करार को लेकर हमारी आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के आला अफसरों से करीब छह माह से वार्ता जारी थी. फरवरी में अंतत: तय हुआ साथ मिलकर काम करेंगे. इसके लिए फिलहाल जो योजना बनाई है, उसमें हम किसानों की फसलों, बीज उत्पादन, एनिमल हसबेंड्री समेत हर क्षेत्र तक जाएंगे. किसानों से सीधा संवाद करेंगे. अगर उनकी फसल नष्ट हुई तो उसकी भरपाई किन फसलों से की जा सकती है? यह जानकारी देंगे. इस तरह किसानों के साथ अब कंधे से कंधा मिलाकर काम करना है.


बुंदेलखंड के तमाम शहरों में पहुंचेगी सीएसए के वैज्ञानिकों की टीम : कुलपति डाॅ. आनंद सिंह ने बताया कि अब सीएसए के वैज्ञानिक बुंदेलखंड के तमाम शहरों में पहुंचेंगे. हर साल ही जानकारी मिलती है कि बुंदेलखंड में जो सूखे की स्थिति होती है, उससे निपटना बेहद अभेद्य चुनौती जैसा होता है, पर अब बुंदेलखंड में नई क्रांति लाने और कृषि विस्तार के लिए हम तैयार हैं.


यह भी पढ़ें : बब्बर शेर के साथ मना सकते हैं जन्मदिन, कानपुर प्राणी उद्यान ने की शुरुआत

यह भी पढ़ें : डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक बोले, 2024 में तीसरी बार नरेंद्र मोदी बनेंगे प्रधानमंत्री

जानकारी देते कुलपति डाॅ. आनंद सिंह.

कानपुर : देश के किसानों पर मौसम की मार पड़ती है. कई बार यह किसानों को काफी प्रभावित करती है. सूखा पड़ने के चलते किसान आत्महत्या को मजबूर होता है, तो कभी बेमौसम बारिश, ओले से खड़ी-पकी फसलें बर्बाद हो जाती हैं. सरकारें किसानों के जख्म पर मरहम लगाने के लिए तमाम घोषणाएं और वादे करती हैं, लेकिन किसान को कोई खास लाभ नहीं मिलता है. ऐसे में अब चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (सीएसए) के विशेषज्ञों और उप्र राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने हाथ बढ़ाया है.

यह हुआ है करार : चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (सीएसए) और उत्तर प्रदेश राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के विशेषज्ञ संयुक्त रूप से किसानों की मदद और फसलों के संरक्षण के लिए काम करेंगे. पहली बार हुए करार को लेकर सीएसए विवि के कुलपति डाॅ. आनंद सिंह ने बताया कि इस करार को लेकर हमारी आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के आला अफसरों से करीब छह माह से वार्ता जारी थी. फरवरी में अंतत: तय हुआ साथ मिलकर काम करेंगे. इसके लिए फिलहाल जो योजना बनाई है, उसमें हम किसानों की फसलों, बीज उत्पादन, एनिमल हसबेंड्री समेत हर क्षेत्र तक जाएंगे. किसानों से सीधा संवाद करेंगे. अगर उनकी फसल नष्ट हुई तो उसकी भरपाई किन फसलों से की जा सकती है? यह जानकारी देंगे. इस तरह किसानों के साथ अब कंधे से कंधा मिलाकर काम करना है.


बुंदेलखंड के तमाम शहरों में पहुंचेगी सीएसए के वैज्ञानिकों की टीम : कुलपति डाॅ. आनंद सिंह ने बताया कि अब सीएसए के वैज्ञानिक बुंदेलखंड के तमाम शहरों में पहुंचेंगे. हर साल ही जानकारी मिलती है कि बुंदेलखंड में जो सूखे की स्थिति होती है, उससे निपटना बेहद अभेद्य चुनौती जैसा होता है, पर अब बुंदेलखंड में नई क्रांति लाने और कृषि विस्तार के लिए हम तैयार हैं.


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