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सचिवों की अनुपस्थिति में मुख्य सचिव स्तर पर होगा पत्रावलियों का समाधान, CS ने अफसरों को दी ये नसीहत

सचिवों की अनुपस्थिति के दौरान पत्रावलियों के समाधान मुख्य सचिव के स्तर से होगी. सीएस राधा रतूड़ी ने निर्देश जारी किए.

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सचिवों की अनुपस्थिति में मुख्य सचिव स्तर पर होगा पत्रावलियों का समाधान (PHOTO- UK INFORMATION DEPARTMENT)
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Oct 28, 2024, 6:15 PM IST

देहरादूनः उत्तराखंड में नौकरशाही की कार्यप्रणाली को धार देने के निर्देश जारी हुए हैं. मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने अफसर को तेजी से काम करने की संस्कृति विकसित करने की नसीहत दी है. उधर सचिवों की अनुपस्थिति के दौरान तमाम पत्रावलियों के समाधान के लिए सीधा मुख्य सचिव कार्यालय से संपर्क करने के निर्देश भी दिए गए.

प्रदेश में अनुमोदित प्रस्तावों पर विलंब किए जाने को लेकर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने नाराजगी जाहिर की है. मुख्य सचिव ने इस मामले में तेजी से कार्रवाई करने के निर्देश जारी करते हुए ऐसे प्रस्तावों में किसी भी तरह के विलंब न करने के निर्देश दिए हैं. मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने सोमवार को सचिवालय में मिसिंग लिंक फंड से पोषित होने वाली योजनाओं की प्रगति की समीक्षा की.

मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने कहा कि मिसिंग लिंक फंड से चलने वाली विभिन्न योजनाएं जो अभी भी लंबित हैं, उन्हें तेजी से पूरा किया जाए. सचिव वित्त को भी सभी विभागों से तत्काल प्रस्ताव लेने के निर्देश दिए गए हैं. ताकि जो भी अधूरी योजनाएं हैं, उन्हें बजट जारी करते हुए योजना को पूरा किया जाए.

मुख्य सचिव ने इस दौरान शासन में सचिवों के अनुपस्थित रहने के दौरान पत्रावलियों में देरी को लेकर भी निर्देश जारी किए. मुख्य सचिव की तरफ से यह स्पष्ट निर्देश दिए गए कि सचिव की अनुपस्थिति के कारण पत्रावलियों में देरी न की जाए. इसके लिए मुख्य सचिव ने अधिकारियों को लंबित पत्रावलियों के समाधान के लिए खुद से संपर्क करने के लिए कहा. अधिकारियों को विभिन्न योजनाओं और कार्यों में तेजी से काम करने की संस्कृति विकसित करने की नसीहत भी दी गई है.

मुख्य सचिव ने कहा कि पूर्व में स्वीकृत प्रस्तावों की प्रगति भी प्रधानमंत्री गतिशक्ति पोर्टल पर नियमित रूप से अपलोड की जाए. दरअसल प्रधानमंत्री गतिशक्ति पोर्टल पर ऐसी योजनाओं की लगातार मॉनिटरिंग की जाती है. हालांकि समीक्षा बैठक के दौरान मुख्य सचिव का फोकस मिसिंग लिंक फंडिंग पर रहा. उन्होंने कहा कि मिसिंग लिंग फंडिंग अधूरी योजनाओं को पूरा करने का मौका देती है. इसीलिए तमाम अधिकारी आधी अधूरी योजनाओं का गंभीरता से आकलन करें और फील्ड अधिकारियों से इसकी पूरी जानकारी लें.

ये भी पढ़ेंः भ्रष्टाचार के खिलाफ सतर्कता जागरूकता सप्ताह शुरू, विजिलेंस की मजबूती के लिए गठित होगी विशेषज्ञों की टीम

देहरादूनः उत्तराखंड में नौकरशाही की कार्यप्रणाली को धार देने के निर्देश जारी हुए हैं. मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने अफसर को तेजी से काम करने की संस्कृति विकसित करने की नसीहत दी है. उधर सचिवों की अनुपस्थिति के दौरान तमाम पत्रावलियों के समाधान के लिए सीधा मुख्य सचिव कार्यालय से संपर्क करने के निर्देश भी दिए गए.

प्रदेश में अनुमोदित प्रस्तावों पर विलंब किए जाने को लेकर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने नाराजगी जाहिर की है. मुख्य सचिव ने इस मामले में तेजी से कार्रवाई करने के निर्देश जारी करते हुए ऐसे प्रस्तावों में किसी भी तरह के विलंब न करने के निर्देश दिए हैं. मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने सोमवार को सचिवालय में मिसिंग लिंक फंड से पोषित होने वाली योजनाओं की प्रगति की समीक्षा की.

मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने कहा कि मिसिंग लिंक फंड से चलने वाली विभिन्न योजनाएं जो अभी भी लंबित हैं, उन्हें तेजी से पूरा किया जाए. सचिव वित्त को भी सभी विभागों से तत्काल प्रस्ताव लेने के निर्देश दिए गए हैं. ताकि जो भी अधूरी योजनाएं हैं, उन्हें बजट जारी करते हुए योजना को पूरा किया जाए.

मुख्य सचिव ने इस दौरान शासन में सचिवों के अनुपस्थित रहने के दौरान पत्रावलियों में देरी को लेकर भी निर्देश जारी किए. मुख्य सचिव की तरफ से यह स्पष्ट निर्देश दिए गए कि सचिव की अनुपस्थिति के कारण पत्रावलियों में देरी न की जाए. इसके लिए मुख्य सचिव ने अधिकारियों को लंबित पत्रावलियों के समाधान के लिए खुद से संपर्क करने के लिए कहा. अधिकारियों को विभिन्न योजनाओं और कार्यों में तेजी से काम करने की संस्कृति विकसित करने की नसीहत भी दी गई है.

मुख्य सचिव ने कहा कि पूर्व में स्वीकृत प्रस्तावों की प्रगति भी प्रधानमंत्री गतिशक्ति पोर्टल पर नियमित रूप से अपलोड की जाए. दरअसल प्रधानमंत्री गतिशक्ति पोर्टल पर ऐसी योजनाओं की लगातार मॉनिटरिंग की जाती है. हालांकि समीक्षा बैठक के दौरान मुख्य सचिव का फोकस मिसिंग लिंक फंडिंग पर रहा. उन्होंने कहा कि मिसिंग लिंग फंडिंग अधूरी योजनाओं को पूरा करने का मौका देती है. इसीलिए तमाम अधिकारी आधी अधूरी योजनाओं का गंभीरता से आकलन करें और फील्ड अधिकारियों से इसकी पूरी जानकारी लें.

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