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बगहा के मरीन ड्राइव पर दैत्याकार मगरमच्छ, घंटों के संघर्ष के बाद वन विभाग ने किया रेस्क्यू, गंडक में छोड़ा - BAGAHA CROCODILE

बगहा के मरीन ड्राइव पर विशाल मगरमच्छ ने दहशत फैला दी. टहल रहे लोगों में अफरा-तफरी मच गई. रेस्क्यू कर गंडक नदी में छोड़ा गया.

बगहा में निकला मगरमच्छ
बगहा में निकला मगरमच्छ (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Dec 5, 2024, 10:11 PM IST

बगहा: बगहा के वाल्मीकिनगर स्थित गंडक बराज कंट्रोल रूम के ठीक सामने मरीन ड्राइव मार्ग पर सुबह-सुबह कुछ ऐसा हुआ जिसने सभी को चौंका दिया. मरीन ड्राइव पर दैत्याकार मगरमच्छ निकल आया. सुबह के समय टहल रहे लोगों में दहशत में आ गए. लोग टहलना छोड़कर अपने-अपने घरों की तरफ भागने लगे. इससे लोगों में अफरा-तफरी मच गई.

बगहा में मगरमच्छ: दरअसल, बगहा का यह मरीन ड्राइव मार्ग गंडक बराज होते हुए वन विभाग के गेस्ट हाउस तक जाता है. जहां देश विदेश से आए पर्यटक ठहरते हैं. जैसे ही लोगों के दैत्याकार मगरमच्छ को देखा तो उन्होंने इसकी सूचना वाल्मिकीनगर रेंज ऑफिस को दी. वन विभाग के लिए यह रेस्क्यू ऑपरेशन काफी चुनौतीपूर्ण रहा. मगरमच्छ को काबू करने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ी. रस्सियों और डंडों के सहारे उसे धीरे-धीरे काबू में किया गया. अंत में वन कर्मियों की मदद से इस विशाल मगरमच्छ को गंडक नदी में सुरक्षित रूप से छोड़ दिया गया.

मगरमच्छ को रस्सी से बांधते वनकर्मी
मगरमच्छ को रस्सी से बांधते वनकर्मी (ETV Bharat)

सुबह होने की वजह से नहीं हुई कोई अनहोनी: रेंजर शिव कुमार राम ने बताया कि मरीन ड्राइव मार्ग पर जहां मगरमच्छ निकला था. उसके ठीक सटे अंतरराष्ट्रीय कन्वेंशन सेंटर भी है. जहां अमूमन पर्यटकों की भीड़ लगी रहती है. लेकिन सुबह का समय होने के कारण ज्यादा भीड़ नहीं थी. लिहाजा किसी तरह की अनहोनी नहीं हुई. क्योंकि इस समय अधिकांशतः स्थानीय लोग इस इलाके में टहलने आते हैं.

"जाड़े के मौसम में धूप निकलने के बाद मगरमच्छ धूप सेंकने के लिए नदी तट पर या ऊंचे स्थानों पर चले जाते हैं. इसी क्रम में यह मगरमच्छ गंडक नदी या उसके सहायक नदी से निकलकर सड़क पर चहलकदमी कर रहा था. वन कर्मियों की मदद से इस विशाल मगरमच्छ को गंडक नदी में सुरक्षित रूप से छोड़ दिया गया." - शिव कुमार राम, रेंजर

मगरमच्छ को पकड़कर लेकर जाते वनकर्मी
मगरमच्छ को पकड़कर लेकर जाते वनकर्मी (ETV Bharat)

नदियों में मगरमच्छों की संख्या बढ़ी: वन क्षेत्र के रेंजर शिव कुमार राम ने बताया कि गंडक और उसकी सहायक नदियों में मगरमच्छों की संख्या बढ़ी है. गंडक नदी मगरमच्छों के लिए एक बेहतर सुरक्षित साबित हो रही है. आमतौर पर भोजन की तलाश में मगरमच्छ नहर और नदियों से निकलकर रिहायशी इलाके में आ जाते हैं. मगरमच्छों के सूंघने की शक्ति काफी ज्यादा होती है लिहाजा मांसाहारी भोजन की खुशबू से भी वो ज्यादा आकर्षित होते हैं.

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मगरमच्छ को रस्सी से बांधते वनकर्मी
मगरमच्छ को रस्सी से बांधते वनकर्मी (ETV Bharat)

सुबह होने की वजह से नहीं हुई कोई अनहोनी: रेंजर शिव कुमार राम ने बताया कि मरीन ड्राइव मार्ग पर जहां मगरमच्छ निकला था. उसके ठीक सटे अंतरराष्ट्रीय कन्वेंशन सेंटर भी है. जहां अमूमन पर्यटकों की भीड़ लगी रहती है. लेकिन सुबह का समय होने के कारण ज्यादा भीड़ नहीं थी. लिहाजा किसी तरह की अनहोनी नहीं हुई. क्योंकि इस समय अधिकांशतः स्थानीय लोग इस इलाके में टहलने आते हैं.

"जाड़े के मौसम में धूप निकलने के बाद मगरमच्छ धूप सेंकने के लिए नदी तट पर या ऊंचे स्थानों पर चले जाते हैं. इसी क्रम में यह मगरमच्छ गंडक नदी या उसके सहायक नदी से निकलकर सड़क पर चहलकदमी कर रहा था. वन कर्मियों की मदद से इस विशाल मगरमच्छ को गंडक नदी में सुरक्षित रूप से छोड़ दिया गया." - शिव कुमार राम, रेंजर

मगरमच्छ को पकड़कर लेकर जाते वनकर्मी
मगरमच्छ को पकड़कर लेकर जाते वनकर्मी (ETV Bharat)

नदियों में मगरमच्छों की संख्या बढ़ी: वन क्षेत्र के रेंजर शिव कुमार राम ने बताया कि गंडक और उसकी सहायक नदियों में मगरमच्छों की संख्या बढ़ी है. गंडक नदी मगरमच्छों के लिए एक बेहतर सुरक्षित साबित हो रही है. आमतौर पर भोजन की तलाश में मगरमच्छ नहर और नदियों से निकलकर रिहायशी इलाके में आ जाते हैं. मगरमच्छों के सूंघने की शक्ति काफी ज्यादा होती है लिहाजा मांसाहारी भोजन की खुशबू से भी वो ज्यादा आकर्षित होते हैं.

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