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भीड़भाड़ वाले स्थानों से चोरी हुए 57 मोबाइल पीड़ितों को मिले वापस - THEFT LITTLE GANG IN NOIDA

नोएडा पुलिस ने लिटिल गैंग का पर्दाफाश करते हुए चोरी हुए 57 मोबाइल उनके मालिकों को वापस किया.

भीड़भाड़ वाले स्थानों से चोरी हुए 57 मोबाइल पीड़ितों को मिले वापस
भीड़भाड़ वाले स्थानों से चोरी हुए 57 मोबाइल पीड़ितों को मिले वापस (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Feb 15, 2025, 9:45 PM IST

नई दिल्ली/नोएडा: नोएडा के साप्ताहिक बाजारों समेत अन्य जगहों से चोरी हुए 57 मोबाइल को फेज दो पुलिस ने शनिवार को स्वामियों के सुपुर्द किया. अपना मोबाइल लेने पीड़ित देश और प्रदेश के अलग-अलग हिस्से से आए हुए थे. इनमें बुजुर्ग और महिलाएं भी शामिल थीं.

चोरी हुए 57 मोबाइल पीड़ितों को मिले वापस: डीसीपी सेंट्रल नोएडा शक्ति मोहन अवस्थी ने बताया कि बीते साल 24 दिसंबर को फेज दो पुलिस ने लिटिल गिरोह के दो नाबालिग सदस्यों को दबोचा था. इन दोनों के पास से 30 मोबाइल बरामद किए गए. दोनों की निशानदेही पर तीन और नाबालिग चोर पकड़े गए, जिनके पास से 27 मोबाइल मिले.

लिटिल गैंग के सदस्यों से बरामद सभी मोबाइल को उनके मालिकों को वापस किया गया. आरोपी भीड़भाड़ वाले बाजारों से मोबाइल चोरी करते थे और तय की गई दुकानों पर इसे बेचते थे. कोर्ट के आदेश के बाद मोबाइल को उनके मालिकों से संपर्क कर वापस लौटाया गया. पुलिस टीम ने तकनीकी साक्ष्यों की सहायता से सभी मोबाइल फोन मालिकों के बारे में जानकारी एकत्र की. उनसे संपर्क कर उनका मोबाइल मिलने की सूचना दी गई. महीनों पहले गुम हुए मोबाइल पाकर पीड़ितों के चेहरे खिल उठे. सभी ने पुलिस के इस सराहनीय पहल की प्रशंसा की.

ऐसे वारदात करता है लिटिल गैंग: भीड़भाड़ और साप्ताहिक बाजारों में सक्रिय लिटिल गैंग के सदस्यों के बारे में जागरूक करते हुए पुलिस ने लोगों को कई अहम जानकारी दी है. पुलिस की ओर से बताया गया कि गिरोह के सदस्य गैर राज्य से आते हैं, और दिल्ली-एनसीआर के बाजारों, सब्जी व फलों की मंडियों व साप्ताहिक बाजारों में मौका पाकर लोगों के कीमती मोबाइल चोरी करते हैं. दूसरे राज्य में जाकर चोरी के मोबाइल बेचने का काम होता है. गिरोह के सदस्य महिलाओं को ज्यादा निशाना बनाते हैं. आरोपी भीड़ में लोगों का ध्यान भंग होने की प्रतीक्षा करते थे. थोड़ी सी भी चूक होने पर तुरंत मोबाइल लेकर गायब हो जाते थे.

फर्जी हस्ताक्षर कर खाते से निकाले 5.25 लाख रुपये: ग्रेटर नोएडा वेस्ट निवासी आशीष कुमार ने बताया कि उन्होंने एक्सयूवी 700 कार खरीदने के लिए फरीदाबाद यूनाईटेड ऑटोमोबाइल के सेल्समैन रमेश राठौर से बातचीत की. जब गाड़ी की फाइनेंस कराने की बात हुई तब रमेश ने एसबीआई के फाइनेंसर आशीष से संपर्क करा दिया. इसके बाद आरोपी आशीष ने पीड़ित को कॉल की और फाइनेंस कराने की बात कही. पीड़ित का आरोप है कि 14 नवंबर 2024 को आशीष अपने साथी अंकित के साथ घर आया और तीन चेक लिया. तीनों ने चेक पर अमाउंट दूसरा लिखकर पीछे कूटरचित हस्ताक्षर कर दिया. इसके बाद पांच लाख 25 हजार रुपये की रकम पीड़ित के खाते से निकाल ली गई. पैसे निकलने का मैसेज भी पीड़ित के पास नहीं आया. इस दौरान शिकायतकर्ता का सिम भी बंद हो गया. पीड़ित का आरोप कि ऑटो मोबाइल कंपनी के सेल्समैन, फाइनेंसर व उसके साथी ने मिलकर ठगी की वारदात को अंजाम दिया है. नामजद आरोपियों से पूछताछ करने के बाद पुलिस आगे की कार्रवाई करने की बात कह रही है. पीड़ित ने संबंधित बैंक के कर्मियों की भूमिका भी पूरे मामले में संदिग्ध बताई है. मामले की शिकायत सबसे पहले पीड़ित ने भारतीय सरकार के साइबर पोर्टल पर की थी. जिसकी जांच अब साइबर क्राइम थाने की पुलिस द्वारा की जा रही है.

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नई दिल्ली/नोएडा: नोएडा के साप्ताहिक बाजारों समेत अन्य जगहों से चोरी हुए 57 मोबाइल को फेज दो पुलिस ने शनिवार को स्वामियों के सुपुर्द किया. अपना मोबाइल लेने पीड़ित देश और प्रदेश के अलग-अलग हिस्से से आए हुए थे. इनमें बुजुर्ग और महिलाएं भी शामिल थीं.

चोरी हुए 57 मोबाइल पीड़ितों को मिले वापस: डीसीपी सेंट्रल नोएडा शक्ति मोहन अवस्थी ने बताया कि बीते साल 24 दिसंबर को फेज दो पुलिस ने लिटिल गिरोह के दो नाबालिग सदस्यों को दबोचा था. इन दोनों के पास से 30 मोबाइल बरामद किए गए. दोनों की निशानदेही पर तीन और नाबालिग चोर पकड़े गए, जिनके पास से 27 मोबाइल मिले.

लिटिल गैंग के सदस्यों से बरामद सभी मोबाइल को उनके मालिकों को वापस किया गया. आरोपी भीड़भाड़ वाले बाजारों से मोबाइल चोरी करते थे और तय की गई दुकानों पर इसे बेचते थे. कोर्ट के आदेश के बाद मोबाइल को उनके मालिकों से संपर्क कर वापस लौटाया गया. पुलिस टीम ने तकनीकी साक्ष्यों की सहायता से सभी मोबाइल फोन मालिकों के बारे में जानकारी एकत्र की. उनसे संपर्क कर उनका मोबाइल मिलने की सूचना दी गई. महीनों पहले गुम हुए मोबाइल पाकर पीड़ितों के चेहरे खिल उठे. सभी ने पुलिस के इस सराहनीय पहल की प्रशंसा की.

ऐसे वारदात करता है लिटिल गैंग: भीड़भाड़ और साप्ताहिक बाजारों में सक्रिय लिटिल गैंग के सदस्यों के बारे में जागरूक करते हुए पुलिस ने लोगों को कई अहम जानकारी दी है. पुलिस की ओर से बताया गया कि गिरोह के सदस्य गैर राज्य से आते हैं, और दिल्ली-एनसीआर के बाजारों, सब्जी व फलों की मंडियों व साप्ताहिक बाजारों में मौका पाकर लोगों के कीमती मोबाइल चोरी करते हैं. दूसरे राज्य में जाकर चोरी के मोबाइल बेचने का काम होता है. गिरोह के सदस्य महिलाओं को ज्यादा निशाना बनाते हैं. आरोपी भीड़ में लोगों का ध्यान भंग होने की प्रतीक्षा करते थे. थोड़ी सी भी चूक होने पर तुरंत मोबाइल लेकर गायब हो जाते थे.

फर्जी हस्ताक्षर कर खाते से निकाले 5.25 लाख रुपये: ग्रेटर नोएडा वेस्ट निवासी आशीष कुमार ने बताया कि उन्होंने एक्सयूवी 700 कार खरीदने के लिए फरीदाबाद यूनाईटेड ऑटोमोबाइल के सेल्समैन रमेश राठौर से बातचीत की. जब गाड़ी की फाइनेंस कराने की बात हुई तब रमेश ने एसबीआई के फाइनेंसर आशीष से संपर्क करा दिया. इसके बाद आरोपी आशीष ने पीड़ित को कॉल की और फाइनेंस कराने की बात कही. पीड़ित का आरोप है कि 14 नवंबर 2024 को आशीष अपने साथी अंकित के साथ घर आया और तीन चेक लिया. तीनों ने चेक पर अमाउंट दूसरा लिखकर पीछे कूटरचित हस्ताक्षर कर दिया. इसके बाद पांच लाख 25 हजार रुपये की रकम पीड़ित के खाते से निकाल ली गई. पैसे निकलने का मैसेज भी पीड़ित के पास नहीं आया. इस दौरान शिकायतकर्ता का सिम भी बंद हो गया. पीड़ित का आरोप कि ऑटो मोबाइल कंपनी के सेल्समैन, फाइनेंसर व उसके साथी ने मिलकर ठगी की वारदात को अंजाम दिया है. नामजद आरोपियों से पूछताछ करने के बाद पुलिस आगे की कार्रवाई करने की बात कह रही है. पीड़ित ने संबंधित बैंक के कर्मियों की भूमिका भी पूरे मामले में संदिग्ध बताई है. मामले की शिकायत सबसे पहले पीड़ित ने भारतीय सरकार के साइबर पोर्टल पर की थी. जिसकी जांच अब साइबर क्राइम थाने की पुलिस द्वारा की जा रही है.

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