जमुई: बिहार के जमुई में तीनों अपहृत युवक सकुशल अपने धर लौट आए हैं. अपराधियों ने पहले 10 लाख रुपए फिरौती की मांग की थी, लेकिन उन्होंने तीन दिनों के अंदर ही बिना फिरौती की रकम लिए युवकों को छोड़ दिया. इतना ही नहीं उन्होंने घरवालों को फोन कर खुद लोकेशन की जानकारी भी दी.
जमुई में अपहरण का मामला: दरअसल बीते गुरुवार को जमुई के लक्ष्मीपुर थाना क्षेत्र के लडूंबा चौक के समीप से एक ही परिवार के तीन लोगों का अपहरण कर लिया गया था. घटना के बाद लोग सकते में थे. वहीं जमुई पुलिस इस अपहरण कांड को लेकर लगातार छापेमारी कर रही थी. मुंगेर रेंज के डीआईजी संजय कुमार और जमुई एसपी डॉक्टर शौर्य सुमन खुद लक्ष्मीपुर थाने में कैंप किए हुए थे. लेकिन कही कोई सुराग नहीं मिल रहा था.
किडनैपर्स ने खुद फोन कर बताया लोकेशन: जिसके बाद शनिवार को अचानक देर शाम तीनों अपहृत युवकों को छोड़ने की खबर हवा में तैरने लगी. लेकिन इसकी पुष्टि कोई नहीं कर रहा था. तभी अचानक रविवार रात करीब 2 बजे संजय साह (अपहृत युवकों के रिश्तेदार) की फोन की घंटी बजती है और कहा जाता है कि 'आपके लोगों को छोड़ दिया गया है, आकर ले जाइए.'
बिना फिरौती लिए ही युवकों को छोड़ा: इधर अपराधियों के बताए लोकेशन पर पहुंच कर परिजनों ने युवकों को सकुशल बरामद कर लिया. मिली जानकारी के अनुसार अपहरणकर्ताओं ने युवकों को छोड़ने के एवज में 10 लाख रुपए फिरौती की मांग की थी. जिसे घटा कर शनिवार को 5 लाख कर दिया था और आज तीनों को बिना फिरौती लिए ही छोड़ दिया गया. जिससे घरवालों के साथ पुलिस वाले भी अचंभित हैं.
पुलिस का बयान: इस पूरे मामले को लेकर जमुई एसपी डॉक्टर शौर्य सुमन ने बताया कि 'इस कांड का जमुई पुलिस पर्दाफाश करेगी और सभी दोषियों पर कड़ी कानूनी कार्रवाई की जायेगी'. फिलहाल जमुई जिले में फेक अपहरण की कहानी हवा में तैर रही है और कहा जा रहा है कि ये कैसा अपहरण जमुई में हो रहा है. जिसमें बिना पैसे लिए ही लोगों को छोड़ दिया जा रहा है. आपको बता दें कि लक्ष्मीपुर थाने में अपहरण की यह दूसरी घटना है.
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