शेखपुरा: पत्नी की निर्मम हत्या के आरोप में शेखपुरा में पति को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है. जिला न्यायालय में जिला जज दिग्विजय कुमार ने आरोपी पति सहित तीन को उम्रकैद की सजा सुनाई है. सजा मिलने के बाद पति और अन्य लोग कोर्ट परिसर में ही फूट-फूटकर रोने लगे. तीनों आरोपी जिले के चेवड़ा के रहने वाले हैं. अदालत ने पिछले दिनों तीनों को दोषी पाते हुए जेल भेज दिया था. अब सजा के बिंदु पर सुनवाई हुई.
मौत से पहले डॉक्टर के समक्ष दिया था बयान: जानकारी के अनुसार महिला ने मौत से पहले डॉक्टर के सामने अपना बयान दिया था. जिसको अभियोजन पक्ष ने प्रभावी तरीके से न्यायालय में पेश किया. कोर्ट ने सभी तथ्यों को ध्यान में रखते हुए तीनों को दोषी पाया था. प्राथमिकी दर्ज होने के बाद पुलिस ने अनुसंधान कार्य प्रारंभ किया लेकिन अनुसंधान के दौरान पुलिस ने इस मामले को रफा-दफा कर दिया और न्यायालय के समक्ष दाखिल आरोप पत्र में आरोपितों को क्लीन चिट दे दिया था. हालांकि बाद में न्यायालय ने इस मामले में संज्ञान लिया और 1 जून 2022 को तीनों आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र गठित किया गया.
क्या बोले जिला लोक अभियोजक?: इस मामले की जानकारी देते हुए जिला लोक अभियोजक उदय नारायण सिन्हा ने बताया कि पवन कुमार यादव अपने परिजन बलदेव यादव और कुंती देवी के साथ मिलकर विवाहित पत्नी सुनीता देवी को 11 मई 2016 को आग लगाकर जान मारने का प्रयास किया था. इस घटना में 60% से ज्यादा जली हालत में उसे इलाज के लिए जमुई जिला के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था. उसके बाद उसकी स्थिति बिगड़ने पर अन्य अस्पताल में भर्ती कराया गया. जहां इलाज के दौरान विवाहिता ने 25 जून 2016 को दम तोड़ दिया था.
9 गवाहों की न्यायालय के समक्ष गवाही दर्ज: वहीं महिला की मौत के बाद इस मामले में विवाहिता की मां ने चेवाड़ा थाने में प्राथमिक दर्ज कराई थी. इस मामले में इलाज करने वाले डॉक्टर, पुलिस अनुसंधानक और विवाहिता के परिजन शामिल हैं. इस मामले में विवाहिता को न्याय मिलने से सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण कारण मौत के पहले के उसके बयान को माना जा रहा है.
"मृतक महिला की मां ने चेवाड़ा थाने में प्राथमिक दर्ज कराई थी. जिसमें उन्होंने आरोप लगाया था कि उसके दामाद पवन कुमार यादव ने अपने परिजन बलदेव यादव और कुंती देवी के साथ मिलकर मेरी बेटी को जलाकर मार डाला. इलाज के दौरान 25 जून 2016 को उसकी मौत हो गई थी. महिला ने मरने से पहले डॉक्टर के सामने अपना बयान दिया था, जिस वजह से कोर्ट ने तीनों को दोषी माना है"- उदय नारायण सिन्हा, जिला लोक अभियोजक
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