देहरादून: साइबर ठग नए-नए तरीके अपना कर आम जनता को ठगी का शिकार बना रहे हैं. अगर वर्तमान की बात करें तो अब साइबर ठग एआई (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) यानी आवाज बदलकर लोगों को ठगने का काम कर रहे हैं. ताजा मामला देहरादून से सामने आया है. जहां साइबर ठग ने एआई की मदद से आवाज बदलकर बुजुर्ग से 6 लाख रुपए ठग लिए गए. साइबर ठग ने बुजुर्ग का न्यूजीलैंड में रह रहा भतीजा बनकर फोन पर बात की थी.
दरअसल, पटेल नगर निवासी 80 वर्षीय करतार सिंह ने कोतवाली पटेलनगर में एक शिकायत दर्ज कराई थी. जिसमें उन्होंने बताया है कि बीती 30 जनवरी की सुबह उन्हें किसी शख्स का फोन आया. जिसने कहा कि न्यूजीलैंड से उनका भतीजा जसवीर सिंह बात कर रहा है. उन्हें सामने वाले शख्स की आवाज बिल्कुल जसवीर सिंह की तरह लगी. इसलिए उन्हें संदेह भी नहीं हुआ.
शख्स ने करतार सिंह से कहा कि उसे किसी व्यक्ति को साढ़े 6 रुपए देने हैं, लेकिन उसके बैंक खाते में रकम ट्रांसफर नहीं हो रही है. इसलिए वो आपके (करतार सिंह) खाते में साढ़े 9 लाख रुपए भेज रहा है. इसमें से 6 लाख रुपए व्यक्ति के खाते में डाल देना. इसके लिए उसने करतार सिंह के खाते की जानकारी भी मांगी और कुछ देर बाद रुपए भेजने का एक फर्जी मैसेज भी भेज दिया.
करतार सिंह ने विश्वास करते हुए शख्स के बताए बैंक खाते में 6 लाख रुपए ट्रांसफर कर दिए. इसके बाद शाम को करतार सिंह ने भतीजे जसवीर सिंह को फोन किया और खाते में 6 लाख रुपए डालने की बात कही. जिस पर भतीजे ने बताया कि इस संबंध में उन्होंने न तो आपसे बात की है और न ही रुपए भेजने का कोई बैंक खाता नंबर दिया है. तब जाकर करतार सिंह को एहसास हुआ कि उनके साथ ठगी हो गई है.
वहीं, पीड़ित करतार सिंह ने आनन फानन में अज्ञात आरोपियों के खिलाफ कोतवाली पटेल नगर में मुकदमा दर्ज कराया. अब मामला साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन के पास पहुंच गया है. जहां साइबर पुलिस की टीम जांच पड़ताल में जुट गई है. वहीं, साइबर, पुलिस उपाधीक्षक अंकुश मिश्रा ने कहा कि इस तरह की कॉल को क्रॉस चेक करें. बिना जांच पड़ताल के किसी को पैसा न भेजें. इस तरह के मामलों में आरोपी रिश्तेदार या करीबी के नंबर से कभी कॉल नहीं करेगा. यदि ऐसा हो तो सावधान हो जाएं.
उन्होंने कहा कि किसी अनजान मोबाइल नंबर, क्यूआर कोड या बैंक खाते में रकम बिल्कुल भी न भेजें. ठगी का शिकार हो जाए तो 1930 पर कॉल कर शिकायत दें या फिर cybercrime.gov.in शिकायत करें. अपने नजदीकी साइबर थाने जाकर भी शिकायत की जा सकती है. साइबर पुलिस के जागरूक करने के बावजूद भी लोग इनके जाल में फंस रहे है.
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