देहरादून: उत्तराखंड में साइबर ठगी के मामले दिनों दिन बढ़ते जा रहे हैं. वहीं दून में लोगों के साथ साइबर ठगी के मामले बढ़ गए हैं. देहरादून के अलग-अलग थाना क्षेत्रों में साइबर ठगों ने लोगों को अपना शिकार बनाया है. पीड़ितों द्वारा ठगी होने के बाद दो रायपुर और एक राजपुर में अज्ञात आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है. जिसके बाद पुलिस मामले की जांच में जुट गई है.
बिजली बिल जमा करने को लेकर ठगी: अमित सिंह नेगी निवासी बालावाला ने साइबर थाना पुलिस को शिकायत दर्ज कराई थी की उनके मोबाइल पर व्हाट्सएप पर मैसेज आया था कि आपका बिजली का बिल अपडेट ना होने के कारण आपका बिजली का कनेक्शन काटा जा रहा है. जिसके बाद ठगों द्वारा बिजली का बिल अपडेट करने के लिए एक नंबर दिया गया. पीड़ित ने जब दिए गए नंबर पर बात की तो फोन कर्ता ने खुद को बिजली विभाग का कर्मचारी बताया और बिल अपडेट करने के लिए उसने गूगल प्ले स्टोर से क्विक सपोर्ट और इलेक्ट्रिसिटी बिल अपडेट नाम का एप डाउनलोड करने को कहा गया. ए डाउनलोड करने पर उसके द्वारा गूगल-पे से 10 रुपए प्रोसेसिंग फीस जमा करने को कहा था. इसके बाद बैंक खाते से दो बारी में कुल 48,500 रुपये कटने का मैसेज आया. पीड़ित शिकायत के आधार पर थाना रायपुर में मुकदमा दर्ज किया गया है.
इलाज के नाम पर ठगी: भरत सिंह रावत भूतपूर्व सैनिक निवासी शिवाजी एन्क्लेव वाणी विहार ने साइबर थाने में शिकायत दर्ज कराई कि 6 दिसंबर 2023 को पीड़ित के पास व्हट्सप कॉल आई और फोन कर्ता ने खुद को विदेश से प्रकाश कटोच बताया और इस नम्बर पर व्हाट्सएप डीपी भी पीड़ित के पहचान के सैनिक अधिकारी लेफ्टिनेंट जनरल प्रकाश कटोच की लगी थी. जो कि पहले से परिचित अधिकारी थे. काल करने वाले ने कहा कि वह प्रकाश कटोच बोल रहा है और आप से एक मदद की जरूरत है. फोन कर्ता ने कहा कि मेरी बहन का ऋषिकेश के पास एक्सीडेंट हो गया है और उनको तुरन्त मदद की आवश्यकता है.
बहन शायद आईसीयू में है, उनके साथ एक व्यक्ति है जो कि उनको देख रहा है. कहा कि जल्द पैसों की आवश्यकता है. अगर आप गूगल पे इस्तेमाल करते हो तो उसका नम्बर पर पे कर दो और आपको बाद में वापस कर दूंगा.उसके बाद जब पीड़ित ने घटनास्थल का डिटेल पूछी तो बताया गया कि देव सुमन अस्पताल आर्मी रोड नरेन्द्रनगर बताया. उसके बाद एक मैसेज में लिख कर एक नंबर भेजा. लेकिन कुछ ही देर में पीड़ित के पास प्रथमेश नाम के व्यक्ति का फोन आया और पीड़ित ने बहन के इलाज के लिए 50 हजार भेज दो.पीड़ित ने 50 हजार रुपए ट्रांसफर कर दिए. उसके बाद पीड़ित ने जब हालचाल पूछने के लिए फोन किया तो फोन नंबर बंद ऐया.पीड़ित की शिकायत के आधार पर अज्ञात आरोपी के खिलाफ थाना रायपुर में मुकदमा दर्ज कर पुलिस मामले की जांच कर रही है.
कोरियर के नाम पर ठगी: दिलीप मिश्रा निवासी कैनाल रोड़, किशनपुर ने साइबर पुलिस थाने में शिकायत दर्ज करवाई है कि उसने एक बैंक एटीएम कार्ड अप्लाई किया था, जोकि स्पीड पोस्ट से प्राप्त होना था. पीड़ित ने गूगल से ट्रेकिंग कर आईडी डालकर कोरियर का स्टेटस जानने की कोशिश की तो लोकेशन लखनऊ दिखाया. जब मुझे दो दिन बाद भी कोई कोरियर नहीं मिला तो गूगल पर जाकर स्पीड पोस्ट ट्रैकिंग वेबसाइट पर अपना स्टेटस चेक किया. जब अपना ट्रैकिंग आईडी डाला तो उसमे एक फोन आया. उस नंबर पर कॉल किया तो फोन कर्ता ने बताया आपका कोरियर पहुंच गया था.आपको कॉल भी किया पर आपने उठाया ही नहीं तो आपका कोरियर रिटर्निंग में डाल दिया है.
कोरियर वापस मंगवाना है तो आपको 10 रुपए को चार्ज देना होगा वो भी आपको ऑनलाइन जमा करना होगा. फिर फोन कर्ता ने पीड़ित के नम्बर पर एक लिंक भेजा और उस लिंक पर क्लिक किया तो उसमे एक एप खुला और पीड़ित द्वारा जिसमें 10 रुपए ऑनलाइन पेमेंट कर दिया. फोन कर्ता ने कहा की 24 घंटे के अंदर आपको कोरियर मिल जाएगा. अगले दिन दोपहर में कॉल किया तो फोन कर्ता ने डिलीवरी बॉय को नंबर दिया. लेकिन उसके बाद डिलिवरी बॉय का कॉल आया और उसने बोला कि कोरियर देने में समय लगेगा।उसके कुछ देर बाद पीड़ित के खाते से 98999 रुपए कट गए. फिर 5 मिनट बाद 1000 रुपए कट गए. उसके बाद सारे नंबर बंद हो गए. पीड़ित की तहरीर के आधार पर अज्ञात आरोपी के खिलाफ थाना राजपुर में मुकदमा दर्ज कर पुलिस मामले की जांच तेज कर दी है.
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