चमोली: जिला मुख्यालय गोपेश्वर की नई विकासनगर क्षेत्र में सरकार द्वारा करोड़ों का ट्रीटमेंट किया जा रहा है, जो ट्रीटमेंट कार्य लोगों के लिए अब मुसीबत बनता जा रहा है. स्थानीय लोगों का कहना है कि 2 वर्ष पूर्व जिला मुख्यालय गोपेश्वर के नई विकास नगर मोहल्ले में 15 से 20 घरों में भूधंसाव की चपेट में आ रहे थे, उस दौरान प्रशासन ने सभी आवासीय भवन स्वामियों को समाधान का आश्वासन दिया था. लेकिन ट्रीटमेंट के कार्य के दौरान लोगों के घरों में दरारें आने लगी हैं और जो दरारें पड़ी भी थी वो बड़ी होती जा रही है. जिसने लोगों की चिंताओं को बढ़ा दिया है.
शासन और प्रशासन की ओर से क्षेत्र का निरीक्षण किया गया और लोगों को स्थाई समाधान के लिए आश्वस्त किया गया. 2 वर्ष बाद क्षेत्र की ट्रीटमेंट के लिए 32 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से निर्माण कार्य किया जा रहा है. इस ट्रीटमेंट के बाद बड़ी-बड़ी मशीन यहां पर लगाई गई. इन मशीनों द्वारा किए जा रहे काम से सकारात्मक प्रभाव की बजाय लोगों के घरों में दरारें पड़ने लगी गई हैं और लोगों की चिंता भी बढ़ती जा रही हैं. लोग जान जोखिम में डालकर रहने को मजबूर हैं.
पढ़ें-दरारों से सहमा जोशीमठ! एक साल में कितने बदले हालात? सर्वे रिपोर्ट में हकीकत आई सामने
स्थानीय लोगों का कहना है कि ट्रीटमेंट के कार्य के साथ-साथ स्थानीय लोगों की आवासीय भवनों का भी ख्याल रखा जाए. दिन में लगातार दरारें बढ़ रही हैं. लोगों ने क्षेत्र का भूगर्भीय सर्वे कराने की मांग की है, ताकि लोगों को जान माल का नुकसान ना हो. उन्होंने प्रशासन को चेतावनी दी है कि शीघ्र अगर भवनों को लेकर गंभीरता से निर्णय नहीं लिया जाता है तो वह उग्र आंदोलन करने को मजबूर होंगे.