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भ्रष्टाचार पर नकेल, मेरठ में 10 हजार रिश्वत लेते महिला सप्लाई इंस्पेक्टर गिरफ्तार, लाख रुपये की रिश्वत मांगने पर वाराणसी निगम के दो कर्मचारी सस्पेंड - Bribe taking inspector arrested - BRIBE TAKING INSPECTOR ARRESTED

मेरठ में राशन वेरिफिकेशन सप्लाई इंस्पेक्टर 10 हजार की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया है. विजिलेंस की टीम ने शिकायत मिलने पर कार्रवाई की.

10 हजार की रिश्वत लेते विजिलेंस टीम ने किया गिरफ्तार
10 हजार की रिश्वत लेते विजिलेंस टीम ने किया गिरफ्तार (PHOTO credits ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jul 20, 2024, 11:09 PM IST

रिश्वतखोर इंस्पेक्टर गिरफ्तार (video credits ETV Bharat)

मेरठ: मेरठ में राशन वेरिफाई करने के नाम पर 10 हजार रुपए की रिश्वत लेते सप्लाई इंस्पेक्टर को रंगे हाथों गिरफ्तार किया है. विजिलेंस टीम ने सप्लाई इंस्पेक्टर तारावती को गिरफ्तार किया गया है. पीड़ित की शिकायत पर सप्लाई इंस्पेक्टर पर शिकंजा कसा गया. बता दें कि, पीड़ित शारिक खान की लिसाड़ी गेट क्षेत्र के लक्खीपुरा में सस्ते गल्ले राशन की दुकान है. शाहिद ने बताया कि, राशन दुकान पर जो खाद्यान्न आता है उसको मौके पर आकर आपूर्ति इंस्पेक्टर वेरिफाई करते हैं. लेकिन अप्रैल महीने से हमारे राशन को इंस्पेक्टर ने वेरिफाई नहीं किया. इंस्पेक्टर तारावती राशन वेरिफिकेशन के लिए 10 हजार रुपए मांग रही थी. इंस्पेक्टर कई बार कह चुकी कि पैसे दोगे तभी राशन वेरिफाई करूंगी. इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि, 5 हजार रुपए महीना के अनुसार रिश्वत दोगे तभी राशन वेरिफाई करुंगी.

शारिक खान का कहना है कि, कई महीनों से हमारा राशन वेरिफाई न होने के कारण नुकसान हो रहा था. अब मेरे पिताजी मोहम्मद शाहिद ने इंस्पेक्टर की शिकायत की थी. शिकायत के बाद ये एक्शन हुआ है. विजिलेंस टीम ने हीरालाल बिल्डिंग के पास से इंस्पेक्टर तारावती को गिरफ्तार किया है. पूरे मामले पर विजिलेंस की एसपी इंदु सिद्धार्थ का कहना है कि, शिकायत मिली थी कि, जिला आपूर्ति विभाग की इंस्पेक्टर तारावती स्टॉक सत्यापन के लिए रिश्वत की मांग कर रही है. शिकायत मिलने के बाद उनको ट्रैक किया गया. जिसमें सत्यता पाई गई और उनको विजिलेंस टीम ने रंगे हाथों पकड़ा है.

मकान के वार्षिक मूल्यांकन के बदले मांगे जा रही थी एक लाख की रिश्वत

वाराणसी: वाराणसी में मकान के वार्षिक मूल्यांकन को कम करने के लिए नगर निगम में चल रहे भ्रष्टाचार पर नगर आयुक्त अक्षत वर्मा ने बड़ा वार किया है. नगर आयुक्त ने वार्षिक मूल्यांकन कम करने के बदले में 1,00,000 लाख रुपये रिश्वत मांगने के आरोप में दो लोगों को सस्पेंड करते हुए मामले की जांच के लिए अधिकारी नियुक्त किए हैं. इस अवैध वसूली की शिकायत मेयर अशोक तिवारी से की गई थी. जिसके बाद मेयर के निर्देश पर नगर आयुक्त ने इस मामले की सीक्रेट जांच करवाते हुए बड़ी कार्रवाई की है.

नगर आयुक्त ने बताया कि, दोनों कर्मचारियों पर लगाए गए सभी आरोप शुरूआती चरण में तो सही पाए गए हैं. ऐसे में इन्हें निलंबित कर दिया गया है. लेकिन इस पूरे प्रकरण की सही से जांच हो इसके लिए एक अधिकारी को अलग से नियुक्त किया गया है. वह अधिकारी जांच पूरी करने के बाद 15 दिनों में अपनी जांच रिपोर्ट सौंपेंगे इसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी.

दरअसल मेयर अशोक तिवारी को चौक थाना इलाक के एक व्यक्ति की ओर से शिकायत की गई थी की मुख्यकर निर्धारण अधिकारी के कार्यालय में तैनात बाबू बृजेश कुमार गौतम उनके घर आए थे. बृजेश ने मकान के वार्षिक मूल्यांकन को कम करने के लिए उनसे बातचीत की. इस दौरान यह भी कहा कि यदि वार्षिक मूल्यांकन काम करवाना चाहते हैं तो 1,00,000 रुपये का खर्च लगेगा. उनके साथ एक दूसरा स्टाफ भी मौजूद था. नगर आयुक्त ने जांच के बाद दोनों कर्मचारियों पर आरोप को सही पाया और तत्काल नगर निगम के क्लर्क बृजेश कुमार गौतम और परिचारक विनोद सिंह को निलंबित कर दिया.

ये भी पढ़ें: हरदोई के नए SP की कार्रवाई; घूस मांगने के आरोप में दरोगा व सिपाही निलंबित, कांस्टेबल गिरफ्तार, SI फरार

रिश्वतखोर इंस्पेक्टर गिरफ्तार (video credits ETV Bharat)

मेरठ: मेरठ में राशन वेरिफाई करने के नाम पर 10 हजार रुपए की रिश्वत लेते सप्लाई इंस्पेक्टर को रंगे हाथों गिरफ्तार किया है. विजिलेंस टीम ने सप्लाई इंस्पेक्टर तारावती को गिरफ्तार किया गया है. पीड़ित की शिकायत पर सप्लाई इंस्पेक्टर पर शिकंजा कसा गया. बता दें कि, पीड़ित शारिक खान की लिसाड़ी गेट क्षेत्र के लक्खीपुरा में सस्ते गल्ले राशन की दुकान है. शाहिद ने बताया कि, राशन दुकान पर जो खाद्यान्न आता है उसको मौके पर आकर आपूर्ति इंस्पेक्टर वेरिफाई करते हैं. लेकिन अप्रैल महीने से हमारे राशन को इंस्पेक्टर ने वेरिफाई नहीं किया. इंस्पेक्टर तारावती राशन वेरिफिकेशन के लिए 10 हजार रुपए मांग रही थी. इंस्पेक्टर कई बार कह चुकी कि पैसे दोगे तभी राशन वेरिफाई करूंगी. इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि, 5 हजार रुपए महीना के अनुसार रिश्वत दोगे तभी राशन वेरिफाई करुंगी.

शारिक खान का कहना है कि, कई महीनों से हमारा राशन वेरिफाई न होने के कारण नुकसान हो रहा था. अब मेरे पिताजी मोहम्मद शाहिद ने इंस्पेक्टर की शिकायत की थी. शिकायत के बाद ये एक्शन हुआ है. विजिलेंस टीम ने हीरालाल बिल्डिंग के पास से इंस्पेक्टर तारावती को गिरफ्तार किया है. पूरे मामले पर विजिलेंस की एसपी इंदु सिद्धार्थ का कहना है कि, शिकायत मिली थी कि, जिला आपूर्ति विभाग की इंस्पेक्टर तारावती स्टॉक सत्यापन के लिए रिश्वत की मांग कर रही है. शिकायत मिलने के बाद उनको ट्रैक किया गया. जिसमें सत्यता पाई गई और उनको विजिलेंस टीम ने रंगे हाथों पकड़ा है.

मकान के वार्षिक मूल्यांकन के बदले मांगे जा रही थी एक लाख की रिश्वत

वाराणसी: वाराणसी में मकान के वार्षिक मूल्यांकन को कम करने के लिए नगर निगम में चल रहे भ्रष्टाचार पर नगर आयुक्त अक्षत वर्मा ने बड़ा वार किया है. नगर आयुक्त ने वार्षिक मूल्यांकन कम करने के बदले में 1,00,000 लाख रुपये रिश्वत मांगने के आरोप में दो लोगों को सस्पेंड करते हुए मामले की जांच के लिए अधिकारी नियुक्त किए हैं. इस अवैध वसूली की शिकायत मेयर अशोक तिवारी से की गई थी. जिसके बाद मेयर के निर्देश पर नगर आयुक्त ने इस मामले की सीक्रेट जांच करवाते हुए बड़ी कार्रवाई की है.

नगर आयुक्त ने बताया कि, दोनों कर्मचारियों पर लगाए गए सभी आरोप शुरूआती चरण में तो सही पाए गए हैं. ऐसे में इन्हें निलंबित कर दिया गया है. लेकिन इस पूरे प्रकरण की सही से जांच हो इसके लिए एक अधिकारी को अलग से नियुक्त किया गया है. वह अधिकारी जांच पूरी करने के बाद 15 दिनों में अपनी जांच रिपोर्ट सौंपेंगे इसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी.

दरअसल मेयर अशोक तिवारी को चौक थाना इलाक के एक व्यक्ति की ओर से शिकायत की गई थी की मुख्यकर निर्धारण अधिकारी के कार्यालय में तैनात बाबू बृजेश कुमार गौतम उनके घर आए थे. बृजेश ने मकान के वार्षिक मूल्यांकन को कम करने के लिए उनसे बातचीत की. इस दौरान यह भी कहा कि यदि वार्षिक मूल्यांकन काम करवाना चाहते हैं तो 1,00,000 रुपये का खर्च लगेगा. उनके साथ एक दूसरा स्टाफ भी मौजूद था. नगर आयुक्त ने जांच के बाद दोनों कर्मचारियों पर आरोप को सही पाया और तत्काल नगर निगम के क्लर्क बृजेश कुमार गौतम और परिचारक विनोद सिंह को निलंबित कर दिया.

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