जयपुर. राजस्थान की भजनलाल सरकार की नीतियों के खिलाफ सीपीआईएम सड़क पर उतरेगी. प्रदेशभर में 31 जुलाई को जिला और तहसील स्तर पर सीपीआईएम के पदाधिकारी और कार्यकर्ता सरकार की नीतियों को लेकर विरोध दर्ज करवाएंगे. दरअसल, सीपीआईएम की राज्य कमेटी की रविवार को अहम बैठक हुई. यह बैठक जयपुर के मजदूर-किसान भवन में हुई, जिसमें पोलित ब्यूरो की सदस्य वृंदा करात और पार्टी राज्य सचिव व सीकर सांसद अमराराम मौजूद रहे. कॉमरेड अमराराम ने बताया कि प्रदेश की भाजपा सरकार और आरएसएस द्वारा लागू की जा रही जनविरोधी नीतियों को लेकर बैठक में चिंता प्रकट की गई और इन नीतियों के खिलाफ आंदोलन करने का फैसला लिया गया है.
साम्प्रदायिकता फैला रही है सरकार : कॉमरेड अमराराम ने आरोप लगाया कि पिछले 8 महीने में प्रदेश की भजनलाल सरकार ने प्रदेश में सांप्रदायिकता फैलाने का काम किया है. सरकार की जनविरोधी नीतियों से राज्य की आम जनता, मजदूर, किसान, छात्र-युवा-महिला आदि सभी के हितों पर कुठाराघात किया जा रहा है. पूरे राज्य में अघोषित बिजली कटौती जारी है. ग्रामीण इलाकों में इस भीषण गर्मी में हर रोज 7-8 घंटे की अघोषित बिजली कटौती की जा रही है. राज्य के अनेक इलाकों में जनता गंभीर पेयजल संकट से जूझ रही है.
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महंगाई की मार से जनता बेहाल : उन्होंने कहा कि बेतहाशा बढ़ती महंगाई की मार से राज्य की जनता त्राहि-त्राहि कर रही है. राज्य में युवा बेरोजगारों को रोजगार देने की योजना बनाने की बजाय युवाओं का रोजगार छीनने का काम कर रही है. किसानों की जमीनों की नीलामी की घोषणा से किसानों में भारी भय व्याप्त है. पिछले आठ महीनों में राज्य में महिलाओं और मासूम बच्चियों पर यौन हिंसा और उत्पीड़न की घटनाओं में भारी बढ़ोतरी हुई है.
मंत्री और विधायक दे रहे भड़काने वाले बयान : उन्होंने कहा कि मंत्री और विधायक सांप्रदायिक तनाव फैलाने पर उतारू हैं. उन्होंने कहा कि चूरू जिले के राजगढ़ में तथाकथित गौरक्षकों ने गौरक्षा के नाम पर दो युवकों के साथ गंभीर मारपीट की. भरतपुर में ईसाई परिवार पर हमले जैसी गंभीर घटनाएं हो रही हैं. इन्हीं मुद्दों को लेकर सीपीआईएम की राज्य कमेटी ने आज संघर्ष का एलान किया है. जिसके तहत 31 जुलाई को जिला और तहसील स्तर पर विरोध प्रदर्शन किया जाएगा.
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CPIM की प्रमुख मांगें
- मनरेगा और शहरी क्षेत्र में रोजगार गारंटी कानून के तहत सभी को काम दिया जाए. भ्रष्टाचार खत्म हो.
- राज्य में किसानों की कुर्क की गई जमीनों की नीलामी पर स्थायी रूप से रोक लगाई जाए. किसानों का कर्ज माफ किया जाए.
- पेट्रोलियम पदार्थों पर वैट कम किया जाए.
- महंगाई पर प्रभावी अंकुश लगाया जाए और सार्वजनिक वितरण प्रणाली की दुकानों पर सभी आवश्यक वस्तुओं की बिक्री सुनिश्चित की जाए.
- पूर्ववर्ती सरकार की सभी जनकल्याणकारी योजनाओं को जारी रखते उनका विस्तार किया जाए.
- राज्य सरकार के मंत्रियों और विधायकों की सांप्रदायिकता को बढ़ावा देने वाली बयानबाजी पर रोक लगाई जाए.