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44 साल बाद आया कोर्ट का फैसला, दोषी को आजीवन कारावास की सजा - murder case In motihari - MURDER CASE IN MOTIHARI

murder case In motihari: हत्या के एक मामला में 44 साल बाद कोर्ट का फैसला आया है. कोर्ट ने एक नामजद अभियुक्त को आजीवन कारावास और 5 हजार का अर्थदंड लगाया है.अर्थ दंड नहीं देने पर अभियुक्त को एक वर्ष की अतिरिक्त सजा काटनी होगी.

murder case In motihari
44 साल बाद आया कोर्ट का फैसला (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Oct 2, 2024, 6:45 PM IST

Updated : Oct 2, 2024, 9:53 PM IST

मोतिहारी: कोर्ट ने पिपराकोठी थाना के बेला निवासी रामेश्वर राय को सजा सुनाई है. घटना साढ़े चार दशक पूर्व की है. पिपराकोठी थाना के वाटगंज निवासी इलाही बक्स अंसारी ने मुफ्फसिल थाना कांड संख्या 6/1980 दर्ज कराते हुए डेढ़ दर्जन लोगों को नामजद एवम अज्ञात पर प्राथमिकी दर्ज कराया था.

44 साल बाद आया कोर्ट का फैसला: हत्या के मामले में 44 वर्षों बाद कोर्ट का फैसला आया है. कोर्ट ने एक नामजद अभियुक्त को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. द्वितीय अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश अवधेश कुमार ने हत्या के एक मामले में दोषी पाते हुए नामजद एक अभियुक्त को आजीवन कारावास व पांच हजार रुपए अर्थ दंड की सजा सुनाई है. अर्थ दंड नहीं देने पर अभियुक्त को एक वर्ष की अतिरिक्त सजा काटनी होगी.

25-30 हथियारबंद लोगों ने किया था हमला : जख्मी हालत में सदर अस्पताल मोतिहारी में पुलिस को उसने बयान दिया था कि वह बेला गांव के शेख सनाउल्लाह के यहां नौकरी करते थे. वहीं 21 जून 1980 की संध्या करीब पांच बजे अपने मालिक के यहां गोवास पर उनके मवेशी को चारा खिला रहा था. उसी दौरान वाटगंज की ओर से नामजद लोगों सहित 25-30 आदमी हथियार से लैस होकर आए. सभी लोगों ने चारा मशीन सहित अन्य सामान के साथ तोड़फोड़ की और मारपीट करने लगे. इस दौरान उनलोगों ने कई राउंड गोली भी चलाई. जिसमें आधा दर्जन लोग गंभीर रूप से घायल हो गए.उस समय उसके मालिक शेख सनाउल्लाह गोवास पर नहीं थे.

चुनावी रंजिश में संघर्ष: सभी घायलों का इलाज सदर अस्पताल मोतिहारी में हुआ, जहां इलाज के दौरान सफायतुल्लाह उर्फ परवेज की मौत हो गई. घटना चुनावी रंजिश को लेकर की गई थी.सत्रवाद संख्या 261/1983 विचारण के दौरान अपर लोक अभियोजक सुदामा बैठा सहित आधा दर्जन अपर लोक अभियोजकों ने 15 गवाहों को न्यायालय में प्रस्तुत कर अभियोजन साक्ष्य रखा था.

5 अभियुक्तों को किया गया बरी: वहीं बचाव पक्ष की ओर से चार लोगों की गवाही हुई थी. वाद विचारण के दौरान धीरे धीरे आधा दर्जन अभियुक्तों की मृत्यु हो गई तथा कई अभियुक्तों के वाद पृथक हो गए. इस वाद के पांच अभियुक्तों में रामाशीष साह,जयमंगल साह, विश्वनाथ राय व रूपलाल राय को न्यायाधीश ने साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया.वहीं अभियुक्त रामेश्वर राय को दोषी पाते हुए न्यायाधीश ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई.

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मोतिहारी: कोर्ट ने पिपराकोठी थाना के बेला निवासी रामेश्वर राय को सजा सुनाई है. घटना साढ़े चार दशक पूर्व की है. पिपराकोठी थाना के वाटगंज निवासी इलाही बक्स अंसारी ने मुफ्फसिल थाना कांड संख्या 6/1980 दर्ज कराते हुए डेढ़ दर्जन लोगों को नामजद एवम अज्ञात पर प्राथमिकी दर्ज कराया था.

44 साल बाद आया कोर्ट का फैसला: हत्या के मामले में 44 वर्षों बाद कोर्ट का फैसला आया है. कोर्ट ने एक नामजद अभियुक्त को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. द्वितीय अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश अवधेश कुमार ने हत्या के एक मामले में दोषी पाते हुए नामजद एक अभियुक्त को आजीवन कारावास व पांच हजार रुपए अर्थ दंड की सजा सुनाई है. अर्थ दंड नहीं देने पर अभियुक्त को एक वर्ष की अतिरिक्त सजा काटनी होगी.

25-30 हथियारबंद लोगों ने किया था हमला : जख्मी हालत में सदर अस्पताल मोतिहारी में पुलिस को उसने बयान दिया था कि वह बेला गांव के शेख सनाउल्लाह के यहां नौकरी करते थे. वहीं 21 जून 1980 की संध्या करीब पांच बजे अपने मालिक के यहां गोवास पर उनके मवेशी को चारा खिला रहा था. उसी दौरान वाटगंज की ओर से नामजद लोगों सहित 25-30 आदमी हथियार से लैस होकर आए. सभी लोगों ने चारा मशीन सहित अन्य सामान के साथ तोड़फोड़ की और मारपीट करने लगे. इस दौरान उनलोगों ने कई राउंड गोली भी चलाई. जिसमें आधा दर्जन लोग गंभीर रूप से घायल हो गए.उस समय उसके मालिक शेख सनाउल्लाह गोवास पर नहीं थे.

चुनावी रंजिश में संघर्ष: सभी घायलों का इलाज सदर अस्पताल मोतिहारी में हुआ, जहां इलाज के दौरान सफायतुल्लाह उर्फ परवेज की मौत हो गई. घटना चुनावी रंजिश को लेकर की गई थी.सत्रवाद संख्या 261/1983 विचारण के दौरान अपर लोक अभियोजक सुदामा बैठा सहित आधा दर्जन अपर लोक अभियोजकों ने 15 गवाहों को न्यायालय में प्रस्तुत कर अभियोजन साक्ष्य रखा था.

5 अभियुक्तों को किया गया बरी: वहीं बचाव पक्ष की ओर से चार लोगों की गवाही हुई थी. वाद विचारण के दौरान धीरे धीरे आधा दर्जन अभियुक्तों की मृत्यु हो गई तथा कई अभियुक्तों के वाद पृथक हो गए. इस वाद के पांच अभियुक्तों में रामाशीष साह,जयमंगल साह, विश्वनाथ राय व रूपलाल राय को न्यायाधीश ने साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया.वहीं अभियुक्त रामेश्वर राय को दोषी पाते हुए न्यायाधीश ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई.

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Last Updated : Oct 2, 2024, 9:53 PM IST
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