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गर्भवती महिला से दुष्कर्म के आरोपी को कोर्ट ने सुनाई 10 साल की सजा - rape of pregnant woman

जयपुर में अदालत ने दुष्कर्म के आरोपी को 10 साल की सजा सुनाई है. अभियुक्त ने तीन माह की गर्भवती महिला के साथ उसके घर में घुस कर दुष्कर्म किया था.

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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Feb 28, 2024, 7:44 PM IST

जयपुर. महानगर की महिला उत्पीड़न एवं दहेज प्रकरण मामलों की विशेष अदालत द्वितीय ने तीन माह की गर्भवती विवाहिता के साथ दुष्कर्म करने वाले अभियुक्त परमजीत सिंह पंवार को दस साल की सजा सुनाई है. इसके साथ ही अदालत ने अभियुक्त पर छह हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है. पीठासीन अधिकारी आशा चौधरी ने अपने आदेश में कहा कि अभियुक्त ने गर्भवती महिला के साथ जबरन दुष्कर्म कर उसे जीवन भर की मानसिक क्षति पहुंचाई है. ऐसे में अभियुक्त के प्रति नरमी का रुख नहीं अपनाया जा सकता.

घर में घुसकर किया दुष्कर्म : अभियोजन पक्ष की ओर से विशेष लोक अभियोजक ने अदालत को बताया कि पीड़िता ने 27 जून 2020 को विश्वकर्मा थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी. रिपोर्ट में कहा गया कि उसका पति मार्बल का काम करता है. उसका पति ठेकेदार के साथ काम करने किशनगढ़ गया था और वह घर पर अकेली थी. दोपहर करीब 12 बजे वह खाना खा रही थी. इतने में उसके पति का परिचित अभियुक्त वहां आया और कमरे की कुंडी अंदर से बंद कर ली और उसके हाथ-पांव बांध दिए. इसके बाद अभियुक्त ने उसके साथ दुष्कर्म किया. उसने अभियुक्त को स्वयं के गर्भवती होने की बात कही, लेकिन अभियुक्त ने दुष्कर्म किया और भाग गया.

इसे भी पढ़ें-4 साल की मासूम से दुष्कर्म मामले में आरोपी को 20 साल कठोर कारावास की सजा

पीड़ित की रिपोर्ट पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने अभियुक्त को 1 जुलाई, 2020 को गिरफ्तार कर अदालत में आरोप पत्र पेश किया. वहीं, अभियुक्त की ओर से कहा गया कि उसे प्रकरण में जबरन फंसाया गया है. पीड़िता के पति के साथ काम करने के चलते वह उससे द्वेषता रखता है. दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद अदालत ने अभियुक्त को सजा और जुर्माने से दंडित किया है.

जयपुर. महानगर की महिला उत्पीड़न एवं दहेज प्रकरण मामलों की विशेष अदालत द्वितीय ने तीन माह की गर्भवती विवाहिता के साथ दुष्कर्म करने वाले अभियुक्त परमजीत सिंह पंवार को दस साल की सजा सुनाई है. इसके साथ ही अदालत ने अभियुक्त पर छह हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है. पीठासीन अधिकारी आशा चौधरी ने अपने आदेश में कहा कि अभियुक्त ने गर्भवती महिला के साथ जबरन दुष्कर्म कर उसे जीवन भर की मानसिक क्षति पहुंचाई है. ऐसे में अभियुक्त के प्रति नरमी का रुख नहीं अपनाया जा सकता.

घर में घुसकर किया दुष्कर्म : अभियोजन पक्ष की ओर से विशेष लोक अभियोजक ने अदालत को बताया कि पीड़िता ने 27 जून 2020 को विश्वकर्मा थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी. रिपोर्ट में कहा गया कि उसका पति मार्बल का काम करता है. उसका पति ठेकेदार के साथ काम करने किशनगढ़ गया था और वह घर पर अकेली थी. दोपहर करीब 12 बजे वह खाना खा रही थी. इतने में उसके पति का परिचित अभियुक्त वहां आया और कमरे की कुंडी अंदर से बंद कर ली और उसके हाथ-पांव बांध दिए. इसके बाद अभियुक्त ने उसके साथ दुष्कर्म किया. उसने अभियुक्त को स्वयं के गर्भवती होने की बात कही, लेकिन अभियुक्त ने दुष्कर्म किया और भाग गया.

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पीड़ित की रिपोर्ट पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने अभियुक्त को 1 जुलाई, 2020 को गिरफ्तार कर अदालत में आरोप पत्र पेश किया. वहीं, अभियुक्त की ओर से कहा गया कि उसे प्रकरण में जबरन फंसाया गया है. पीड़िता के पति के साथ काम करने के चलते वह उससे द्वेषता रखता है. दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद अदालत ने अभियुक्त को सजा और जुर्माने से दंडित किया है.

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