मनेन्द्रगढ़ चिरमिरी भरतपुर: राज्य सरकार की कोशिश है कि गांव कस्बों को शहरों से जोड़ा जाए. गांव के भीतर बनने वालों सड़कों को और बेहतर बनाया जाए. पर सरकार की योजनाओं को पलीता लगाने से ग्राम पंचायतों में लोग बाज नहीं आ रहे हैं. ताजा मामला जनपद पंचायत खड़गवां के पंचायत सैंदा का है. दस लाख की लागत से यहां पर पेपर ब्लॉक का काम किया गया था. तीन महीने बाद ही जमीन से पेपल ब्लॉक अब उखड़ने और फटने लगे हैं. गांव वालों की शिकायत है कि घटिया निर्माण सामग्री का इस्तेमाल किए जाने से ये हालात बने हैं.
भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ा पेपर ब्लॉक का काम: करीब तीन महीने पहले ही सैंदा पंचायत में लोगों की सुविधा के लिए पेपर ब्लॉक का काम कराया गया था. पंचायत का मकसद था कि पेपर ब्लॉक का काम होने से बारिश में सड़क बेहतर हो जाएगी और मॉनसून में होने वाला कीचड़ भी खत्म हो जाएगा. लोगों को भी आने जाने में सहूलियत मिलेगी. पर निर्माण कार्य में भ्रष्टाचार किए जाने के चलते यहां हुआ निर्माण कार्य अब तेजी से खराब होता जा रहा है.
जवाबदारी लेने से बच रहे जिम्मेदार: निर्माण कार्य में हुए भ्रष्टाचार को लेकर जब ईटीवी भारत की टीम ने ग्राम पंचायत सैंदा के सरपंच से बात करने की कोशिश की तो उनका फोन बंद मिला. उनका पक्ष लेने की के लिए लगातार फोन लगाया गया लेकिन उनका फोन बंद मिला. ईटीवी भारत की टीम से स्पष्ट करती है कि जब उनका पक्ष सामने आएगा तो हम उसे भी प्राथमिकता के साथ सामने रखेंगे.