अलवर. कोरोना महामारी से मृत्यु का क्लेम उठाने के लिए डाॅक्टर की फर्जी मुहर और हस्ताक्षर कर प्रमाण पत्र बनाने का मामला सामने आया है. कूट रचित दस्तावेज बनाने के मामले में शिवाजी पार्क प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी डाॅ. रतन बैरवा ने एक व्यक्ति के खिलाफ मामला दर्ज कराया है. पूरा फर्जीवाड़ा तब पकड़ा गया, जब आरोपी ने कोरोना से मृत्यु होने का जिला प्रशासन को क्लेम पेश किया. जांच में मामला फर्जी पाए जाने पर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ. योगेंद्र शर्मा के निर्देश पर चिकित्सा अधिकारी की ओर से मामला दर्ज कराया गया है.
मुहर और हस्ताक्षर नकली : अलवर सीएमएचओ डाॅ. योगेंद्र शर्मा ने बताया कि शिवाजी पार्क निवासी विजय कुमार ने शिवाजी पार्क के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के चिकित्सा प्रभारी डाॅ. रतन बैरवा की फर्जी मुहर बनाकर प्रमाण पत्र बनाया. प्रमाण पत्र पर उसने चिकित्सा प्रभारी के फर्जी हस्ताक्षर कर डिस्पैच नंबर भी चढ़ा दिए. प्रमाण पत्र में लिखा कि कोरोना पॉजिटिव रिपोर्ट में अजय कुमार की जगह गलती से विजय कुमार दर्ज हो गया. कोरोना पॉजिटिव असल में अजय कुमार था, जिसकी इस महामारी से मृत्यु हो गई. इस प्रमाण पत्र के जरिए उसने कोरोना से हुई मृत्यु के लिए क्लेम पेश कर दिया. जिला कलेक्टर ने मामले की जांच के लिए सीएमएचओ लिखा. सीएमएचओ डाॅ. योगेंद्र शर्मा ने जब चिकित्सा अधिकारी डाॅ. रतन बैरवा से रिपोर्ट मांगी तो उन्होंने कहा कि प्रमाण पत्र पर उनके हस्ताक्षर नहीं हैं. यह मुहर भी उनकी नहीं है.
शिवाजी पार्क थाने में कराई रिपोर्ट दर्ज : शिवाजी पार्क उप स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी डाॅ. रतन बैरवा ने शिवाजी पार्क निवासी विजय कुमार के खिलाफ थाने में कूट रचित दस्तावेज बनाकर फर्जी प्रमाण पत्र जारी करने की रिपोर्ट दर्ज कराई है. रिपोर्ट में लिखा कि वे शिवाजी पार्क स्थित शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में पद स्थापित हैं. उनकी नाम की मुहर बनाकर फर्जी हस्ताक्षर प्रमाण पत्र जारी किया है. प्रमाण पत्र पर डिस्पैच नंबर भी डाले गए हैं. अलवर शहर के शिवाजी पार्क थाना एएसआई रमेश कुमार मीणा ने बताया कि चिकित्सा अधिकारी की दर्ज कराई शिकायत पर रिपोर्ट दर्ज कर जांच शुरू कर दी है.