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जिलों में पूरा नहीं हो रहा लोन का लक्ष्य, निबंधक सोनिका ने जताई नाराजगी, ये सख्त दिशा निर्देश - cooperative department meeting

cooperative department meeting, Co-operative Registrar Sonika सहकारिता निबंधक सोनिका ने सहकारिता विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक की. बैठक के दौरान लोन बांटे जाने की स्थिति पर उन्होंने नाराजगी व्यक्त की. उन्होंने कार्यप्रणाली को बेहतर करने और अधिकारियों की जवाबदेही बढ़ाने के निर्देश दिये.

cooperative department meeting
जिलों में पूरा नहीं हो रहा लोन का लक्ष्य (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Sep 13, 2024, 7:45 PM IST

देहरादून: उत्तराखंड शासन ने हा लही में आईएएस अधिकारियों के दायित्वों में बड़ा फेरबदल किया था. जिसके बाद नए दायित्व को संभालते ही अधिकारी काफी अधिक एक्टिव नजर आ रहे हैं. जहां एक ओर देहरादून डीएम, जिले की कमान संभालने के बाद ही ताबड़तोड़ निर्णय ले रहे हैं, तो वहीं, सहकारिता निबंधक सोनिका भी पूरी तरह से एक्टिव दिख रही हैं. दरअसल, सहकारिता निबंधक सोनिका ने शुक्रवार को सहकारिता विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक की. बैठक के दौरान लोन बांटे जाने की स्थिति पर न सिर्फ नाराजगी व्यक्त की बल्कि अधिकारियों को इस बाबत चेतावनी भी दी. उन्होंने कहा तय लक्ष्य के आधार पर लोन बांटे जाए. इसकी मॉनिटरिंग भी की जाए.

बैठक के दौरान निबंधक सोनिका को जानकारी मिली कि देहरादून, चमोली, रुद्रप्रयाग और टिहरी जिले में दीर्घकालीन और मध्यकालीन लोन लक्ष्य के तहत न बांटे जाने का मामला सामने आया. जिस पर सहकारिता निबंधक ने नाराजगी जताते हुए अधिकारियों को चेतावनी दी कि इसकी लगातार मॉनिटरिंग की जाए साथ ही लक्ष्य के तहत लोन बांटे जाएं. साथ ही जिलों में एआर कोऑपरेटिव और बैंक के जीएम को निर्देश दिए कि जिलों के मुख्य विकास अधिकारियों के साथ बैठक करें.

निबंधक सोनिका ने सहकारिता विभाग की कार्यप्रणाली को बेहतर करने और अधिकारियों की जवाबदेही बढ़ाने के लिए 16 महत्वपूर्ण बिंदुओं पर समीक्षा बैठक की. साथ ही निर्देश दिए कि सहकारी समितियों में ग्रामीणों के बीच योजनाओं का प्रचार-प्रसार और प्रशिक्षण कार्यक्रम के लिए जिलों से रोस्टर बनाए जाए. अधिकारियों को सभी समितियों के ऑडिट के भी निर्देश दिय गये. इसके लिए अगर चार्टर्ड अकाउंटेंट सपोर्ट नहीं करते हैं, तो उन्हें ब्लैकलिस्टेड किया जाए.

दीनदयाल उपाध्याय सहकारी किसान कल्याण योजना के तहत लोन वितरण और वसूली को लेकर जिला सहकारी बैंकों और उनके संबंधित कार्यालयों के बीच समन्वय बनाकर, गहन निगरानी के निर्देश दिए गए. दीनदयाल उपाध्याय सहकारी किसान कल्याण योजना के तहत 2017 से अभी तक 9,74,148 लाभार्थियों और 5,459 स्वयं सहायता समूह को 5748.48 करोड़ रुपये लोन दिया जा चुका है. रायवाला सहकारी समिति की जिस जमीन का मुख्य राजस्व आयुक्त के कोर्ट केस में चल रहा है. उसको विभाग में लाने के लिए हर संभव प्रयास किया जाए. इसके लिए निबंधक ने जिला सहायक निबन्धक, देहरादून को जिम्मेदार दी है.

बैठक के दौरान निबंधक ने "जन औषधि केंद्र" में चम्पावत मॉडल को लागू करने के निर्देश दिए. दरअसल, चंपावत मॉडल में प्रॉफिट का 60 फीसदी हिस्सा संविदा फार्मेसिस्ट को दिया जाता है, जबकि 40 फीसदी हिस्सा समिति को मिलती है. इस योजना को लागू करने की वजह यही है कि ज्यादातर जिलों के एआर कोऑपरेटिव ने इस बात को कहा कि जन औषधि केंद्र में संविदा फार्मेसिस्ट को वेतन देने में दिक्कतें आ रही हैं.

देहरादून: उत्तराखंड शासन ने हा लही में आईएएस अधिकारियों के दायित्वों में बड़ा फेरबदल किया था. जिसके बाद नए दायित्व को संभालते ही अधिकारी काफी अधिक एक्टिव नजर आ रहे हैं. जहां एक ओर देहरादून डीएम, जिले की कमान संभालने के बाद ही ताबड़तोड़ निर्णय ले रहे हैं, तो वहीं, सहकारिता निबंधक सोनिका भी पूरी तरह से एक्टिव दिख रही हैं. दरअसल, सहकारिता निबंधक सोनिका ने शुक्रवार को सहकारिता विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक की. बैठक के दौरान लोन बांटे जाने की स्थिति पर न सिर्फ नाराजगी व्यक्त की बल्कि अधिकारियों को इस बाबत चेतावनी भी दी. उन्होंने कहा तय लक्ष्य के आधार पर लोन बांटे जाए. इसकी मॉनिटरिंग भी की जाए.

बैठक के दौरान निबंधक सोनिका को जानकारी मिली कि देहरादून, चमोली, रुद्रप्रयाग और टिहरी जिले में दीर्घकालीन और मध्यकालीन लोन लक्ष्य के तहत न बांटे जाने का मामला सामने आया. जिस पर सहकारिता निबंधक ने नाराजगी जताते हुए अधिकारियों को चेतावनी दी कि इसकी लगातार मॉनिटरिंग की जाए साथ ही लक्ष्य के तहत लोन बांटे जाएं. साथ ही जिलों में एआर कोऑपरेटिव और बैंक के जीएम को निर्देश दिए कि जिलों के मुख्य विकास अधिकारियों के साथ बैठक करें.

निबंधक सोनिका ने सहकारिता विभाग की कार्यप्रणाली को बेहतर करने और अधिकारियों की जवाबदेही बढ़ाने के लिए 16 महत्वपूर्ण बिंदुओं पर समीक्षा बैठक की. साथ ही निर्देश दिए कि सहकारी समितियों में ग्रामीणों के बीच योजनाओं का प्रचार-प्रसार और प्रशिक्षण कार्यक्रम के लिए जिलों से रोस्टर बनाए जाए. अधिकारियों को सभी समितियों के ऑडिट के भी निर्देश दिय गये. इसके लिए अगर चार्टर्ड अकाउंटेंट सपोर्ट नहीं करते हैं, तो उन्हें ब्लैकलिस्टेड किया जाए.

दीनदयाल उपाध्याय सहकारी किसान कल्याण योजना के तहत लोन वितरण और वसूली को लेकर जिला सहकारी बैंकों और उनके संबंधित कार्यालयों के बीच समन्वय बनाकर, गहन निगरानी के निर्देश दिए गए. दीनदयाल उपाध्याय सहकारी किसान कल्याण योजना के तहत 2017 से अभी तक 9,74,148 लाभार्थियों और 5,459 स्वयं सहायता समूह को 5748.48 करोड़ रुपये लोन दिया जा चुका है. रायवाला सहकारी समिति की जिस जमीन का मुख्य राजस्व आयुक्त के कोर्ट केस में चल रहा है. उसको विभाग में लाने के लिए हर संभव प्रयास किया जाए. इसके लिए निबंधक ने जिला सहायक निबन्धक, देहरादून को जिम्मेदार दी है.

बैठक के दौरान निबंधक ने "जन औषधि केंद्र" में चम्पावत मॉडल को लागू करने के निर्देश दिए. दरअसल, चंपावत मॉडल में प्रॉफिट का 60 फीसदी हिस्सा संविदा फार्मेसिस्ट को दिया जाता है, जबकि 40 फीसदी हिस्सा समिति को मिलती है. इस योजना को लागू करने की वजह यही है कि ज्यादातर जिलों के एआर कोऑपरेटिव ने इस बात को कहा कि जन औषधि केंद्र में संविदा फार्मेसिस्ट को वेतन देने में दिक्कतें आ रही हैं.

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