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बिहार में नदियों पर निगरानी के लिए कंट्रोल रूम शुरू, 31 अक्टूबर तक करेगा काम - Flood in Bihar

Water Resources Department बिहार में इस साल 15 जून के आसपास मानसून आने का अनुमान लगाया गया है. लेकिन नेपाल के जल ग्रहण क्षेत्र में होने वाली बारिश का सीधा असर बिहार की नदियों पर पड़ता है. इन पर नजर रखने के लिए जल संसाधन विभाग की ओर से कंट्रोल रूम बनाया गया है. पढ़ें, विस्तार से.

नदियों का जलस्तर.
नदियों का जलस्तर. (फाइल फोटो) (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Jun 2, 2024, 8:54 PM IST

पटना: जल संसाधन विभाग की ओर से बिहार में नदियों पर निगरानी के लिए कंट्रोल रूम ने काम करना शुरू कर दिया है. पिछले साल 2023 में 1 जून से 31 अक्टूबर तक बाढ़ अवधि तय की गयी थी. इस बार भी 1 जून से ही बाढ़ की अवधि तय की गयी है. कंट्रोल रूम 31 अक्टूबर तक बिहार की नदियों पर नजर रखेगा. 24 घंटे निगरानी की जाएगी. इसके लिए स्पेशल सेल भी बनाया गया है. स्पेशल सेल में 8-8 घंटे के शिफ्ट पर तीन दल काम करेंगे.

दो साल पहले आई थी बाढ़: बिहार में 2 साल पहले जून के प्रथम सप्ताह में ही गंडक नदी में बाढ़ आ गई थी. इसके कारण गोपालगंज में काफी तबाही मची थी. पहले 15 जून से बाढ़ अवधि तय थी. इसलिए जल संसाधन विभाग की और उस समय कंट्रोल रूम नहीं बनाया गया था. ना ही नदियों पर निगरानी रखी जा रही थी. उस घटना के बाद बाढ़ की अवधि को जल संसाधन विभाग ने नए सिरे से तय किया. अब 1 जून से ही जल संसाधन विभाग अपनी पूरी तैयारी कर लेती है. नदियों पर विशेषज्ञों की टीम नजर रखती है.

क्यों बनाया जाता है कंट्रोल रूमः बिहार में नेपाल में बारिश के कारण कई नदियों का जलस्तर बढ़ता है. खासकर उत्तर बिहार की नदियों का जलस्तर काफी बढ़ जाता है. उससे तटबंधों पर दबाव बन जाता है. ऐसी स्थिति में सही समय पर सूचना मिलने पर तटबंधों के दबाव वाले क्षेत्र में मरम्मत कर बड़ी घटना को टाला जाता है. यह सब कुछ कंट्रोल रूम के माध्यम से किया जाता है. इसलिए 2 साल पहले जो घटना घटी है उसको देखते हुए जल संसाधन विभाग ने यह नई रणनीति तैयार की है. इस बार भी कंट्रोल रूम 1 जून से ही शुरू हो गया है.

अधिक बारिश होने का अनुमानः जल संसाधन विभाग ने 6 कार्यपालक अभियंता और 16 सहायक अभियंता और 16 कनीय अभियंता को इस काम में लगाया है. तीन दल में 8 घंटे के शिफ्ट में 24 घंटे विशेषज्ञ निगरानी करेंगे. जरूरत पड़ने पर तुरंत एक्शन में आएंगे. मौसम विभाग ने इस बार सामान्य से अधिक बारिश होने का अनुमान लगाया है. ऐसे में जल संसाधन विभाग की मुश्किलें बढ़ सकती है. इसलिए विभाग की ओर से कंट्रोल रूम में अभी से ही एहतियात बरता जा रहा है.

इसे भी पढ़ेंः बिहार में इस साल टूटेगा बारिश का दो दशक का रिकॉर्ड, जान लीजिए मौसम विभाग का अपडेट - Bihar Monsoon Update

इसे भी पढ़ेंः बस कुछ दिन और..बहुत जल्द बिहार के लोगों को गर्मी से मिलेगी राहत, इस दिन से होगी झमाझम बारिश - Bihar Monsoon Update

पटना: जल संसाधन विभाग की ओर से बिहार में नदियों पर निगरानी के लिए कंट्रोल रूम ने काम करना शुरू कर दिया है. पिछले साल 2023 में 1 जून से 31 अक्टूबर तक बाढ़ अवधि तय की गयी थी. इस बार भी 1 जून से ही बाढ़ की अवधि तय की गयी है. कंट्रोल रूम 31 अक्टूबर तक बिहार की नदियों पर नजर रखेगा. 24 घंटे निगरानी की जाएगी. इसके लिए स्पेशल सेल भी बनाया गया है. स्पेशल सेल में 8-8 घंटे के शिफ्ट पर तीन दल काम करेंगे.

दो साल पहले आई थी बाढ़: बिहार में 2 साल पहले जून के प्रथम सप्ताह में ही गंडक नदी में बाढ़ आ गई थी. इसके कारण गोपालगंज में काफी तबाही मची थी. पहले 15 जून से बाढ़ अवधि तय थी. इसलिए जल संसाधन विभाग की और उस समय कंट्रोल रूम नहीं बनाया गया था. ना ही नदियों पर निगरानी रखी जा रही थी. उस घटना के बाद बाढ़ की अवधि को जल संसाधन विभाग ने नए सिरे से तय किया. अब 1 जून से ही जल संसाधन विभाग अपनी पूरी तैयारी कर लेती है. नदियों पर विशेषज्ञों की टीम नजर रखती है.

क्यों बनाया जाता है कंट्रोल रूमः बिहार में नेपाल में बारिश के कारण कई नदियों का जलस्तर बढ़ता है. खासकर उत्तर बिहार की नदियों का जलस्तर काफी बढ़ जाता है. उससे तटबंधों पर दबाव बन जाता है. ऐसी स्थिति में सही समय पर सूचना मिलने पर तटबंधों के दबाव वाले क्षेत्र में मरम्मत कर बड़ी घटना को टाला जाता है. यह सब कुछ कंट्रोल रूम के माध्यम से किया जाता है. इसलिए 2 साल पहले जो घटना घटी है उसको देखते हुए जल संसाधन विभाग ने यह नई रणनीति तैयार की है. इस बार भी कंट्रोल रूम 1 जून से ही शुरू हो गया है.

अधिक बारिश होने का अनुमानः जल संसाधन विभाग ने 6 कार्यपालक अभियंता और 16 सहायक अभियंता और 16 कनीय अभियंता को इस काम में लगाया है. तीन दल में 8 घंटे के शिफ्ट में 24 घंटे विशेषज्ञ निगरानी करेंगे. जरूरत पड़ने पर तुरंत एक्शन में आएंगे. मौसम विभाग ने इस बार सामान्य से अधिक बारिश होने का अनुमान लगाया है. ऐसे में जल संसाधन विभाग की मुश्किलें बढ़ सकती है. इसलिए विभाग की ओर से कंट्रोल रूम में अभी से ही एहतियात बरता जा रहा है.

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