भोपाल: भारतीय संविधान को अपनाए जाने के 75 वर्ष 26 नवंबर को पूरे हो रहे हैं. इस मौके पर मध्य प्रदेश में 26 नवंबर संविधान दिवस के दिन को सरकारी तौर पर मनाए जाने के निर्देश जारी कर दिए गए हैं. इन निर्देशों में कहा गया है कि संविधान दिवस पर संविधान की प्रस्तावना का सामूहिक वाचन शासकीय सेवक करेंगे जिसमें आम लोगों की भी भागीदारी सुनिश्चित की जाए. संविधान की प्रस्तावना पढ़ने के दौरान की सेल्फी लेकर उसे अपलोड करने पर प्रमाण पत्र दिया जाएगा.
संविधान की प्रस्तावना पढ़ते हुए लें अपनी सेल्फी, करें अपलोड
कमिश्नर कलेक्टर से लेकर जिला पंचायत स्तर तक संविधान दिवस को लेकर शासन की ओर से जो पत्र जारी किया गया है उसमें निर्देशित किया गया है कि संविधान दिवस के मौके पर संविधान की प्रस्तावना (प्रीएम्बल) के सामूहिक वाचन के लिए अधिक से अधिक संख्या में शासकीय कर्मचारी जमा हों. इनके साथ ही आम लोगों की भी इसमें भागीदारी दर्ज की जाए. परिपत्र में कहा गया है कि सामूहिक वाचन की तस्वीर जो कि सेल्फी भी हो सकती है. इसे लेकर constitutaion75.com पर अपलोड किया जाना है. इस साइट पर अपलोड करने के बाद साइट से ही एक प्रमाण पत्र तैयार हो जाएगा जिसे डाउनलोड करके इसे सोशल मीडिया पर साझा भी किया जा सकता है.
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पहली बार संविधान दिवस मनाए जाने के निर्देश
इस 26 नवंबर 2024 को भारतीय संविधान को अपनाए जाने के 75 वर्ष पूर्ण हो रहे हैं. इस मौके पर मध्य प्रदेश में संविधान दिवस को मनाए जाने के निर्देश भारत सरकार की ओर से दिए गए हैं. भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय इन कार्यक्रमों की मॉनिटरिंग कर रहा है और इसके लिए एक नोडल अधिकारी की नियुकति भी की गई है. इसके अलावा कार्यक्रम के संबंध में सारी जानकारी संस्कृति मंत्रालय के साथ संसदीय कार्य विभाग को भी भेजी जानी है.
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संविधान दिवस पर पदयात्रा निकालेंगे खिलाड़ी
संविधान दिवस को अपनी अपनी तरह से मनाया जा रहा है. देश भर में इस दिन निकाली जा रही पदयात्राओं की कड़ी में भोपाल में भी खिलाड़ियों से लेकर नौजवान विद्यार्थी और जन प्रतिनिधि संविधान के प्रति अपना सम्मान जताने पदयात्रा पर निकलेंगे. भोपाल के शौर्य स्मारक से शाम चार बजे शुरू होने वाली ये पदयात्रा बाबा साहब की प्रतिमा पर जाकर समाप्त होगी.
क्यों मनाया जाता है संविधान दिवस...संविधान में क्या खासियत
संविधान दिवस हर साल 26 नवंबर को मनाया जाता है. दो साल 11 महीने और 18 दिन में तैयार हुआ दुनिया का सबसे बड़ा लिखित संविधान जो 26 नवंबर को पूरा हुआ. बाबा साहब अम्बेडकर इस संविधान के निर्माता थे. पहली बार संविधान दिवस 2015 में मनाया गया उसके बाद से हर साल इस दिन को मनाया जाता है. इस दिन संविधान की प्रस्तावना को पढ़ने का आग्रह होता है. वो इसलिए कि संविधान के इसी हिस्से को संविधान की आत्मा कहा जाता है. असल में ये जो प्रिएम्बल यानि प्रस्तावना है यही पूरे संविधान का निचोड़ है. इसे संविधान की आत्मा भी कहा जा सकता है.