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अंबेडकर के मामले में कोटा में तीन गुटों में बंटी कांग्रेस, धारीवाल और गुंजल ने किया अलग-अलग प्रदर्शन - CONGRESS PROTEST IN KOTA

डॉ भीमराव अंबेडकर के मामले में प्रदर्शन करने और ज्ञापन देने के मामले में कांग्रेस गुटों में बंटी नजर आई.

Congress Protest in Kota
कांग्रेस का कोटा में प्रदर्शन (ETV Bharat Kota)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Dec 24, 2024, 4:09 PM IST

कोटा: ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी ने जिला स्तर पर कांग्रेस को डॉ भीमराव अंबेडकर के मामले में प्रदर्शन करने और ज्ञापन देने के निर्देश दिए थे. हालांकि कोटा में ये निर्देश शक्ति प्रदर्शन का जरिया बन गए. कांग्रेस तीन भागों में बंटी नजर आई. दो गुटों ने जमकर प्रदर्शन और शक्ति प्रदर्शन भी किया. इस दौरान ज्यादा से ज्यादा कार्यकर्ता लाकर ताकत दिखाने का काम भी किया गया. इसमें एक तरफ पूर्व विधायक प्रहलाद गुंजल थे, तो दूसरी तरफ विधायक शांति धारीवाल के कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किया.

कोटा में कांग्रेस का अलग-अलग प्रदर्शन (ETV Bharat Kota)

प्रहलाद गुंजल ने कार्यकर्ताओं के साथ कलेक्ट पर धरना दिया और जमकर अमित शाह और केंद्र की भाजपा सरकार पर हमला बोला. दूसरी तरफ शांति धारीवाल ने सर्किट हाउस से कलेक्ट्रेट तक पैदल मार्च की घोषणा की और इसमें कांग्रेस के कार्यकर्ता पहुंचे. हालांकि महिला प्रदेश कांग्रेस की अध्यक्ष राखी गौतम और शहर जिला अध्यक्ष रविंद्र त्यागी इन दोनों प्रदर्शनों से अलग जिला कलेक्टर पहुंचे. जहां पर अधिकारियों को ज्ञापन देकर रवाना हो गए.

पढ़ें: गहलोत बोले- भाजपा को इतिहास नहीं पता, बाबा साहेब को मंत्री और अध्यक्ष बनाकर कांग्रेस ने दिया था सम्मान

मुझे जानकारी नहीं धारीवाल कहा-गुंजल: गुंजल ने कहा कि कोई गुट नहीं है, यह धरना पहले से तय था. कल ही एआईसीसी का कार्यक्रम आया है, इसलिए सब शामिल हैं. धारीवाल के संबंध में सवाल पूछने पर उन्होंने कहा कि वे जयपुर होंगे, मुझे जानकारी नहीं है. जब अलग रैली निकालने की बात कही, तो उन्होंने कहा कि यह मेरी जानकारी में नहीं है.

पढ़ें: मनु स्मृति और संविधान पर घमासान, मदन राठौड़ बोले- मनु स्मृति की बात करने वाले क्यों नहीं करते शरीयत की चर्चा?

इधर उन्होंने अमित शाह और भाजपा पर हमला बोलते हुए कहा कि पार्लियामेंट में गृहमंत्री का बयान साधारण बयान नहीं है. अंबेडकर बोलना फैशन हो गया है. यह संविधान की व्यवस्था को चुनौती है. अंबेडकर के विचार को भारत राष्ट्र से समाप्त करने का षड्यंत्र है. दुनिया में जहां भी सामाजिक असमानता है, तमाम सरकारें अंबेडकर के विचार को अंगीकार करके मुल्क को प्रकृति के रास्ता पर ले जा रही हैं. भारत में अंबेडकर का विचार समाप्त हो गया, तो स्वतंत्रता के अर्थ समाप्त हो जाएंगे. पूरा देश इसके खिलाफ उठकर खड़े हो जाएंगे.

पढ़ें: केंद्र और राज्य सरकार पर पायलट और डोटासरा ने लगाए आरोप, संसद में हुए विवाद पर बोले- बीजेपी ने रचा नाटक

अलग प्रदर्शन पर धारीवाल ने नहीं दिया जवाब: अलग-अलग प्रदर्शन के सवाल पर धारीवाल ने कहा कि अंबेडकर के मामले में गली-गली में प्रदर्शन होंगे. जब उनसे पूछा गया कि कांग्रेस अलग-अलग गुटों में बट गई है क्या?, तब वह सवाल को टाल गए और कुछ भी नहीं बोले. इससे पहले कांग्रेस पदाधिकारी को ज्ञापन देने के लिए उन्होंने निर्देश दिया. साथ ही यह भी कह दिया कि ज्ञापन देने से कुछ नहीं होगा. अगर अधिकारी आगे ज्ञापन भेजेंगे, तो उनकी नौकरी भी चली जाएगी. इसके पहले धारीवाल ने कहा कि अमित शाह को इस्तीफा देना चाहिए. यह पूरी तरह से उन्होंने संविधान निर्माता बाबा साहब अंबेडकर का अपमान किया है.

कांग्रेस कार्यकर्ताओं की पुलिस से हुई धक्का-मुक्की: धारीवाल के पैदल मार्च में शामिल कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने कलेक्ट्रेट में प्रवेश का प्रयास किया. इस दौरान पहले से मौजूद भारी पुलिस जाप्ते ने उन्हें रोकने का प्रयास किया. यूथ कांग्रेस कार्यकर्ता यश गौतम, हर्ष मेहरा सहित बड़ी संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ता पुलिस से उलझ गए. काफी देर पुलिस से तक धक्का-मुक्की हुई. बाद में कांग्रेस के वरिष्ठ कार्यकर्ताओं ने इन्हें समझाया और दूर हटाया.

कोटा: ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी ने जिला स्तर पर कांग्रेस को डॉ भीमराव अंबेडकर के मामले में प्रदर्शन करने और ज्ञापन देने के निर्देश दिए थे. हालांकि कोटा में ये निर्देश शक्ति प्रदर्शन का जरिया बन गए. कांग्रेस तीन भागों में बंटी नजर आई. दो गुटों ने जमकर प्रदर्शन और शक्ति प्रदर्शन भी किया. इस दौरान ज्यादा से ज्यादा कार्यकर्ता लाकर ताकत दिखाने का काम भी किया गया. इसमें एक तरफ पूर्व विधायक प्रहलाद गुंजल थे, तो दूसरी तरफ विधायक शांति धारीवाल के कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किया.

कोटा में कांग्रेस का अलग-अलग प्रदर्शन (ETV Bharat Kota)

प्रहलाद गुंजल ने कार्यकर्ताओं के साथ कलेक्ट पर धरना दिया और जमकर अमित शाह और केंद्र की भाजपा सरकार पर हमला बोला. दूसरी तरफ शांति धारीवाल ने सर्किट हाउस से कलेक्ट्रेट तक पैदल मार्च की घोषणा की और इसमें कांग्रेस के कार्यकर्ता पहुंचे. हालांकि महिला प्रदेश कांग्रेस की अध्यक्ष राखी गौतम और शहर जिला अध्यक्ष रविंद्र त्यागी इन दोनों प्रदर्शनों से अलग जिला कलेक्टर पहुंचे. जहां पर अधिकारियों को ज्ञापन देकर रवाना हो गए.

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मुझे जानकारी नहीं धारीवाल कहा-गुंजल: गुंजल ने कहा कि कोई गुट नहीं है, यह धरना पहले से तय था. कल ही एआईसीसी का कार्यक्रम आया है, इसलिए सब शामिल हैं. धारीवाल के संबंध में सवाल पूछने पर उन्होंने कहा कि वे जयपुर होंगे, मुझे जानकारी नहीं है. जब अलग रैली निकालने की बात कही, तो उन्होंने कहा कि यह मेरी जानकारी में नहीं है.

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इधर उन्होंने अमित शाह और भाजपा पर हमला बोलते हुए कहा कि पार्लियामेंट में गृहमंत्री का बयान साधारण बयान नहीं है. अंबेडकर बोलना फैशन हो गया है. यह संविधान की व्यवस्था को चुनौती है. अंबेडकर के विचार को भारत राष्ट्र से समाप्त करने का षड्यंत्र है. दुनिया में जहां भी सामाजिक असमानता है, तमाम सरकारें अंबेडकर के विचार को अंगीकार करके मुल्क को प्रकृति के रास्ता पर ले जा रही हैं. भारत में अंबेडकर का विचार समाप्त हो गया, तो स्वतंत्रता के अर्थ समाप्त हो जाएंगे. पूरा देश इसके खिलाफ उठकर खड़े हो जाएंगे.

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अलग प्रदर्शन पर धारीवाल ने नहीं दिया जवाब: अलग-अलग प्रदर्शन के सवाल पर धारीवाल ने कहा कि अंबेडकर के मामले में गली-गली में प्रदर्शन होंगे. जब उनसे पूछा गया कि कांग्रेस अलग-अलग गुटों में बट गई है क्या?, तब वह सवाल को टाल गए और कुछ भी नहीं बोले. इससे पहले कांग्रेस पदाधिकारी को ज्ञापन देने के लिए उन्होंने निर्देश दिया. साथ ही यह भी कह दिया कि ज्ञापन देने से कुछ नहीं होगा. अगर अधिकारी आगे ज्ञापन भेजेंगे, तो उनकी नौकरी भी चली जाएगी. इसके पहले धारीवाल ने कहा कि अमित शाह को इस्तीफा देना चाहिए. यह पूरी तरह से उन्होंने संविधान निर्माता बाबा साहब अंबेडकर का अपमान किया है.

कांग्रेस कार्यकर्ताओं की पुलिस से हुई धक्का-मुक्की: धारीवाल के पैदल मार्च में शामिल कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने कलेक्ट्रेट में प्रवेश का प्रयास किया. इस दौरान पहले से मौजूद भारी पुलिस जाप्ते ने उन्हें रोकने का प्रयास किया. यूथ कांग्रेस कार्यकर्ता यश गौतम, हर्ष मेहरा सहित बड़ी संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ता पुलिस से उलझ गए. काफी देर पुलिस से तक धक्का-मुक्की हुई. बाद में कांग्रेस के वरिष्ठ कार्यकर्ताओं ने इन्हें समझाया और दूर हटाया.

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