कोटा. राज्य में भीषण गर्मी का दौर जारी है. कोटा में लगातार लावारिस शव बरामद हो रहे हैं. वहीं, अब इस भीषण गर्मी के मुद्दे को लेकर प्रदेश के पूर्व मंत्री व कोटा उत्तर के विधायक शांति धारीवाल ने भजनलाल सरकार पर हमला बोला है. धारीवाल ने प्रदेश की भाजपा सरकार आरोप लगाते हुए कहा कि कोटा में 30 से ज्यादा लोगों की मौत गर्मी से हुई है, लेकिन प्रशासन इन आंकड़ों को छुपा रहा है. साथ ही इन मौत के भिन्न कारण बताए जा रहे हैं. इसके अलावा मृतकों की पोस्टमार्टम रिपोर्ट को भी सार्वजनिक नहीं किया जा रहा है. यह सब कुछ इसलिए किया जा रहा है, ताकि आपदा प्रबंधन के जरिए इन लोगों को मुआवजा न दिया जाए.
धारीवाल ने कहा कि प्रशासन का कर्तव्य बनता है कि लावारिस लाशों की पोस्टमार्टम रिपोर्ट को सार्वजनिक करें, जिन्हें बिल्कुल भी सार्वजनिक नहीं किया गया है. साथ ही मौत के भिन्न कारण बताए जा रहे हैं. ऐसा लगता है कि प्रशासन और चिकित्सा विभाग को ऊपर से डायरेक्शन मिला हुआ है. यही वजह है कि एक भी मौत हीट स्ट्रोक से होने की पुष्टि नहीं की गई है. उन्होंने कहा कि यह घोर लापरवाही व उन लोगों के साथ नाइंसाफी है, जिनकी मौत हीट स्ट्रोक से हुई है. ये गरीब लोग फुटपाथ पर रहा करते थे और फुटपाथ पर ही उनके शव पाए गए हैं, जबकि मौसम विभाग मानता है कि गर्मी से मौत होगी. धारीवाल ने प्रशासन की व्यवस्थाओं को नाकाफी बताते हुए कहा कि हमेशा की तरह ही नगर निगम व यूआईटी शेल्टर का प्रबंध करती थी, जिसमें फुटपाथ पर सो रहे लोगों को रखा जाता था. उनके खाने-पीने का इंतजाम किया जाता था. इस बार प्याऊ भी नहीं लगाए गए हैं.
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एक मंत्री मुआवजा घोषित कर रहे, दूसरे का मौत से इनकार : धारीवाल ने कहा कि आपदा राहत मंत्री किरोड़ी लाल मीणा ने हीट स्ट्रोक से मौत पर मुआवजा देने की घोषणा कर दी, लेकिन चिकित्सा मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर कह रहे हैं कि जब मौत ही नहीं हुई तो मुआवजा किसे दिया जाए? मंत्रियों के आपसी विवाद की वजह से मामला फंसा हुआ है. दूसरी तरफ प्रदेश के मुख्यमंत्री भजनलाल को बाहर के दौरों और चुनावी प्रचार से फुर्सत नहीं है. मंत्री किरोड़ी लाल मीणा आंकड़े जारी कर रहे हैं, जबकि प्रशासन उन्हीं आंकड़ों का खंडन कर रहा है.
इन मौत के लिए कौन जिम्मेदार : धारीवाल ने चेतावनी दी कि लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी. अघोषित बिजली कटौती से पूरे प्रदेश की जनता परेशान है. कांग्रेस इस मामले को उचित प्लेटफार्म पर उठाकर सरकार को घेरेगी और सरकार से जवाब मांगेगी. साथ ही हीट स्ट्रोक से हुई मौतों के लिए जिम्मेदार कौन है, उन पर एक्शन होना चाहिए. इसके लिए जिम्मेदार सरकार में बैठे हुए लोग हैं या फिर अधिकारी यह भी स्पष्ट सामने आना चाहिए. राज्य सरकार और जिला प्रशासन को चाहिए कि जितनी भी मौत हुई है, उनकी पोस्टमार्टम रिपोर्ट को सार्वजनिक किया जाए और परिजनों को तुरंत मुआवजा दिया जाए.