जयपुर: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को लोकसभा में आम बजट 2024 को पेश कर दिया. ये मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का पहला बजट था. पूरे देश के लोगों की निगाहें इस बजट पर टिकी हुई थीं. बजट के जरिए भले ही वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आम और खास को साधने की कोशिश की हो, लेकिन बजट की घोषणाओं पर कांग्रेस और भाजपा के नेताओं ने अपने-अपने रिएक्शन दिए हैं. कांग्रेस नेताओं ने इस बजट को दिशाहीन, विजन से परे सिर्फ और सिर्फ आंकड़ों का पुलिंदा बताते हुए कहा कि इस बजट में राजस्थान की 11 सीटों पर हार का दर्द झलका.
बजट निराशा लेकर आया: केंद्र सरकार के बजट को लेकर पीसीसी अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि बजट बहुत बड़ी निराशा लेकर आया है. बजट में ना किसान केंद्र बिंदु में था, ना रोजगार और ना ही महिला सशक्तिकरण. यहां तक कि बजट में कर्मचारी वर्ग भी कहीं नहीं दिखा. उन्होंने कहा कि बजट में कोई विजन नहीं था, यह केवल आंकड़ों का पुलिंदा है. बजट पूरीतरह से दिशाहीन है. इसने सभी को निराशा किया.
राजस्थान की अनदेखी: डोटासरा ने कहा कि इस बजट में राजस्थान के हितों को अनदेखा किया गया है. राजस्थान से 11 सीट हारने का दर्द इस बजट में झलक रहा है. सरकार बचाने के लिए बिहार और आंध्र प्रदेश के लिए इस बजट को समर्पित कर दिया. बजट में पर्यटन को खास जगह नहीं देने के सवाल पर पर डोटासरा ने कहा कि गजेंद्र सिंह शेखावत पहले जल संसाधन मंत्री थे. उन्होंने कुछ किया नहीं, इसलिए उन्हें ठंडा विभाग पर्यटन दिया गया. इस बजट में भी पर्यटन को कुछ नहीं मिला. बजट से राजस्थान गायब कर दिया गया.
सरकार बचाने का बजट: नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने कहा कि केंद्र सरकार यह बजट सरकार बचाने का बजट है. जो हालात केंद्र में बन रहे हैं, उनकी झलक इसमें दिखाई दे रही है. आज 50 हजार करोड़ से अधिक बिहार को दिया गया. साफ दिखाई दे रहा है केंद्र सरकार पर दबाव था. पहले पूरा फोकस गुजरात पर रहता था. अब तीन राज्यों पर हो गया. बजट में महंगाई को लेकर कोई राहत नहीं. देश की जनता उम्मीद लगा कर बैठी थी कि यह सरकार के तीसरे कार्यकाल का बजट है. इसमें आम और खास के लिए बहुत कुछ देखने को मिलेगा, लेकिन इस बजट ने हर वर्ग को निराश कर दिया. पूरी तरह से गठबंधन के दबाव वाला बजट रहा.