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बड़ी कठिन है डगर! लातेहार की इन ग्रामीण सड़कों पर चलना खतरों से खेलने के बराबर, पढ़िए रिपोर्ट - Condition Of Rural Roads

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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Aug 18, 2024, 5:49 PM IST

Dilapidated roads in Latehar.लातेहार की दर्जनों ग्रामीण सड़कों का काम अब तक अधूरा है. इस कारण बरसात में कई सड़कें कीचड़मय हो गई हैं और ऐसी सड़कों पर चलना भी मुश्किल हो गया है. टेंडर लेने के बावजूद संवेदकों ने सड़कों का काम पूरा नहीं किया है.

Dilapidated Roads In Latehar
लातेहार की जर्जर सड़क. (कोलाज इमेज-ईटीवी भारत)

लातेहारः जिले की ग्रामीण सड़कों का बुरा हाल है. सबसे खराब स्थिति तो लातेहार-केरू वाया बिशुनपुर, कोने-नरेशगढ़, लातेहार-मोंगर-निन्दिर आदि सड़क की है. इन सड़कों पर चलना यानी खतरों से खेलने के बराबर है.

लातेहार की ग्रामीण सड़कों पर रिपोर्ट और जानकारी देते संवाददाता राजीव कुमार. (वीडियो-ईटीवी भारत)

लातेहार की दर्जनों ग्रामीण सड़कें जर्जर

दरअसल, लातेहार जिले में दर्जनों ऐसी ग्रामीण सड़क हैं जो काफी जर्जर हो गई हैं. हालांकि ग्रामीण कार्य विभाग के द्वारा ग्रामीण सड़कों के निर्माण के लिए योजना स्वीकृत करते हुए टेंडर भी निकाल दी गई है , लेकिन ग्रामीण कार्य विभाग के संवेदक इतने लापरवाह हैं कि टेंडर लेने के बाद भी सड़क निर्माण का कार्य अधूरा छोड़ दिए हैं. स्थानीय ग्रामीणों की माने तो संवेदकों के द्वारा टेंडर लेने के बाद सिर्फ नाम के लिए काम लगाया गया और गड्ढा खोद कर काम को बंद कर दिया गया.

लातेहार-बिशुनपुर सड़क पर चलना भी मुश्किल

लातेहार- बिशुनपुर सड़क पर की तो स्थिति इतनी बदतर हो गई है कि यहां पैदल चलना भी मुश्किल हो गया है. सड़क पर कीचड़ ही कीचड़ है. इस संबंध में स्थानीय ग्रामीण प्रमोद यादव, बसंती देवी, संजय कुमार आदि ने बताया कि सड़क निर्माण नहीं होने से उन लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.
दो साल से कोन-नरेशगढ़ सड़क का कार्य बंद

लातेहार जिले की कोन-नरेशगढ़ सड़क की स्थिति भी काफी बदतर हो गई है. ग्रामीण कार्य विभाग के द्वारा टेंडर निकालने के बाद 2 साल पहले संवेदक ने कार्य आरंभ किया था, लेकिन कार्य को अधूरा ही छोड़ दिया गया. ऐसी ही स्थिति सिकनी -बनहरदी सड़क की भी है. यहां भी पिछले दो वर्षों से संवेदक के द्वारा सड़क निर्माण के कार्य को अधूरा छोड़ दिया गया है.

ग्रामीणों का कहना है कि इन सड़कों का निर्माण कार्य पूरा नहीं होने के कारण ग्रामीणों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है. यदि गांव में कोई बीमार पड़ जाए तो मरीज को अस्पताल ले जाने में काफी परेशानी होती है.
छह माह पहले हुआ टेंडर, पर काम पूरा नहीं

इधर, लातेहार-मोंगर सड़क की स्थिति भी अत्यंत जर्जर हो गई है. सड़क निर्माण के लिए 6 माह पहले टेंडर होने के बाद संवेदक के द्वारा मिट्टी भराई का कार्य किया गया था, लेकिन उसके बाद कार्य बंद कर दिया गया. इस कारण सड़क पर जल जमाव हो गया है और सड़क पूरी तरह से कीचड़मय हो गई है.
विभाग की ओर से संवेदकों को नोटिस

इस संबंध में ग्रामीण कार्य विभाग के कार्यपालक अभियंता ओमप्रकाश बड़ाईक ने बताया कि जिन सड़कों का टेंडर हो चुका है उनका निर्माण पूरा करने के लिए संवेदकों को नोटिस दिया गया है. जल्द ही सड़कों का निर्माण कार्य आरंभ किया जाएगा.

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लातेहार की ग्रामीण सड़कों पर रिपोर्ट और जानकारी देते संवाददाता राजीव कुमार. (वीडियो-ईटीवी भारत)

लातेहार की दर्जनों ग्रामीण सड़कें जर्जर

दरअसल, लातेहार जिले में दर्जनों ऐसी ग्रामीण सड़क हैं जो काफी जर्जर हो गई हैं. हालांकि ग्रामीण कार्य विभाग के द्वारा ग्रामीण सड़कों के निर्माण के लिए योजना स्वीकृत करते हुए टेंडर भी निकाल दी गई है , लेकिन ग्रामीण कार्य विभाग के संवेदक इतने लापरवाह हैं कि टेंडर लेने के बाद भी सड़क निर्माण का कार्य अधूरा छोड़ दिए हैं. स्थानीय ग्रामीणों की माने तो संवेदकों के द्वारा टेंडर लेने के बाद सिर्फ नाम के लिए काम लगाया गया और गड्ढा खोद कर काम को बंद कर दिया गया.

लातेहार-बिशुनपुर सड़क पर चलना भी मुश्किल

लातेहार- बिशुनपुर सड़क पर की तो स्थिति इतनी बदतर हो गई है कि यहां पैदल चलना भी मुश्किल हो गया है. सड़क पर कीचड़ ही कीचड़ है. इस संबंध में स्थानीय ग्रामीण प्रमोद यादव, बसंती देवी, संजय कुमार आदि ने बताया कि सड़क निर्माण नहीं होने से उन लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.
दो साल से कोन-नरेशगढ़ सड़क का कार्य बंद

लातेहार जिले की कोन-नरेशगढ़ सड़क की स्थिति भी काफी बदतर हो गई है. ग्रामीण कार्य विभाग के द्वारा टेंडर निकालने के बाद 2 साल पहले संवेदक ने कार्य आरंभ किया था, लेकिन कार्य को अधूरा ही छोड़ दिया गया. ऐसी ही स्थिति सिकनी -बनहरदी सड़क की भी है. यहां भी पिछले दो वर्षों से संवेदक के द्वारा सड़क निर्माण के कार्य को अधूरा छोड़ दिया गया है.

ग्रामीणों का कहना है कि इन सड़कों का निर्माण कार्य पूरा नहीं होने के कारण ग्रामीणों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है. यदि गांव में कोई बीमार पड़ जाए तो मरीज को अस्पताल ले जाने में काफी परेशानी होती है.
छह माह पहले हुआ टेंडर, पर काम पूरा नहीं

इधर, लातेहार-मोंगर सड़क की स्थिति भी अत्यंत जर्जर हो गई है. सड़क निर्माण के लिए 6 माह पहले टेंडर होने के बाद संवेदक के द्वारा मिट्टी भराई का कार्य किया गया था, लेकिन उसके बाद कार्य बंद कर दिया गया. इस कारण सड़क पर जल जमाव हो गया है और सड़क पूरी तरह से कीचड़मय हो गई है.
विभाग की ओर से संवेदकों को नोटिस

इस संबंध में ग्रामीण कार्य विभाग के कार्यपालक अभियंता ओमप्रकाश बड़ाईक ने बताया कि जिन सड़कों का टेंडर हो चुका है उनका निर्माण पूरा करने के लिए संवेदकों को नोटिस दिया गया है. जल्द ही सड़कों का निर्माण कार्य आरंभ किया जाएगा.

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