श्रीगंगानगर. जिले में एक बार फिर से आचार संहिता लागू हो गई है. चार फरवरी को नगरपरिषद सभापति पद के लिए उपचुनाव होना है. इससे पहले भी श्रीगंगानगर में दो बार आचार संहिता लग चुकी है जो कि प्रदेश की संभवत: सबसे लम्बी आचार संहिता थी. पहले विधानसभा चुनाव को लेकर और उसके बाद करणपुर विधानसभा में चुनाव को लेकर आचार संहिता लग गई थी और अब श्रीगंगानगर नगरपरिषद क्षेत्र में आचार संहिता लागू हो गई है. खास बात यह है कि यहां राज्य सरकार की ओर से सभापति मनोनीत करने के चार दिन बाद ही चुनाव की घोषणा कर दी गई है.
श्रीगंगानगर में विधानसभा चुनाव में नगरपरिषद सभापति करुणा चांडक ने निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ा था, लेकिन हार के बाद उन्होंने नगरपरिषद सभापति पद से इस्तीफा दे दिया और कुछ समय बाद राज्य सरकार ने वार्ड 36 की पार्षद गगनदीप कौर को सभापति पद पर मनोनीत कर दिया, लेकिन इसके ठीक चार दिन बाद ही राज्य सरकार ने उप चुनाव की घोषणा कर दी. राज्य सरकार के इस कदम से राजनीतिक गलियारों में चर्चाओं का बाजार गर्म है, क्योंकि सूरतगढ़ में भी नगरपालिका अध्यक्ष का पद रिक्त पड़ा है, लेकिन चुनाव सिर्फ श्रीगंगानगर नगरपरिषद सभापति पद के लिए ही आखिर क्यों घोषित हुआ है ?, ये सवाल हर किसी के जेहन में है.
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पार्षदों की बैठकों का दौर शुरू : श्रीगंगानगर नगरपरिषद सभापति पद के लिए पार्षदों की बैठकों का दौर शुरू हो गया है. इस चुनाव को लेकर जहां एक और श्रीगंगानगर के भाजपा विधायक जयदीप बिहानी और सांसद निहालचंद की भूमिका अहम रहने वाली है. वहीं, कांग्रेस भी रणनीति तय करने में जुट गई है. भाजपा जिलाध्यक्ष शरणपाल सिंह का कहना है कि पार्टी आलाकमान से बातचीत के बाद प्रत्याशी घोषित कर दिया जाएगा.
सोमवार को जारी होगी लोकसूचना : सभापति चुनाव के लिए सोमवार को लोकसूचना जारी होगी और नामांकन प्रस्तुत करने की अंतिम तिथि 30 जनवरी है. चार फरवरी को यहां चुनाव और मतगणना आयोजित की जाएगी.