वाराणसी: धर्म की नगरी बनारस में अधर्म का ऐसा मामला सामने आया है. जिससे इंसानियत शर्मसार हो गई. नाबालिग छात्रा की हत्या कर शव को बोरे में भर कर ट्रेन की बोगी में छिपा देने वाले आरोपी को पुलिस ने गिरफ्तार किया है. पुलिस की पूछताछ में जो उसने पूरे मामले का खुलासा किया है उसको सुनकर हर किसी के रौंगटे खड़े हो गए. वांटेड आरोपी संजय कुमार पटेल को एसओजी और थाना कपसेठी पुलिस टीम ने गिरफ्तार किया है. वहीं उसके पास से कई अहम सबूत भी मिले हैं.
ट्रेन के कोच में बोरे में मिला लापता लड़की का शव
घटना के बारे में एडीसीपी गोमती जोन आकाश पटेल ने बताया कि कपसेठी थाना इलाके में बीते 19 फरवरी को एक बहुत ही दर्दनाक घटना हुई थी. थाना कपसेठी क्षेत्र के एक गांव से एक लड़की के गायब होने की सूचना मिली थी. जिस संबंध में थाने पर एक मामला दर्ज किया गया. उसी दौरान बनारस स्टेशन से एक सूचना मिली कि लखनऊ - बनारस ट्रेन की एक कोच में बोरे में लड़की का एक शव मिला है. शव की पहचान थाना कपसेठी इलाके से गायब नाबालिग के रूप में हुई. जिसके बाद पुलिस ने आरोपी संजय कुमार पटेल को गिरफ्तार कर लिया.
कोचिंग संचालक ने छात्रा को प्यार का झांसा देकर फंसाया
वहीं पकड़ा गया आरोपी संजय पटेल नाबालिग के गांव में ही एक कोचिंग सेंटर चलाता था. वहीं पूछताछ में अभियुक्त संजय ने बताया कि उसकी कोचिंग में छात्रा पढ़ती थी. जिसको वह पिछले साल मई- जून में बहला फुसलाकर उसके साथ गलत काम किए. वहीं नवम्बर 2023 में छात्रा की ओर से अपने गर्भवती होने की बात बताई. तो आरोपी ने गर्भपात कराने के लिए बोला तो छात्रा ने अपनी बदनामी होने के डर से अस्पताल जाने से मना कर दिया.
छात्रा को रास्ते से हटाने का बनाया खौफनाक प्लान वहीं एडीसीपी ने बताया कि आरोपी जो कोचिंग संचालक है. यह पहले से शादीशुदा है. इसके बच्चे भी है. इसने सोचा कि किशोरी के गर्भवती होने की बात अगर सबको पता चल जाएगी तो इससे बदनामी होगी. जिसके बाद दिसम्बर 2023 से ही छात्रा को रास्ते से हटाने का प्लान बनाने लगा. सोमवार 19 फरवरी को नाबालिग को बुलाया. दोपहर के समय आरोपी ने छात्रा को नींद की दवा खिला दिया. और उससे बोला कि गर्भपात में ब्लड ज्यादा निकलेगा इसलिए कमरे के बाहर चलकर इंजेक्शन लगाएंगे. जिसके बाद कोचिंग की बाउण्ड्री के पास ले जाकर आरोपी ने मुंह दबाकर हत्या कर दिया. उसके दुपट्टे से उसके सिर और हाथ पैर बांध दिया. फिर बोरी में भरकर ट्रेन में ले जाकर रख दिया. और सोचा कि यह ट्रेन लखनऊ जाएगी तो नाबालिग का शव लखनऊ में मिलेगा. यहां सिर्फ उसकी गुमशुदगी दर्ज रहेगी. लेकिन लखनऊ में शव डिटेक्ट नहीं हुआ और जब वापस वह ट्रेन बनारस स्टेशन पहुंची तो शव बनारस स्टेशन पर मिला. और पूरे राज से पर्दा उठ गया.
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