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Kota Coaching Industry : कोचिंग में बच्चे बढ़ाने के लिए हर स्तर पर जतन, प्रशासन सेफ्टी तो हॉस्टल कर रहे मेंटल प्रेशर पर काम

कोटा में कोचिंग का नया सेशन जनवरी से शुरू होगा. कोचिंग संस्थानों और हॉस्टल एसोसिएशन ने इसकी तैयारी पहले से ही शुरू कर दी है.

IIT JEE COACHING IN KOTA
इस साल पहले से कम छात्र पहुंचे थे कोटा (ETV Bharat GFX)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : 10 hours ago

Updated : 9 hours ago

कोटा : कोचिंग सिटी कोटा को मेडिकल और इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षाओं में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए जाना जाता है, लेकिन कोटा इस साल चुनौतीपूर्ण दौर से गुजर रहा है. शहर की अर्थव्यवस्था कोचिंग उद्योग के इर्द-गिर्द ही घूमती है. इस बार यहां आने वाले छात्रों की संख्या में भारी गिरावट देखी गई है. 2022 में जहां करीब 2.5 लाख छात्र यहां पढ़ने आए थे. वहीं, 2024 में यह संख्या घटकर 1.4 लाख रह गई. इसका असर कोचिंग संस्थानों, हॉस्टल और इससे जुड़े व्यवसायों पर साफ दिख रहा है.

करीब 35 फीसदी बच्चे कोटा में इस बार कम आए हैं. ऐसे में हॉस्टल्स भी खाली पड़े हुए हैं. इसके अलावा शहर के बाजारों में भी रौनक कम नजर आ रही है. अब नया सेशन अगले साल जनवरी से ही शुरू होगा और कोचिंग में नए बच्चे प्रवेश लेंगे. इसकी तैयारी पहले से ही कोचिंग संस्थानों से लेकर हॉस्टल एसोसिएशन और इनसे जुड़े व्यवसाय करने वाले लोगों ने शुरू कर दी है. यहां तक कि प्रशासन और पुलिस के स्तर पर भी बच्चों की केयरिंग बढ़ाने के लिए प्रयास कर रहे हैं.

कोचिंग संस्थानों और हॉस्टल एसोसिएशन ने शुरू की अगले सत्र की तैयारी (ETV Bharat Kota)

इसे भी पढ़ें- Kota Coaching Industry : 3 हजार करोड़ का होगा नुकसान, जानें क्या है बड़ा कारण - Students in Kota

खाली पड़े हैं हॉस्टल, पीजी पर लटके टू-लेट बोर्ड : कम छात्र आने से शहर के अधिकांश हॉस्टल और पीजी रूम खाली पड़े हैं. हॉस्टल एसोसिएशन के अनुसार, छात्रों की कमी ने कोटा की चहल-पहल को प्रभावित किया है. अब नए सत्र की शुरुआत जनवरी 2025 में होगी और इसके लिए कोचिंग संस्थानों से लेकर हॉस्टल मालिक, प्रशासन और पुलिस सक्रिय रूप से तैयारी में जुट गए हैं.

तनाव मुक्त शिक्षा के लिए प्रयास : कोचिंग संस्थानों ने छात्रों की पढ़ाई और मानसिक स्वास्थ्य को प्राथमिकता देने के लिए कई कदम उठाए हैं. आकाश कोचिंग के एकेडमिक काउंसलिंग हेड स्वतंत्र सिंह के अनुसार बच्चों के तनाव को कम करने के लिए को-करिकुलर गतिविधियों को शामिल किया गया है. संस्थानों ने काउंसलिंग सुविधाओं को 24x7 उपलब्ध कराया है, जिससे छात्र किसी भी समय अपनी समस्याओं का समाधान पा सकें. हर कोचिंग संस्थान में हेल्पलाइन सिस्टम लागू किया गया है. बीमार पड़ने पर छात्र अकेले नहीं रहते. संस्थान उन्हें मेडिकल सहायता प्रदान करते हैं. हेल्पलाइन सिस्टम रात में भी सक्रिय रहता है, जिससे छात्र अकेलापन महसूस न करें.

इसे भी पढ़ें- कोचिंग छात्रों के लिए KSOS ऐप लॉन्च, पैनिक बटन से पुलिस पहुंचेगी नजदीक, हर स्टूडेंट तक पहुंचाने का टारगेट

हॉस्टल एसोसिएशन की नई पहल : हॉस्टल एसोसिएशन ने छात्रों के मानसिक दबाव को कम करने के लिए सालभर सांस्कृतिक और मनोरंजक गतिविधियों का आयोजन किया. अध्यक्ष नवीन मित्तल ने बताया कि एसोसिएशन धार्मिक आयोजन, क्रिकेट प्रतियोगिताएं और म्यूजिकल प्रोग्राम करवा रहा है. आने वाले दिनों में छात्रों के लिए कई खेल और फन इवेंट्स की योजना भी है. जिला प्रशासन ने छात्रों की भलाई के लिए कई कदम उठाए हैं. कोटा महोत्सव दिसंबर में आयोजित किया जाएगा, जिसमें छात्रों को रिवरफ्रंट पर फ्री एंट्री और अपनी पसंदीदा गतिविधियों के लिए मंच मिलेगा. पुलिस प्रशासन ने भी आत्महत्या रोकने और तनावग्रस्त छात्रों की मदद के लिए हेल्पलाइन और पैनिक ऐप लॉन्च किया है.

गेटकीपर ट्रेनिंग और सुरक्षा उपाय : कोचिंग और हॉस्टल स्टाफ को गेटकीपर ट्रेनिंग दी गई है, जिससे वे तनावग्रस्त छात्रों की पहचान कर सकें. इसके अलावा हॉस्टल में एंटी-हैंगिंग डिवाइस लगाए गए हैं. पुलिस अधीक्षक डॉ. अमृता दुहन ने बताया कि आगामी सत्र में पैनिक ऐप को हर छात्र तक पहुंचाने का लक्ष्य है. कोटा के कोचिंग संस्थान, हॉस्टल और प्रशासन एक बेहतर माहौल बनाने के लिए पूरी तरह सक्रिय हैं. उम्मीद है कि जनवरी 2025 में नया सत्र कोटा की रौनक वापस लाएगा और शहर फिर से छात्रों का पसंदीदा कोचिंग हब बनेगा.

कोटा : कोचिंग सिटी कोटा को मेडिकल और इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षाओं में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए जाना जाता है, लेकिन कोटा इस साल चुनौतीपूर्ण दौर से गुजर रहा है. शहर की अर्थव्यवस्था कोचिंग उद्योग के इर्द-गिर्द ही घूमती है. इस बार यहां आने वाले छात्रों की संख्या में भारी गिरावट देखी गई है. 2022 में जहां करीब 2.5 लाख छात्र यहां पढ़ने आए थे. वहीं, 2024 में यह संख्या घटकर 1.4 लाख रह गई. इसका असर कोचिंग संस्थानों, हॉस्टल और इससे जुड़े व्यवसायों पर साफ दिख रहा है.

करीब 35 फीसदी बच्चे कोटा में इस बार कम आए हैं. ऐसे में हॉस्टल्स भी खाली पड़े हुए हैं. इसके अलावा शहर के बाजारों में भी रौनक कम नजर आ रही है. अब नया सेशन अगले साल जनवरी से ही शुरू होगा और कोचिंग में नए बच्चे प्रवेश लेंगे. इसकी तैयारी पहले से ही कोचिंग संस्थानों से लेकर हॉस्टल एसोसिएशन और इनसे जुड़े व्यवसाय करने वाले लोगों ने शुरू कर दी है. यहां तक कि प्रशासन और पुलिस के स्तर पर भी बच्चों की केयरिंग बढ़ाने के लिए प्रयास कर रहे हैं.

कोचिंग संस्थानों और हॉस्टल एसोसिएशन ने शुरू की अगले सत्र की तैयारी (ETV Bharat Kota)

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खाली पड़े हैं हॉस्टल, पीजी पर लटके टू-लेट बोर्ड : कम छात्र आने से शहर के अधिकांश हॉस्टल और पीजी रूम खाली पड़े हैं. हॉस्टल एसोसिएशन के अनुसार, छात्रों की कमी ने कोटा की चहल-पहल को प्रभावित किया है. अब नए सत्र की शुरुआत जनवरी 2025 में होगी और इसके लिए कोचिंग संस्थानों से लेकर हॉस्टल मालिक, प्रशासन और पुलिस सक्रिय रूप से तैयारी में जुट गए हैं.

तनाव मुक्त शिक्षा के लिए प्रयास : कोचिंग संस्थानों ने छात्रों की पढ़ाई और मानसिक स्वास्थ्य को प्राथमिकता देने के लिए कई कदम उठाए हैं. आकाश कोचिंग के एकेडमिक काउंसलिंग हेड स्वतंत्र सिंह के अनुसार बच्चों के तनाव को कम करने के लिए को-करिकुलर गतिविधियों को शामिल किया गया है. संस्थानों ने काउंसलिंग सुविधाओं को 24x7 उपलब्ध कराया है, जिससे छात्र किसी भी समय अपनी समस्याओं का समाधान पा सकें. हर कोचिंग संस्थान में हेल्पलाइन सिस्टम लागू किया गया है. बीमार पड़ने पर छात्र अकेले नहीं रहते. संस्थान उन्हें मेडिकल सहायता प्रदान करते हैं. हेल्पलाइन सिस्टम रात में भी सक्रिय रहता है, जिससे छात्र अकेलापन महसूस न करें.

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हॉस्टल एसोसिएशन की नई पहल : हॉस्टल एसोसिएशन ने छात्रों के मानसिक दबाव को कम करने के लिए सालभर सांस्कृतिक और मनोरंजक गतिविधियों का आयोजन किया. अध्यक्ष नवीन मित्तल ने बताया कि एसोसिएशन धार्मिक आयोजन, क्रिकेट प्रतियोगिताएं और म्यूजिकल प्रोग्राम करवा रहा है. आने वाले दिनों में छात्रों के लिए कई खेल और फन इवेंट्स की योजना भी है. जिला प्रशासन ने छात्रों की भलाई के लिए कई कदम उठाए हैं. कोटा महोत्सव दिसंबर में आयोजित किया जाएगा, जिसमें छात्रों को रिवरफ्रंट पर फ्री एंट्री और अपनी पसंदीदा गतिविधियों के लिए मंच मिलेगा. पुलिस प्रशासन ने भी आत्महत्या रोकने और तनावग्रस्त छात्रों की मदद के लिए हेल्पलाइन और पैनिक ऐप लॉन्च किया है.

गेटकीपर ट्रेनिंग और सुरक्षा उपाय : कोचिंग और हॉस्टल स्टाफ को गेटकीपर ट्रेनिंग दी गई है, जिससे वे तनावग्रस्त छात्रों की पहचान कर सकें. इसके अलावा हॉस्टल में एंटी-हैंगिंग डिवाइस लगाए गए हैं. पुलिस अधीक्षक डॉ. अमृता दुहन ने बताया कि आगामी सत्र में पैनिक ऐप को हर छात्र तक पहुंचाने का लक्ष्य है. कोटा के कोचिंग संस्थान, हॉस्टल और प्रशासन एक बेहतर माहौल बनाने के लिए पूरी तरह सक्रिय हैं. उम्मीद है कि जनवरी 2025 में नया सत्र कोटा की रौनक वापस लाएगा और शहर फिर से छात्रों का पसंदीदा कोचिंग हब बनेगा.

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