बलरामपुर : ईटीवी भारत की खबर का बड़ा असर हुआ है. बलरामपुर जिला अस्पताल में खनिज न्यास मद यानी डीएमएफ राशि के दुरुपयोग का मामला सामने आया था. इस मामले में दो डॉक्टरों को डीएमएफ मद से वेतन दिया जा रहा था.दोनों ही डॉक्टर ना तो जिला अस्पताल आते थे और ना ही किसी भी तरह का फायदा मरीजों को होता था.फिर भी दोनों की नियुक्ति के बाद लगातार डीएमएफ मद से सैलरी दी जा रही थी.जबकि ये डॉक्टर पहले ही किसी और जगह अपनी सेवाएं देकर सैलरी ले रहे थे. इस मामले की जानकारी जब ईटीवी भारत को हुई तो मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी से जानकारी दी. स्वास्थ्य अधिकारी ने जांच के बाद अब कार्रवाई की है.
डीएमएफ मद की सैलरी रोकी,एक की सेवा समाप्त : मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने आदेश जारी करते हुए निश्चेतना विशेषज्ञ डॉ कृष्णा चैतन्य समेत दूसरे डॉक्टर्स को दी जा रही सैलरी पर रोक लगा दी है. ये राशि डीएमएफ मद से दी जा रही थी.इसके साथ ही सरकारी अस्पताल के पैथोलॉजिस्ट डॉ सौरभ गोयल की संविदा नियुक्ति को भी रद्द किया गया है.सौरभ गोयल को भी डीएमएफ मद से सैलरी मिलती थी.
क्या था मामला ? : बलरामपुर जिला अस्पताल में विशेषज्ञ चिकित्सकों की कमी को देखते हुए साल 2019 में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत विशेषज्ञ डॉक्टरों की संविदा नियुक्ति की गई थी. राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत तैनात डॉ कृष्णा चैतन्य को NHM से सैलरी मिलती थी. इसके बाद इन डॉक्टरों को डीएमएफ मद से प्रोत्साहन राशि के तौर पर एक लाख इकतीस हजार की सैलरी दी जाने लगी.यानी एक काम के लिए डबल सैलरी का फायदा डॉक्टरों ने लिया. जबकि ये डॉक्टर अस्पताल में कम और अपने घर की गैलरी में ज्यादा दिखते थे.वहीं डीएमएफ मद से ही पैथोलॉजिस्ट सौरभ गोयल को भी एक लाख पचहत्तर हजार की मोटी सैलरी मिलती थी.लेकिन जिला अस्पताल में आने वाले मरीजों को प्राइवेट पैथोलॉजिस्ट से ही जांच करानी पड़ती थी.क्योंकि गोयल अस्पताल के बजाए खुद का ब्लड बैंक चलाने में व्यस्त थे.
CMHO ने आदेश जारी कर किया डबल सैलरी बंद : बलरामपुर जिला अस्पताल में खनिज न्यास मद से बतौर प्रोत्साहन राशि एनेस्थीसिया विशेषज्ञ और पैथोलॉजिस्ट विशेषज्ञ दोनों चिकित्सकों को लाखों रुपए सैलरी का भुगतान किया जा रहा था. लेकिन अब इस मामले में संज्ञान लेते हुए सीएमएचओ ने डबल सैलरी को गलत माना और खनिज न्यास निधि से दी जा रही सैलरी को बंद कर दिया.