जशपुर: मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय बीती रात अपने गृहग्राम बगिया में एक कार्यक्रम में शामिल हुए. इस दौरान मांदर की थाप, आकर्षक वेशभूषा और आदिवासी लोक नृर्तकों के डांस को देखकर मुख्यमंत्री साय भी खुद को नहीं रोक सके और कर्मा दलों के आग्रह पर उनके साथ नृत्य किया. एक मंझे लोक कलाकार की तरह नृत्य करते मुख्यमंत्री को देखकर आदिवासी ग्रामीणों में खुशी की लहर दौड़ गई.
क्या है करमा नृत्य : जशपुर अंचल सहित पूरे छत्तीसगढ़ राज्य में कर्मा नृत्य सुप्रसिद्ध है. यह आदिवासी समाज का प्रमुख नृत्य है. भादो मास की एकादशी को उपवास के बाद करम वृक्ष की शाखा को घर के आंगन या चौगान में रोपित किया जाता है. इसके दूसरे दिन कुल देवता को नवान्न (नई फसल की उपज) समर्पित किया जाैता है. जिसके बाग सभी लोग मिलकर उसका उपभोग करते हैं. अंत में नई फसल आने की खुशी में आदिवासी ग्रामीण कर्मा नृत्य करते हैं.
"स्वास्थ्य सुविधा दिलाने प्रयासरत रहेंगे": इस दौरान एक प्रश्न के जबाव में मुख्यमंत्री ने कहा, "गरीबों की सेवा से सुखद अनुभूति होती है. हम सभी को स्वास्थ्य सुविधा दिलाने प्रयासरत रहेंगे. छत्तीसगढ़ के तत्कालीन मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह से सहयोग लेकर जरूरतमंद लोगों का इलाज ज़्यादा से ज्यादा कराया. पीएम मोदी की मदद से प्रधानमंत्री सहायता कोष से भी ईलाज कराया गया है."
निशानेबाजी को प्राथमिकता देगी सरकार: मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा कि वे अपने अतित को भूले नहीं हैं. पक्का मकान होने पर पुराने मकान को तोड़ा नहीं है, उसे संजो कर रखा है. उन्होंने पारिवारिक जिम्मेदारी की वजह से खेल नहीं पाने की बात बताई. हालांकि उन्होंने हॉकी और फुटबॉल खेला है. उन्होंने लोगों को भरोसा दिलाया है कि जशपुर में धनुर्विद्या (निशानेबाजी) को प्राथमिकता दी जाएगी.
किसानों को जल्द मिलेगी अंतर की राशि: मुख्यमंत्री साय ने की खेती में काफी दिलचस्पी है. उन्होंने समर्थन मूल्य पर 144 लाख मीट्रिक टन धान की ऐतिहासिक खरीदी की बात दोहराई है. सीएम साय ने किसानों को धान के अंतर राशि 917 रूपए प्रति क्विंटल जल्द दिये जाने का भरोसा दिया है. उन्होंने खेती-किसानी को बेहतर बनाने के लिए सिंचाई के साधनों का पूरा उपयोग करने की बात कही है.
"सीजीपीएससी भर्ती की जांच सीबीआई को सौंपी": मुख्यमंत्री साय ने कहा, राज्य के सभी क्षेत्रों में विकास किया जाएगा. सरकार बनने के एक महीने में ही सीजीपीएससी भर्ती को लेकर शिकायतों की जांच सीबीआई को सौंपी गई है. हमारी सरकार ने मेडिकल कॉलेजों की संख्या बढ़ाई है. वनोपज का आदिवासी भाईयों को कैसे लाभ मिले, इसकसे उनकी आर्थिक स्थिति बढ़ाने के प्रयास किए जा रहे हैं.