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दिल्ली को दिए जाने वाले पानी पर मचा बवाल, आंकड़ों के साथ सुप्रीम कोर्ट को रिपोर्ट सौंपेगी सुक्खू सरकार - CM Sukhu on Water supply to Delhi

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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Jun 12, 2024, 10:27 AM IST

हिमाचल प्रदेश द्वारा दिल्ली को दिए जाने वाला पानी नहीं रोक रहा है. हिमाचल से दिल्ली को 137 क्यूसेक से ज्यादा पानी जाता है. सीएम सुक्खू भी दिल्ली के साथ हुए समझौते में अपनी बातों को स्पष्ट कर चुके हैं. वहीं, अब प्रदेश सरकार द्वारा इसकी रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट को सौंपी जाएगी.

HIMACHAL WATER SUPPLY TO DELHI
हिमाचल से दिल्ली तक जल आपूर्ति (File Photo)

शिमला: हिमाचल प्रदेश ने देश की राजधानी दिल्ली को दिए जाने वाले पानी को नहीं रोका है. छोटा पहाड़ी राज्य दिल्ली के लिए 137 क्यूसेक से अधिक पानी दे रहा है. जिससे दिल्ली में विभिन्न राज्य से बसे लोगों की प्यास बुझ रही है. हाल ही में सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू भी पानी छोड़े जाने को लेकर दिल्ली के साथ हुए समझौते को लेकर अपनी बात रख चुके हैं.

वहीं, प्रदेश सरकार ने अपर यमुना रिवर बोर्ड (यूआईआरबी) को हिमाचल से दिए जाने वाले पानी की रिपोर्ट सौंपी है. इसके मुताबिक हिमाचल ने दिल्ली को दिया जा रहा पानी नहीं रोका है. ये इसलिए भी है कि यमुना नदी और इसकी सहायक उप नदियों पर कोई भी बांध नहीं बना है. ऐसे में दिल्ली को छोड़े जा रहे पानी को किसी स्तर पर भी रोकना संभव नहीं है. यही नहीं पानी को लेकर भविष्य के किसी भी तरह के विवाद की आशंका से बचाने के लिए यूआईआरबी ने पानी को मापने के लिए दो अधिकारियों की तैनाती कर दी है.

सुप्रीम कोर्ट को सौंपी जाएगी रिपोर्ट

हिमाचल प्रदेश से जो पानी दिल्ली को दिया जा रहा है. इसकी रिपोर्ट तैयार कर सुप्रीम कोर्ट को सौंपी जाएगी. जिसमें पानी की मात्रा को लेकर पूरा हवाला दिया जाएगा. इसके लिए प्रदेश सरकार ने भी अपर यमुना रिवर बोर्ड को जल शक्ति विभाग के दो अधिकारियों की तैनाती की है. जो दिल्ली को छोड़े जा रहे पानी को मापने में अपर यमुना रिवर बोर्ड का सहयोग करेंगे. इनमें नाहन सर्कल के अधीक्षण अभियंता और योजना एवं अन्वेषण यूनिट-2 के अधीक्षण अभियंता को शामिल किया गया है. ऐसे में अब सरकार आंकड़ों के आधार पर दिल्ली को छोड़े जाने वाले पानी को लेकर जवाब देने की तैयारी में है.

वहीं, सीएम सुखविंदर सिंह ने हाल में मीडिया से बातचीत में कहा था कि हिमाचल सरकार समझौते के मुताबिक दिल्ली को पानी छोड़ने के लिए तैयार है. हमने कभी पानी नहीं रोका है, लेकिन दिल्ली को पानी के बदले में कीमत चुकानी होगी, ताकि हिमाचल को भी आर्थिक तौर पर आत्मनिर्भर बनाया जा सके. उन्होंने कहा था कि हिमाचल से पानी देने के लिए दिल्ली सरकार के साथ समझौता हुआ है. पानी हमारी संपदा है और इसके लिए पैसे लिए जाएंगे, जिस पर वहां की सरकार ने भी सहमति बना ली है.

ये भी पढ़ें: दिल्ली के लोगों की हिमाचल के पानी से बुझेगी प्यास, चुकानी पड़ेगी कीमत

ये भी पढे़ं: सुप्रीम कोर्ट तक सिस्टम से लड़ी अकेली नारी, पति को खो चुकी शीला के संघर्ष से हजारों कर्मियों को मिला अनुबंध अवधि की पेंशन का हक

शिमला: हिमाचल प्रदेश ने देश की राजधानी दिल्ली को दिए जाने वाले पानी को नहीं रोका है. छोटा पहाड़ी राज्य दिल्ली के लिए 137 क्यूसेक से अधिक पानी दे रहा है. जिससे दिल्ली में विभिन्न राज्य से बसे लोगों की प्यास बुझ रही है. हाल ही में सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू भी पानी छोड़े जाने को लेकर दिल्ली के साथ हुए समझौते को लेकर अपनी बात रख चुके हैं.

वहीं, प्रदेश सरकार ने अपर यमुना रिवर बोर्ड (यूआईआरबी) को हिमाचल से दिए जाने वाले पानी की रिपोर्ट सौंपी है. इसके मुताबिक हिमाचल ने दिल्ली को दिया जा रहा पानी नहीं रोका है. ये इसलिए भी है कि यमुना नदी और इसकी सहायक उप नदियों पर कोई भी बांध नहीं बना है. ऐसे में दिल्ली को छोड़े जा रहे पानी को किसी स्तर पर भी रोकना संभव नहीं है. यही नहीं पानी को लेकर भविष्य के किसी भी तरह के विवाद की आशंका से बचाने के लिए यूआईआरबी ने पानी को मापने के लिए दो अधिकारियों की तैनाती कर दी है.

सुप्रीम कोर्ट को सौंपी जाएगी रिपोर्ट

हिमाचल प्रदेश से जो पानी दिल्ली को दिया जा रहा है. इसकी रिपोर्ट तैयार कर सुप्रीम कोर्ट को सौंपी जाएगी. जिसमें पानी की मात्रा को लेकर पूरा हवाला दिया जाएगा. इसके लिए प्रदेश सरकार ने भी अपर यमुना रिवर बोर्ड को जल शक्ति विभाग के दो अधिकारियों की तैनाती की है. जो दिल्ली को छोड़े जा रहे पानी को मापने में अपर यमुना रिवर बोर्ड का सहयोग करेंगे. इनमें नाहन सर्कल के अधीक्षण अभियंता और योजना एवं अन्वेषण यूनिट-2 के अधीक्षण अभियंता को शामिल किया गया है. ऐसे में अब सरकार आंकड़ों के आधार पर दिल्ली को छोड़े जाने वाले पानी को लेकर जवाब देने की तैयारी में है.

वहीं, सीएम सुखविंदर सिंह ने हाल में मीडिया से बातचीत में कहा था कि हिमाचल सरकार समझौते के मुताबिक दिल्ली को पानी छोड़ने के लिए तैयार है. हमने कभी पानी नहीं रोका है, लेकिन दिल्ली को पानी के बदले में कीमत चुकानी होगी, ताकि हिमाचल को भी आर्थिक तौर पर आत्मनिर्भर बनाया जा सके. उन्होंने कहा था कि हिमाचल से पानी देने के लिए दिल्ली सरकार के साथ समझौता हुआ है. पानी हमारी संपदा है और इसके लिए पैसे लिए जाएंगे, जिस पर वहां की सरकार ने भी सहमति बना ली है.

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