पटना: लोकसभा चुनाव 2024 के लिए इस बार 'बिहार में 10 लाख नौकरी' बड़ा मुद्दा बनती जा रही है. पूर्व मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव जहां लगातार दावे कर रहे हैं कि उनके 17 महीने के कार्यकाल के दौरान यह संभव हो सका है, वहीं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी इसको लेकर लगातार तेजस्वी पर हमलावर हैं. एक दिन पहले भी नवादा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैली के दौरान इसको लेकर उन्होंने लालू परिवार पर हमला बोला था. वहीं आज भी सीएम ने इसको लेकर पूर्व डिप्टी सीएम को आड़े हाथों लिया.
'तेजस्वी को श्रेय लेने का हक नहीं': मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि तेजस्वी यादव बेवजह नौकरी के मुद्दे पर श्रेय लेने की कोशिश कर रहे हैं. सच तो ये है कि मेरी सरकार ने यह फैसला लिया है. आगे भी नौकरी देने का सिलसिला जारी रहेगा.
"ये सब (5 लाख नौकरी) हमलोगों का किया हुआ है, झूठमूठ का श्रेय ले रहा है ये लोग (तेजस्वी). कुछ दिन के लिए साथ ले आए थे इनलोगों को तो कहता है कि सब हम ने ही किया है."- नीतीश कुमार, मुख्यमंत्री, बिहार
लालू-राबड़ी शासनकाल की दिलाई याद: इस दौरान सीएम ने लालू यादव और राबड़ी देवी के शासनकाल की याद दिलाते हुए कहा कि 2005 से पहले बिहार का क्या हाल था. ये बात तो सभी लोगों को पता है. उस वक्त बिहार में कुछ भी नहीं था, अब देखिये किस तरह लगातार विकास हो रहा है.
जेडीयू कार्यालय आए थे सीएम: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आज अचानक जेडीयू कार्यालय पहुंच गए. करीब 15 मिनट तक उन्होंने वहां का जायजा लिया. लंबे समय बाद सीएम पार्टी दफ्तर आए थे. वहां मौजूद नेताओं से बातचीत की और वीडियो कॉल लगाकर पार्टी कार्यालय में हुए नए निर्माण को लेकर दिशा निर्देश भी दिए. वहीं मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि कुछ लोग बिना काम किए ही अपना प्रचार करते रहता है. मुख्यमंत्री ने कहा. 'पहले कितना झंझट होता था हिंदू-मुस्लिम में लेकिन अब कुछ होता है क्या? जब हम लोग आए, तब सब शांत हुआ.'
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