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सीएम के आदेश पर प्रशासन पहुंचा असुरा गांव, बेसहारा बच्चों की पढ़ाई और पोषण की व्यवस्था हुई सुनिश्चित

पश्चिमी सिंहभूम जिला के झींकपानी प्रखंड अंतर्गत असुरा गांव के पांच बेसहारा बच्चों और घर की बुजुर्ग की सीएम हेमंत सोरेन ने सुध ली है.

CM Hemant Order West Singhbhum DC
सीएम हेमंत सोरेन. (फोटो-ईटीवी भारत)
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : 16 hours ago

चाईबासा: सीएम हेमंत सोरेन के आदेश के बाद पश्चिमी सिंहभूम जिला के असुरा गांव के पांच बेसहारा बच्चों की शिक्षा, राशन, पोषण की व्यवस्था की गई है. साथ ही बच्चों की नानी के लिए पेंशन भी स्वीकृत की गई है. मुख्यमंत्री ने इस संबंध में पश्चिमी सिंहभूम के डीसी कुलदीप चौधरी को पीड़ित परिवार को सरकारी योजनाओं से जोड़ने और बच्चों की पढ़ाई के लिए व्यवस्था करने का निर्देश दिया है.

इस संबंध में पश्चिमी सिंहभूम के डीसी कुलदीप चौधरी ने बताया कि प्रखंड विकास पदाधिकारी ने असुरा गांव जाकर पीड़ित परिवार से मुलाकात की है. इस दौरान पता चला कि बच्चों का ना तो आधार कार्ड है और ना ही जन्म प्रमाण पत्र. बुजुर्ग नानी को पूर्व में पेंशन मिलती थी, जो किसी कारणवश बंद हो गई थी. पेंशन के कागजात भी कहीं खो गए थे. बीडीओ ने बच्चों का जन्म प्रमाण पत्र और आधार पंजीयन की व्यवस्था सुनिश्चित की जा रही है.

उन्होंने बताया कि एक बच्चा चार माह का है. उसका पालन-पोषण उसकी चाची के द्वारा किया जा रहा है. उक्त परिवार को आंगनबाड़ी से मिलने वाले पोषक पूरक आहार उपलब्ध करवाने के लिए सहायिका को निर्देश दिया गया है. इसके साथ ही तीन बच्चों का नामांकन स्थानीय विद्यालय में और एक बच्चे का नामांकन आंगनबाड़ी में करवाने की प्रक्रिया और सामाजिक सुरक्षा योजना से जोड़ने के लिए सभी प्रकार के कागजात को भी अद्यतन किया जा रहा है.

जानिए क्या है पूरा मामला

दरअसल, सीएम हेमंत सोरेन को जानकारी मिली थी कि पश्चिमी सिंहभूम के झींकपानी स्थित असुरा गांव निवासी साहू पूर्ति और दुखी पूर्ति की मृत्यु 24 नवंबर 2024 को हो गई है. घटना के बाद उनके पांच बच्चे बेसहारा हो गए हैं. बच्चों को देखरेख करने वाली बुजुर्ग नानी सामाजिक सुरक्षा पेंशन से वंचित है. इसकी जानकारी के बाद मुख्यमंत्री ने पीड़ित परिवार को सरकारी योजनाओं से जोड़ने और बच्चों की शिक्षा सुनिश्चित करने का आदेश दिया था.

चाईबासा: सीएम हेमंत सोरेन के आदेश के बाद पश्चिमी सिंहभूम जिला के असुरा गांव के पांच बेसहारा बच्चों की शिक्षा, राशन, पोषण की व्यवस्था की गई है. साथ ही बच्चों की नानी के लिए पेंशन भी स्वीकृत की गई है. मुख्यमंत्री ने इस संबंध में पश्चिमी सिंहभूम के डीसी कुलदीप चौधरी को पीड़ित परिवार को सरकारी योजनाओं से जोड़ने और बच्चों की पढ़ाई के लिए व्यवस्था करने का निर्देश दिया है.

इस संबंध में पश्चिमी सिंहभूम के डीसी कुलदीप चौधरी ने बताया कि प्रखंड विकास पदाधिकारी ने असुरा गांव जाकर पीड़ित परिवार से मुलाकात की है. इस दौरान पता चला कि बच्चों का ना तो आधार कार्ड है और ना ही जन्म प्रमाण पत्र. बुजुर्ग नानी को पूर्व में पेंशन मिलती थी, जो किसी कारणवश बंद हो गई थी. पेंशन के कागजात भी कहीं खो गए थे. बीडीओ ने बच्चों का जन्म प्रमाण पत्र और आधार पंजीयन की व्यवस्था सुनिश्चित की जा रही है.

उन्होंने बताया कि एक बच्चा चार माह का है. उसका पालन-पोषण उसकी चाची के द्वारा किया जा रहा है. उक्त परिवार को आंगनबाड़ी से मिलने वाले पोषक पूरक आहार उपलब्ध करवाने के लिए सहायिका को निर्देश दिया गया है. इसके साथ ही तीन बच्चों का नामांकन स्थानीय विद्यालय में और एक बच्चे का नामांकन आंगनबाड़ी में करवाने की प्रक्रिया और सामाजिक सुरक्षा योजना से जोड़ने के लिए सभी प्रकार के कागजात को भी अद्यतन किया जा रहा है.

जानिए क्या है पूरा मामला

दरअसल, सीएम हेमंत सोरेन को जानकारी मिली थी कि पश्चिमी सिंहभूम के झींकपानी स्थित असुरा गांव निवासी साहू पूर्ति और दुखी पूर्ति की मृत्यु 24 नवंबर 2024 को हो गई है. घटना के बाद उनके पांच बच्चे बेसहारा हो गए हैं. बच्चों को देखरेख करने वाली बुजुर्ग नानी सामाजिक सुरक्षा पेंशन से वंचित है. इसकी जानकारी के बाद मुख्यमंत्री ने पीड़ित परिवार को सरकारी योजनाओं से जोड़ने और बच्चों की शिक्षा सुनिश्चित करने का आदेश दिया था.

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