रांची: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने राज्य के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता, मुख्य सचिव एल खियांगते, मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव अविनाश कुमार और स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव एके सिंह की उपस्थिति में स्वास्थ्य कर्मियों के लिए खास तौर पर विकसित की गई उपस्थिति पोर्टल को लॉन्च कर दिया. इस पोर्टल की खासियत यह है कि इस पर अटेंडेंस बनाते ही रियल टाइम लोकेशन की जानकारी मुख्यालय को उपलब्ध हो जाएगी. जिससे बॉयोमेट्रिक अटेंडेंस का क्रॉस वेरिफिकेशन आसान हो जाएगा.
कहां से बनाई जा रही है हाजिरी, मिल जाएगी जानकारी
झारखंड में स्वास्थ्य व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए सरकार ने पहले बायोमेट्रिक अटेंडेंस की अनिवार्यता का नियम लागू किया था, लेकिन बायोमेट्रिक अटेंडेंस सिस्टम लागू होने के बाद कई दूरस्थ जगहों पर नेटवर्क प्रॉब्लम की वजह से हाजिरी बनाने में दिक्कत का सामना स्वास्थ्य कर्मियों को करना पड़ रहा था. ऐसे में अब सरकार ने स्वास्थ्य कर्मियों के लिए एडवांस्ड सॉफ्टवेयर से लैस उपस्थित पोर्टल लॉन्च किया है. यह पोर्टल रियल टाइम अटेंडेंस से लेकर सारा डाटा को एनालिटिकल रूप में भी रिजर्व रखेगा. इसके अलावा इसमें स्वास्थ्य विभाग के कर्मी का अवकाश, पीएफ सहित अन्य कई महत्वपूर्ण जानकारियां समाहित रहेंगी.
जरूरी होगा उपस्थिति पोर्टल से हाजिरी बनाना
झारखंड मंत्रालय में स्वास्थ्य, चिकित्सा शिक्षा एवं परिवार कल्याण विभाग की ओर से सोमवार को जारी " उपस्थिति " पोर्टल से स्वास्थ्य विभाग के अंतर्गत कार्यरत सभी चिकित्सकों, पारा मेडिकल कर्मियों, स्वास्थ्य विभाग में संविदा पर कार्यरत सभी कर्मियों और अन्य कर्मियों की दैनिक उपस्थिति सुनिश्चित करना होगा.
मानव संसाधन की शत-प्रतिशत उपयोगिता सुनिश्चित हो
उपस्थिति पोर्टल लॉन्च करने के बाद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि राज्य के सभी व्यक्तियों को स्वास्थ्य संबंधी बेहतरीन सुविधा सुलभ कराना ही सरकार की पहली प्राथमिकता है. मुख्यमंत्री ने पोर्टल का शुभारंभ करते हुए कहा कि राज्य की स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर बनाने और झारखंड राज्य के सभी व्यक्तियों को स्वास्थ्य संबंधी बेहतर सुविधा प्रदान करने के लिए जरूरी है कि सभी श्रेणी के अस्पतालों और स्वास्थ्य केंद्रों में डॉक्टर्स और मेडिकल स्टाफ की उपस्थिति सुनिश्चित हो.
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्यवासियों को सरकारी अस्पतालों और स्वास्थ्य केंद्र में बेहतर चिकित्सीय सुविधा उपलब्ध कराने के लिए सरकार लगातार प्रयास कर रही है. इस सिलसिले में स्वास्थ्य उप केंद्र, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, कम्युनिटी हेल्थ सेंटर, अनुमंडलीय अस्पताल, जिला अस्पताल, मेडिकल कॉलेज एवं अस्पतालों को रख-रखाव, मरम्मत, चिकित्सा संसाधन, जांच सुविधा और दवाइयां की व्यवस्था की जा रही है.
सभी जिला अस्पतालों को 24×7 ऑपरेशनल बनाएं
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि राज्य के सभी जिला अस्पतालों को 24×7 ऑपरेशनल बनाएं, ताकि हर जिले में लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सेवा मिल सके. इसके तहत इन अस्पतालों में विशेषज्ञ चिकित्सकों के साथ सभी तरह की सर्जरी की व्यवस्था सुनिश्चित करने का निर्देश सीएम ने विभागीय सचिव को दिया. उन्होंने कहा कि जिला अस्पतालों के ओपीडी में भी मरीज को विशेषज्ञ चिकित्सकों का परामर्श मिल सके इस दिशा में भी पहल करने की जरूरत है.
पीएचसी का जिला अस्पतालों से संपर्क सिस्टम विकसित करें
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों, उप केंद्रों का जिला अस्पतालों से 24 घंटे संपर्क स्थापित करने की व्यवस्था विकसित करें, ताकि अगर कोई मरीज स्वास्थ्य केंद्रों में इलाज के लिए आता है और उसे बेहतर इलाज की जरूरत हो तो उसे जिला अस्पताल तक लाने की पूरी व्यवस्था बिना समय गंवाए उपलब्ध हो सके. मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकारी अस्पतालों में कार्यरत मानव संसाधन का बेहतर तरीके से इस्तेमाल जनहित में होना जरूरी है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, उप स्वास्थ्य केंद्र से लेकर जिला अस्पताल में जो भी मानव संसाधन उपलब्ध हैं, उसकी शत-प्रतिशत उपयोगिता सुनिश्चित होनी चाहिए.हर सरकारी अस्पतालों में जरूरत के हिसाब से मानव संसाधन उपलब्ध कराया जाए.अगर किसी एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल में चिकित्सा और चिकित्साकर्मियों की सेवा लेने की जरूरत हो तो उस दिशा में भी उचित कदम उठाए जाने चाहिए, लेकिन इसमें इस बात का ध्यान रखें कि जिस अस्पताल से चिकित्सकों की सेवा दूसरे अस्पताल में ली जा रही है, वहां की चिकित्सीय व्यवस्था प्रभावित नहीं होनी चाहिए.
अस्पतालों की मॉनिटरिंग की व्यवस्था सुनिश्चित हो
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि अनवरत मॉनिटरिंग से व्यवस्था में सुधार होता है, इसलिए मॉनिटरिंग बहुत जरूरी है. अक्सर यह शिकायत मिलती है कि स्वास्थ्य केंद्र और अस्पतालों में चिकित्सक ड्यूटी के समय भी उपलब्ध नहीं होते हैं. ऐसे में मरीज को परेशानियों का सामना करना पड़ता है.उन्होंने कहा कि अस्पतालों में चिकित्सकों और चिकित्सा कर्मियों की उपस्थिति की निगरानी की पुख्ता व्यवस्था सुनिश्चित होनी चाहिए .मुख्यमंत्री ने कहा कि निजी अस्पतालों की तरह सरकारी अस्पतालों में हॉस्पिटल मैनेजमेंट सिस्टम, सीसीटीवी और वाई-फाई की व्यवस्था और जिला तथा मुख्यालय स्तर पर इसकी निरंतर निगरानी जरूरी है.
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