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'DSP से पता करवाइए, अष्टधातु की मूर्ति थाने में है या गायब हो गई?', CJM ने SP को दिया निर्देश

Ashtadhatu Idol in Gopalganj: गोपालगंज में अष्टधातु की मूर्ति बरामद होने के बाद तीसरी तारीख पर भी कोर्ट में पेश नहीं की गई है. जिसे लेकर सीजेएम ने एसपी को जांच के निर्देश दिए हैं. आगे पढ़ें पूरी खबर.

गोपालगंज में अष्टधातु की मूर्ति
गोपालगंज में अष्टधातु की मूर्ति
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Mar 6, 2024, 9:18 AM IST

गोपालगंज: बिहार के गोपालगंज में पोखरे से बरामद अष्टधातु की मूर्ति पुलिस ने तीसरी तारीख को भी कोर्ट में पेश नहीं की, जिसे लेकर सुनवाई के दौरान सीजीएम कोर्ट ने नराजगी जाहिर करते हुए इस की जांच करने को लेकर एसपी स्वर्ण प्रभात को निर्देश दिया है. कहा है कि डीएसपी के नेतृत्व में एक कमिटी गठित कर हथुआ थाने के मालखाने की जाच कराये साथ ही जांच रिपोर्ट 12 मार्च को कोर्ट में प्रस्तुत करें.

तीसरी तारीख पर भी नहीं पेश हुई मूर्ति: दरअसल इस संदर्भ में बताया जा रहा है कि 5 मार्च 2024 अभिलेख प्रस्तुत हुआ था. बचाव पक्ष के अधिवक्ता ने कहा है कि पिछले दो बार से लगातार हथुआ थाना प्रभारी न्यायिक आदेश का जानबूझकर अवहेलना कर रहे हैं, वे न्यायालय में मूर्ति पेश नहीं कर रहे हैं, न ही स्वयं न्यायालय में उपस्थित हो रहे हैं. जिला अभियोजन पदाधिकारी के माध्यम से यह कह रहे हैं कि थाने की मालखाना की चाभी स्थानांतरित पदाधिकारी पूर्व में लेकर चले गये हैं, इसलिए मालखाने से मूर्ति नहीं निकाली जा सकती है.

मूर्ति को थाने से गायब करने का आरोप: बचाव पक्ष के अधिवक्ता ने आगे निवेदन करते हुए कहा कि उन्हें पूरी आशंका है कि अष्टधातु की प्राचीन मूर्ति को पुलिस की मिली भगत से थाने से गायब कर दिया गया है, इसलिए पुलिस जानबूझकर न्यायालय के समक्ष झूठा तथ्य प्रस्तुत कर रही है. थाना प्रभारी हथुआ से न्यायिक आदेश के अनुपालन के संबंध में बात की गई तो उन्होंने मालखाना के चाभी नहीं होने की बात बताई है. अधिवक्ता ने आगे कहा कि कोई पदाधिकारी मालखाने की चाभी लेकर चला गया और उपलब्ध नहीं करा रहा है तो हथुआ थाना प्रभारी द्वारा इस तथ्य को लिखित रूप में अब तक पुलिस विभाग के वरीय पदाधिकारी अथवा न्यायालय को अवगत क्यों नहीं कराया गया.

न्यायालय नहीं पहुंचे थाना प्रभारी: वहीं पिछली तारीख पर हथुआ थाना प्रभारी को न्यायिक आदेश का अनुपालन नहीं करने और वाद स्थगन खर्चे के रूप में एक हजार रुपया खर्चे अधिरोपित किया गया था. बावजूद इसके वे इस बार भी न्यायिक आदेश का अनुपालन करने में असफल रहे हैं. उन्होनें कोई कारण इस न्यायालय के समक्ष नहीं रखा है, साथ ही सूचक को मूर्ति के मालखाने से गायब होने की आशंका है.

मालखाने की हो जांच: जिला अभियोजन पदाधिकारी द्वारा किये गये निवेदन के आलोक में पुलिस अधीक्षक गोपालगंज को यह निर्देश दिया गया है कि वे डीएसपी स्तर के पदाधिकारी के नेतृत्व में एक कमिटी गठित कर हथुआ थाने के मालखाने की जांच कराये. साथ ही कहा गया की क्या वास्तव में मूर्ति मालखाने में है? क्या मालखाने की चाभी कोई पुलिस पदाधिकारी लेकर चला गया है? मालखाने की चाभी अगर कोई पदाधिकारी लेकर चला गया और ससमय उपलब्ध नहीं कराया तो थाना प्रभारी द्वारा उसके विरूद्ध क्या वरीय पुलिस पदाधिकारी को कार्यवाही के लिए अनुशंसा की गयी? न्यायिक आदेश के अनुपालन के प्रति हथुआ थाना प्रभारी की उदासीन क्यों हैं, किस परिस्थिति में हथुआ थाना प्रभारी द्वारा न्यायिक आदेश की अवहेलना की गई.

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तीसरी तारीख पर भी नहीं पेश हुई मूर्ति: दरअसल इस संदर्भ में बताया जा रहा है कि 5 मार्च 2024 अभिलेख प्रस्तुत हुआ था. बचाव पक्ष के अधिवक्ता ने कहा है कि पिछले दो बार से लगातार हथुआ थाना प्रभारी न्यायिक आदेश का जानबूझकर अवहेलना कर रहे हैं, वे न्यायालय में मूर्ति पेश नहीं कर रहे हैं, न ही स्वयं न्यायालय में उपस्थित हो रहे हैं. जिला अभियोजन पदाधिकारी के माध्यम से यह कह रहे हैं कि थाने की मालखाना की चाभी स्थानांतरित पदाधिकारी पूर्व में लेकर चले गये हैं, इसलिए मालखाने से मूर्ति नहीं निकाली जा सकती है.

मूर्ति को थाने से गायब करने का आरोप: बचाव पक्ष के अधिवक्ता ने आगे निवेदन करते हुए कहा कि उन्हें पूरी आशंका है कि अष्टधातु की प्राचीन मूर्ति को पुलिस की मिली भगत से थाने से गायब कर दिया गया है, इसलिए पुलिस जानबूझकर न्यायालय के समक्ष झूठा तथ्य प्रस्तुत कर रही है. थाना प्रभारी हथुआ से न्यायिक आदेश के अनुपालन के संबंध में बात की गई तो उन्होंने मालखाना के चाभी नहीं होने की बात बताई है. अधिवक्ता ने आगे कहा कि कोई पदाधिकारी मालखाने की चाभी लेकर चला गया और उपलब्ध नहीं करा रहा है तो हथुआ थाना प्रभारी द्वारा इस तथ्य को लिखित रूप में अब तक पुलिस विभाग के वरीय पदाधिकारी अथवा न्यायालय को अवगत क्यों नहीं कराया गया.

न्यायालय नहीं पहुंचे थाना प्रभारी: वहीं पिछली तारीख पर हथुआ थाना प्रभारी को न्यायिक आदेश का अनुपालन नहीं करने और वाद स्थगन खर्चे के रूप में एक हजार रुपया खर्चे अधिरोपित किया गया था. बावजूद इसके वे इस बार भी न्यायिक आदेश का अनुपालन करने में असफल रहे हैं. उन्होनें कोई कारण इस न्यायालय के समक्ष नहीं रखा है, साथ ही सूचक को मूर्ति के मालखाने से गायब होने की आशंका है.

मालखाने की हो जांच: जिला अभियोजन पदाधिकारी द्वारा किये गये निवेदन के आलोक में पुलिस अधीक्षक गोपालगंज को यह निर्देश दिया गया है कि वे डीएसपी स्तर के पदाधिकारी के नेतृत्व में एक कमिटी गठित कर हथुआ थाने के मालखाने की जांच कराये. साथ ही कहा गया की क्या वास्तव में मूर्ति मालखाने में है? क्या मालखाने की चाभी कोई पुलिस पदाधिकारी लेकर चला गया है? मालखाने की चाभी अगर कोई पदाधिकारी लेकर चला गया और ससमय उपलब्ध नहीं कराया तो थाना प्रभारी द्वारा उसके विरूद्ध क्या वरीय पुलिस पदाधिकारी को कार्यवाही के लिए अनुशंसा की गयी? न्यायिक आदेश के अनुपालन के प्रति हथुआ थाना प्रभारी की उदासीन क्यों हैं, किस परिस्थिति में हथुआ थाना प्रभारी द्वारा न्यायिक आदेश की अवहेलना की गई.

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