चित्तौड़गढ़. कपासन के रिको एरिया में मंगलवार को एक पाइप फैक्ट्री में लगी आग से लाखों रुपये का सामान जलकर राख हो गया. तीन दमकल की गाड़ियों ने करीब ढाई घंटे में आग पर काबू पाया, लेकिन तब तक कच्चा माल और मशीनरी आदि जलकर खाक हो चुके थे. आग इतनी विकराल थी कि 5-5 किलोमीटर तक इसकी लपटें नजर आ रही थीं. गनीमत रही कि ट्रांसफार्मर बनाने वाली फैक्ट्री तक आग नहीं पहुंची, अन्यथा तेल के चलते आसपास का इलाके खतरे में पड़ सकते थे. फिलहाल, आग के कारणों का पता नहीं चल पाया है.
दरअसल, रीको एरिया स्थित कमल पाइप फैक्ट्री में आसपास के लोगों को मंगलवार सुबह धुआं उठता दिखाई दिया. फैक्ट्री परिसर में ही फैक्ट्री मालिक राजेन्द्र जैन रहते हैं. ऐसे में उन्हें जानकारी दी गई. फैक्ट्री में प्लास्टिक रोल पाइप बनाए जाते हैं. पुलिस के साथ नगर पालिका को सूचना दी गई. जिसके बाद तत्काल ही दमकल पहुंच गई, लेकिन आग की भीषणता को देखते हुए लोगों ने अपने-अपने टैंकर भी लगा दिए. इसके बावजूद आग पर काबू पाने में मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा था.
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इसे देखते हुए जिला मुख्यालय से दमकल की गाड़ियां मंगाई गईं. करीब ढाई घंटे में आग पर काबू पाया जा सका, लेकिन तब तक फैक्ट्री का सारा कच्चा-पक्का माल और मशीनरी आग की भेंट चढ़ चुकी थी. आग की विकरालता का अन्दाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि धुआं व लपटें 5 किलोमीटर दूर से देखी जा सकती थीं. मौके पर कपासन पालिका के अलावा चित्तौड़गढ़ से दो दमकल की गाड़ियां पहुंचीं. सात टैंकरों से आग बुझाने के लिए पानी लाया गया. नगर पालिका की स्वास्थ्य निरीक्षक रेखा कोदली, कनिष्ठ सहायक नंदलाल मेनारिया सहित बड़ी संख्या में लोग पहुंच गए.
गनीमत रही कि समय रहते फैक्ट्री मालिक को इस बारे में बता दिया गया, अन्यथा उनके परिवार को भी बड़ा नुकसान हो सकता था, क्योंकि फैक्ट्री मालिक फैक्ट्री परिसर में ही निवास करते हैं. घटनास्थल के समीप ट्रांसफार्मर रिपेयरिंग कारखाना स्थित है. इस फैक्ट्री में आग लगने पर आग पर काबू पाना मुश्किल हो जाता, क्योंकि कारखाना में बड़ी मात्रा में ऑयल का स्टॉक पड़ा था. इस बारे मे फैक्ट्री मालिक ने बताया कि इस घटना के कारण कितना नुकसान हुआ है, इसका पत असेसमेंट होने के बाद ही चल पाएगा, लेकिन प्रारंभिक तौर पर 25 से 30 लाख रुपये का नुकसान सामने आ रहा है.