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चित्रकूट के मिशनरी स्कूल में जय श्री राम के उद्घोष पर मिली सजा; छात्र को प्री-बोर्ड परीक्षा देने से रोका, बुलानी पड़ी पुलिस - JAI SHRI RAM IN MISSIONARY SCHOOL

विद्यालय प्रबंधक फादर ने कहा कि यह विद्यालय है. विद्यालय को धर्म और राजनीति से न जोड़ा जाए.

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चित्रकूट के मिशनरी स्कूल में बवाल. (Photo Credit; ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jan 17, 2025, 10:17 AM IST

चित्रकूट: यूपी के चित्रकूट जनपद के सेंट थॉमस सीनियर सेकेंडरी स्कूल में क्रिसमस 2024 पर हुए सेलिब्रेशन में छात्रों जय श्री राम का उद्घोष किया था. मामले ने तूल पकड़ लिया है. क्रिसमस-डे के दिन जब कक्षा 10 के छात्र हर्ष पाण्डेय और उनके कुछ सहपाठियों ने स्कूल में जय श्रीराम का उद्घोष किया तो शिक्षक एलिश ने उन्हें टोका था. फादर डेनिस ने इस घटना को गंभीरता से लिया और बच्चों के परिजनों को स्कूल में तलब किया.

इसके बाद जब हर्ष 16 जनवरी को प्री-बोर्ड परीक्षा देने स्कूल पहुंचा, तो स्कूल प्रशासन ने उसे परीक्षा में बैठने से मना कर दिया और एक घंटे तक बाहर रखा. इस पर छात्र हर्ष के पिता ने स्कूल में आकर पुलिस ली. पुलिस ने समझा-बूझाकर छात्र को परीक्षा में बैठने की अनुमति दिलवा दी.

चित्रकूट के मिशनरी स्कूल में बवाल. (Video Credit; ETV Bharat)

इस घटना की जानकारी जैसे ही अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) को मिली, उनके पदाधिकारी मौके पर पहुंचे और स्कूल के अंदर जाकर जय श्रीराम का उद्घोष करते हुए विद्यालय में हंगामा काटा. उन्होंने स्कूल के फादर से सवाल किया कि जय श्रीराम के उद्घोष पर रोक क्यों लगाई जा रही है.

विद्यालय प्रबंधक फादर ने कहा कि यह विद्यालय है. यह सब विद्यालाय में न हो तो अच्छा है. हम से भी अगर कोई राधे-राधे कहता है तो हम लोग भी उसे यही जवाब देते हैं. विद्यालय को धर्म और राजनीति से न जोड़ा जाए.

ABVP के प्रांतीय पदाधिकारी रोहित तिवारी ने बताया कि इस विद्यालय में अधिकांश हिंदू छात्र पढ़ते हैं. उन्हें जय श्रीराम बोलने से रोका जा रहा है. ऐसे में अगर छात्र जय श्री राम या भारत माता की जय, शिक्षा के मंदिर से नहीं बोलेंगे तो उसका विकास कैसे होगा. वह राष्ट्र के लिए चिंतन कैसे करेगा. यह पूरी तरह से अस्वीकार्य है. उन्होंने हिंदू अभिभावकों से अपील की कि वे ऐसे स्कूलों में अपने बच्चों को न भेजें, जहां उनके धार्मिक अधिकारों का उल्लंघन हो.

मामले की गंभीरता को देखते हुए शिवरामपुर पुलिस भी मौके पर पहुंची, लेकिन पुलिस ने मामले में कोई हस्तक्षेप नहीं किया और तमाशा देखती रही. इस घटनाक्रम ने पूरे इलाके में धार्मिक और शिक्षा के मुद्दे पर बहस छेड़ दी है.

ये भी पढ़ेंः दिल्ली NCR की तरह लखनऊ SCR में जीरो विजिबिलिटी; यूपी के 62 जिलों में बारिश और घने कोहरे का अलर्ट

चित्रकूट: यूपी के चित्रकूट जनपद के सेंट थॉमस सीनियर सेकेंडरी स्कूल में क्रिसमस 2024 पर हुए सेलिब्रेशन में छात्रों जय श्री राम का उद्घोष किया था. मामले ने तूल पकड़ लिया है. क्रिसमस-डे के दिन जब कक्षा 10 के छात्र हर्ष पाण्डेय और उनके कुछ सहपाठियों ने स्कूल में जय श्रीराम का उद्घोष किया तो शिक्षक एलिश ने उन्हें टोका था. फादर डेनिस ने इस घटना को गंभीरता से लिया और बच्चों के परिजनों को स्कूल में तलब किया.

इसके बाद जब हर्ष 16 जनवरी को प्री-बोर्ड परीक्षा देने स्कूल पहुंचा, तो स्कूल प्रशासन ने उसे परीक्षा में बैठने से मना कर दिया और एक घंटे तक बाहर रखा. इस पर छात्र हर्ष के पिता ने स्कूल में आकर पुलिस ली. पुलिस ने समझा-बूझाकर छात्र को परीक्षा में बैठने की अनुमति दिलवा दी.

चित्रकूट के मिशनरी स्कूल में बवाल. (Video Credit; ETV Bharat)

इस घटना की जानकारी जैसे ही अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) को मिली, उनके पदाधिकारी मौके पर पहुंचे और स्कूल के अंदर जाकर जय श्रीराम का उद्घोष करते हुए विद्यालय में हंगामा काटा. उन्होंने स्कूल के फादर से सवाल किया कि जय श्रीराम के उद्घोष पर रोक क्यों लगाई जा रही है.

विद्यालय प्रबंधक फादर ने कहा कि यह विद्यालय है. यह सब विद्यालाय में न हो तो अच्छा है. हम से भी अगर कोई राधे-राधे कहता है तो हम लोग भी उसे यही जवाब देते हैं. विद्यालय को धर्म और राजनीति से न जोड़ा जाए.

ABVP के प्रांतीय पदाधिकारी रोहित तिवारी ने बताया कि इस विद्यालय में अधिकांश हिंदू छात्र पढ़ते हैं. उन्हें जय श्रीराम बोलने से रोका जा रहा है. ऐसे में अगर छात्र जय श्री राम या भारत माता की जय, शिक्षा के मंदिर से नहीं बोलेंगे तो उसका विकास कैसे होगा. वह राष्ट्र के लिए चिंतन कैसे करेगा. यह पूरी तरह से अस्वीकार्य है. उन्होंने हिंदू अभिभावकों से अपील की कि वे ऐसे स्कूलों में अपने बच्चों को न भेजें, जहां उनके धार्मिक अधिकारों का उल्लंघन हो.

मामले की गंभीरता को देखते हुए शिवरामपुर पुलिस भी मौके पर पहुंची, लेकिन पुलिस ने मामले में कोई हस्तक्षेप नहीं किया और तमाशा देखती रही. इस घटनाक्रम ने पूरे इलाके में धार्मिक और शिक्षा के मुद्दे पर बहस छेड़ दी है.

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