प्रयागराज : अचानक चर्चा का केंद्र बने आईआईटी बाबा अभय सिंह ने महाकुंभ नगर छोड़ दिया है. बाबा कहां गए, यह किसी को पता नहीं है. लगातार मीडिया में छाए रहने वाले अभय सिंह के माता-पिता उन्हें ढूंढते हुए जूना अखाड़े के मड़ी आश्रम शिविर में पहुंचे तो वो वहां से वह गायब मिले. माना जा रहा है कि उन पर घर लौटने का दबाव पड़ रहा था, यही वजह है कि वो किसी अज्ञात स्थान पर चले गए हैं.
चर्चा में आने के बाद लगातार मीडिया इंटरव्यू से थे परेशान: महाकुंभ में आने के बाद से चर्चा में आए अभय सिंह लगातार मीडिया की सूर्खियों में थे. इंटरनेट पर रातों रात छाने के बाद उनके परिचितों, रिश्तेदारों और परिवार के फोन आने शुरू हो गए. बताया जा रहा है कि लगातार फोन आने और घर लौटने का दबाव पड़ने से वे परेशान थे. उनके माता-पिता भी यही चाहते हैं कि अभय घर लौट आएं.
कौन हैं आईआईटियन बाबा: हरियाणा झज्जर के रहने वाले अभय के पिता कर्ण सिंह एडवोकेट हैं. अभय ने आईआईटी बॉम्बे से एयरोस्पेस इंजीनियरिंग ब्रांच में बीटेक किया है. कनाडा में वह 36 लाख सालाना पैकेज की नौकरी कर रहे थे. इसके बाद भारत लौटे और घरवालों को बिना कुछ बताए अचानक गायब हो गए. अखाड़े में जब ईटीवी की टीम पहुंची और उनके बारे में जानना चाहा तो कोई साधु-संन्यासी कुछ नहीं बता पाया. यही कहा जा रहा है कि वो बिना बताए कहीं चले गए हैं.
एक साल पहले परिवार से तोड़ा था नाता: अभय करीब डेढ़ साल पहले वह कनाडा से वापस आए थे. घर वापस आने के बाद माता-पिता ने उनके व्यवहार में परिवर्तन नोटिस किया था. वह गुमसुम से रहने लगे थे. योग-प्राणायाम और ध्यान करने लगे थे. आध्यात्मिक बुक्स पढ़ने लगे थे. इसके बाद करीब एक साल पहले एक दिन वह बिना कुछ बताए घर से चले गए. परिवार ने बहुत खोजा पर उनका कुछ पता नहीं चला. फोन पर शुरू में कुछ दिन बात हुई पर बाद में फोन उठाना भी बंद कर दिया. उन्होंने घरवालों से संपर्क तोड़ दिया. जब भी परिवार के लोग फोन करते तो अभय उनको मैसेज करते कि कोई जरूरी काम हो तो मैसेज करो. फोन नहीं उठा रहे थे. ज्यादा फोन करने पर उन्होंने माता-पिता का और बहन भाई का नंबर भी ब्लॉक कर दिया था.
परिवार से कहा था-मैं संन्यास लेना चाहता हूं : पिता कर्ण सिंह का कहना है कि हम अभय को वापस लाना चाहते हैं, लेकिन उससे संपर्क करने की कोशिश कर रहे हैं. अभय जिद्दी है. जो ठान लेता है, उसे कर डालता है. उसका जो मन करेगा, वही करेगा, लेकिन एक बार हम लोग उससे बात जरूर करना चाहते हैं . अंतिम निर्णय जो उसका होगा, वह परिवार को मान्य होगा. हां, हमें इस बात का दुख जरूर है कि इतना पढ़ने-लिखने के बाद जवान बेटे ने संन्यास ले लिया. इस निर्णय से परिवार खुश नहीं है. इससे पहले अभय ने एक मीडिया इंटरव्यू में कहा था कि मैं संन्यास लेना चाहता था और परिवार को यह पसंद नहीं. परिवार मेरी शादी करना चाहता था और शादी में मेरी कोई रुचि नहीं.