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क्या पार्टी और परिवार में वापसी होगी चाचा पारस की? बोले चिराग- 'बड़े हैं वो, जो भी फैसला लेंगे मैं मानूंगा' - Dispute in Paswan Family - DISPUTE IN PASWAN FAMILY

Chirag Paswan: बिहार एनडीए में सीट बंटवारे के तहत 5 सीट मिलने से चिराग पासवान गदगद हैं, वहीं एक भी सीट नहीं मिलने के कारण पशुपति पारस निराश हैं. मोदी कैबिनेट से इस्तीफा दे चुके हैं और एनडीए से करीब-करीब आउट हो चुके हैं. ऐसे में चर्चा तेज हो गई है कि चाचा और भतीजे में सुलह हो सकती है. हालांकि चिराग ने फैसला पारस पर छोड़ दिया है.

Chirag Paswan
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Mar 26, 2024, 10:37 AM IST

Updated : Mar 26, 2024, 11:34 AM IST

एलजेपीआर चीफ चिराग पासवान

वैशाली: रामविलास पासवान के निधन के कुछ ही महीने के बाद उनकी फैमिली और पार्टी में टूट हो गई थी. पशुपति पारस ने प्रिंस राज समेत 5 सांसदों के साथ अलग गुट बना लिया, जिस वजह से चिराग पासवान अकेले पड़ गए. हालांकि उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और 'मोदी का हनुमान' बनकर संघर्ष का रास्ता चुना. उसी का नतीजा है कि आज वह बीजेपी के भरोसेमंद साबित हुए और सीट बंटवारे के तहत 5 लोकसभा सीट पाने में सफल रहे. वहीं चाचा को भारतीय जनता पार्टी ने 'बेआबरू' कर दिया. हालांकि चिराग ने चाचा को लेकर थोड़ी नरमी दिखाते हुए गेंद उनके ही पाले में डाल दिया.

चाचा पारस पर क्या बोले चिराग?: चाचा पशुपति कुमार पारस के साथ एक होने के सवाल पर एलजेपीआर चीफ ने पहले तंज कसा और उसके बाद कहा कि मेरे घर में बड़े फैसले लेते हैं. अगर वह एक होने का फैसला लेंगे तो उनका फैसला सर आंखों पर होगा. वैसे भी पार्टी और परिवार से अलग होने का फैसला चाचा ने ही लिया था, ऐसे में निर्णय उनको ही करना है.

Chirag Paswan
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"देखिये परिवार और पार्टी को तोड़ने का फैसला उनका (पशुपति पारस) था. मैं जिस परिवार से आता हूं, वहां घर के बड़े ही ऐसे फैसले लेते हैंं. मैं अभी उतना बड़ा नहीं हूं कि सारे फैसले ले सकूं. वह फैसला भी उनका था, आज भी फैसला उनका होगा. मुझे अपना खून मानने से इनकार कर दिया था. ऐसे में आज भी वह जो फैसला लेंगे, उसको मैं अपने सर-आंखों पर रखूंगा."- चिराग पासवान, अध्यक्ष, लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास)

पिता की प्रतिमा पर किया माल्यार्पण: असल में चिराग पासवान वैशाली के हाजीपुर सर्किट हाउस के नजदीक बने रामविलास पासवान की आदम कद प्रतिमा पर माल्यार्पण करने पहुंचे थे. भारी समर्थकों के बीच चिराग पासवान अपनी मां रीना पासवान और परिवार के अन्य लोगों के साथ पिता की प्रतिमा स्थल पर पहुंचे थे. जहां उन्होंने पहले प्रतिमा को लड्डू से भोग लगाया और फिर माल्यार्पण किया. इसके बाद अपनी मां के साथ संयुक्त रूप से प्रतिमा पर माल्यार्पण किया. इस बीच बड़ी संख्या में चिराग पासवान के समर्थक मौजूद थे.

'हाजीपुर का बेटा बनकर सेवा करूंगा': वहीं, मीडिया से बात करते हुए चिराग पासवान ने कहा कि वह हाजीपुर को देश ही नहीं दुनिया के स्तर पर नंबर वन बनाने का काम करेंगे. उन्होंने यह भी कहा कि हाजीपुर की धरती को उनके पिता रामविलास पासवान अपनी मां मानते थे. वह भी यहां बेटा बनकर यहां के लोगों के लिए काम करेंगे. यही नहीं जमुई संसदीय सीट से भी योग्य उम्मीदवार देने की बात उन्होंने कही.

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पिता की प्रतिमा पर किया माल्यार्पण: असल में चिराग पासवान वैशाली के हाजीपुर सर्किट हाउस के नजदीक बने रामविलास पासवान की आदम कद प्रतिमा पर माल्यार्पण करने पहुंचे थे. भारी समर्थकों के बीच चिराग पासवान अपनी मां रीना पासवान और परिवार के अन्य लोगों के साथ पिता की प्रतिमा स्थल पर पहुंचे थे. जहां उन्होंने पहले प्रतिमा को लड्डू से भोग लगाया और फिर माल्यार्पण किया. इसके बाद अपनी मां के साथ संयुक्त रूप से प्रतिमा पर माल्यार्पण किया. इस बीच बड़ी संख्या में चिराग पासवान के समर्थक मौजूद थे.

'हाजीपुर का बेटा बनकर सेवा करूंगा': वहीं, मीडिया से बात करते हुए चिराग पासवान ने कहा कि वह हाजीपुर को देश ही नहीं दुनिया के स्तर पर नंबर वन बनाने का काम करेंगे. उन्होंने यह भी कहा कि हाजीपुर की धरती को उनके पिता रामविलास पासवान अपनी मां मानते थे. वह भी यहां बेटा बनकर यहां के लोगों के लिए काम करेंगे. यही नहीं जमुई संसदीय सीट से भी योग्य उम्मीदवार देने की बात उन्होंने कही.

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Last Updated : Mar 26, 2024, 11:34 AM IST
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