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बच्चों के लिए टेंशन नहीं पेंशन लीजिए, सरकार ने शुरू की वात्सल्य योजना, जानें फायदे - NPS Vatsalya Yojna - NPS VATSALYA YOJNA

अब बच्चों की नौकरी लगने से पहले ही मां-बाप उनके लिए पेंशन की तैयारी कर सकते हैं. भारत की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को नेशनल पेंशन स्कीम (NPS) के तहत वात्सल्य योजना का शुभारंभ किया है. बच्चों के लिए लॉन्च की गई इस पेंशन स्कीम के कई फायदे हैं. मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा में भी इस योजना के तहत पहला खाता खोला गया.

NPS VATSALYA YOJNA STARTED
सरकार ने शुरू की वात्सल्य योजना (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Sep 19, 2024, 7:55 AM IST

Updated : Sep 19, 2024, 1:38 PM IST

छिन्दवाड़ा : एनपीएस (NPS) वात्सल्य योजना लॉन्च करने का जिक्र वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट भाषण के दौरान किया था, जिसे बुधवार को लॉन्च कर दिया गया. छिंदवाड़ा जिले के अग्रणी बैंक सेंट्रल बैंक आफ इंडिया के रीजनल हेड कुमार उत्कर्ष ने बताया की एनपीएस वात्सल्य योजना के अंतर्गत नाबालिग के नाम पर अकाउंट खोला जाएग और अभिभावक द्वारा संचालित होगा. इससे मिलने वाले लाभ के लिए नाबालिग को एकमात्र लाभार्थी बनाया जाएगा, जिसे बच्चा भविष्य में इस्तेमाल कर सकता है.

वात्सल्य योजना की जानकारी देते बैंक अधिकारी (Etv Bharat)

इस तरह खुलेगा वात्सल्य अकाउंट

बताया गया कि एनपीएस वात्सल्य खाता पॉइंट्स ऑफ प्रेजेंस (पीओपी) के माध्यम से खोला जा सकता है, जिसमें प्रमुख बैंक, इंडिया पोस्ट, पेंशन फंड आदि शामिल हैं. खाते के लिए अभिभावक का केवाईसी (आधार, ड्राइविंग लाइसेंस, पासपोर्ट, मतदाता पहचान पत्र, नरेगा जॉब कार्ड, राष्ट्रीय पहचान पत्र) और बच्चे का जन्म प्रमाण (जन्म प्रमाण पत्र, स्कूल छोड़ने का प्रमाण पत्र, मैट्रिकुलेशन सर्टिफिकेट, पैन, पासपोर्ट) जमा करके किया जाएगा.

NPS Vatsalya Yojna
छिंदवाड़ा में एनपीएस वात्सल्य योजना की शुरुआत (Etv Bharat)

वात्सल्य अकाउंट में कितना पैसा जमा होगा?

बैंक अधिकरी ने बताया, '' खाते के लिए कम से कम 1 हजार रु की सीमा है तो वहीं अधिकतम कोई जमा सीमा नहीं है. इसके बाद अंशदान हरेक साल 1 हजार रुपए तक न्यूनतम है, वहीं अधिकतम कोई सीमा नहीं है. इस योजना के अंतर्गत अभिभावक पीएफआरडीए के साथ पंजीकृत किसी भी पेंशन फंड का चयन कर उसका लाभ ले सकते हैं. शिक्षा, निर्दिष्ट बीमारी और विकलांगता के लिए 3 वर्ष की लॉक-इन अवधि के बाद अंशदान का 25% तक निकाला जा सकता है, जो की अधिकतम तीन बार निकाला जा सकेगा.

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मध्यप्रदेश में लागू हो रहा यूपीएस? कर्मचारियों के पेंशन में बड़ा बदलाव, ऐसे मिलेगा सुकून का रिटायरमेंट

18 साल बाद पेंशन में बदली जाएगी स्कीम

बच्चे के 18 वर्ष की उम्र होने पर एनपीएस टियर-I में ट्रांसफर हो जाएगा. बच्चे की 18 वर्ष की उम्र के बाद योजना से बाहर निकलने पर 2.5 लाख रु से अधिक की राशि का 80% राशि का उपयोग वार्षिकी रिटायरमेंट प्लान खरीदने के लिए किया जाता है. वहीं 20% राशि एकमुश्त निकाली जा सकती है. 2.5 लाख रु से कम या उसके बराबर की राशि होने पर पूरी राशि एकमुश्त निकाली जा सकती है. मृत्यु होने पूरी धनराशि अभिभावक को वापस कर दी जाएगी.

छिन्दवाड़ा : एनपीएस (NPS) वात्सल्य योजना लॉन्च करने का जिक्र वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट भाषण के दौरान किया था, जिसे बुधवार को लॉन्च कर दिया गया. छिंदवाड़ा जिले के अग्रणी बैंक सेंट्रल बैंक आफ इंडिया के रीजनल हेड कुमार उत्कर्ष ने बताया की एनपीएस वात्सल्य योजना के अंतर्गत नाबालिग के नाम पर अकाउंट खोला जाएग और अभिभावक द्वारा संचालित होगा. इससे मिलने वाले लाभ के लिए नाबालिग को एकमात्र लाभार्थी बनाया जाएगा, जिसे बच्चा भविष्य में इस्तेमाल कर सकता है.

वात्सल्य योजना की जानकारी देते बैंक अधिकारी (Etv Bharat)

इस तरह खुलेगा वात्सल्य अकाउंट

बताया गया कि एनपीएस वात्सल्य खाता पॉइंट्स ऑफ प्रेजेंस (पीओपी) के माध्यम से खोला जा सकता है, जिसमें प्रमुख बैंक, इंडिया पोस्ट, पेंशन फंड आदि शामिल हैं. खाते के लिए अभिभावक का केवाईसी (आधार, ड्राइविंग लाइसेंस, पासपोर्ट, मतदाता पहचान पत्र, नरेगा जॉब कार्ड, राष्ट्रीय पहचान पत्र) और बच्चे का जन्म प्रमाण (जन्म प्रमाण पत्र, स्कूल छोड़ने का प्रमाण पत्र, मैट्रिकुलेशन सर्टिफिकेट, पैन, पासपोर्ट) जमा करके किया जाएगा.

NPS Vatsalya Yojna
छिंदवाड़ा में एनपीएस वात्सल्य योजना की शुरुआत (Etv Bharat)

वात्सल्य अकाउंट में कितना पैसा जमा होगा?

बैंक अधिकरी ने बताया, '' खाते के लिए कम से कम 1 हजार रु की सीमा है तो वहीं अधिकतम कोई जमा सीमा नहीं है. इसके बाद अंशदान हरेक साल 1 हजार रुपए तक न्यूनतम है, वहीं अधिकतम कोई सीमा नहीं है. इस योजना के अंतर्गत अभिभावक पीएफआरडीए के साथ पंजीकृत किसी भी पेंशन फंड का चयन कर उसका लाभ ले सकते हैं. शिक्षा, निर्दिष्ट बीमारी और विकलांगता के लिए 3 वर्ष की लॉक-इन अवधि के बाद अंशदान का 25% तक निकाला जा सकता है, जो की अधिकतम तीन बार निकाला जा सकेगा.

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बच्चे के 18 वर्ष की उम्र होने पर एनपीएस टियर-I में ट्रांसफर हो जाएगा. बच्चे की 18 वर्ष की उम्र के बाद योजना से बाहर निकलने पर 2.5 लाख रु से अधिक की राशि का 80% राशि का उपयोग वार्षिकी रिटायरमेंट प्लान खरीदने के लिए किया जाता है. वहीं 20% राशि एकमुश्त निकाली जा सकती है. 2.5 लाख रु से कम या उसके बराबर की राशि होने पर पूरी राशि एकमुश्त निकाली जा सकती है. मृत्यु होने पूरी धनराशि अभिभावक को वापस कर दी जाएगी.

Last Updated : Sep 19, 2024, 1:38 PM IST
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