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फॉर्म भरा लाडली बहना योजना के लिए और मिलने लगी विधवा पेंशन, पति दे रहा खुद के जीवित होने का सबूत - Chhatarpur jan sunvayi

मध्यप्रदेश के छतरपुर जिले में एक लाडली बहना को विधवा पेंशन का लाभ दिया जा रहा है. महिला का पति दफ्तरों के चक्कर लगाकर करेक्शन की मांग कर रहा है, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है.

Chhatarpur jan sunvayi
जनसुनवाई में पहुंचा पीड़ित पति (ETV BHARAT)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Jun 26, 2024, 3:17 PM IST

छतरपुर। छतरपुर जिले में प्रशासन के सिस्टम की खामी का एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है. जिले के बड़ामलहरा क्षेत्र में एक लाडली बहना को पिछले एक वर्ष से विधवा पेंशन का लाभ दिया जा रहा है. वहीं महिला का पति अपने आपको कागज़ों में जिंदा साबित करने के लिए दफ्तरों के चक्कर लगा रहा है. मंगलवार को कलेक्ट्रेट में आयोजित जनसुनवाई में भी परेशान पति ने अफसरों को अपनी समस्या बताई.

लाडली बहना योजना की जगह मिल रही विधवा पेंशन (ETV BHARAT)

जनसुनवाई में पहुंचा पीड़ित पति

छतरपुर जिला मुख्यालय के कलेक्ट्रेट में मंगलवार के आयोजित जनसुनवाई में अपनी पीड़ा लेकर आए बड़ामलहरा के बृजेश विश्वकर्मा ने मीडिया को अपनी आपबीती बताई, जिसे सुनकर सिस्टम पर कई तरह के सवालिया निशान उठ रहे हैं. बृजेश विश्वकर्मा का आरोप है "उसकी पत्नी ने पिछले वर्ष लाड़ली बहना योजना का लाभ लेने के लिए आवेदन किया था. जिसमें समग्र आईडी भी लगाई गई थी, लेकिन नगर परिषद के कर्मचारियों की लापरवाही के कारण पत्नी को लाड़ली बहना योजना का लाभ न मिलकर विधवा पेंशन के 400 रुपये प्रति माह मिल रहे हैं.'

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पति एक साल से लगा रहा दफ्तरों के चक्कर

पीड़ित पति का कहना है कि वह पिछले 1 साल से स्थानीय प्रशासन से लेकर छतरपुर कलेक्ट्रेट और यहां से लेकर भोपाल तक भी वह अपने जिंदा होने का सबूत देते फिर रहा है, लेकिन अभी तक प्रशासनिक लचर व्यवस्था के चलते उसे कागज़ों में जिंदा नहीं किया जा सका और उसकी पत्नी कागजों में आज भी विधवा है. पीड़ित का कहना है कि नगर परिषद में सुनवाई नहीं हुई. इसके बाद जिला मुख्यालय पर कई बार आवेदन दे चुका है. अब फिर से आवेदन दिया है.

छतरपुर। छतरपुर जिले में प्रशासन के सिस्टम की खामी का एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है. जिले के बड़ामलहरा क्षेत्र में एक लाडली बहना को पिछले एक वर्ष से विधवा पेंशन का लाभ दिया जा रहा है. वहीं महिला का पति अपने आपको कागज़ों में जिंदा साबित करने के लिए दफ्तरों के चक्कर लगा रहा है. मंगलवार को कलेक्ट्रेट में आयोजित जनसुनवाई में भी परेशान पति ने अफसरों को अपनी समस्या बताई.

लाडली बहना योजना की जगह मिल रही विधवा पेंशन (ETV BHARAT)

जनसुनवाई में पहुंचा पीड़ित पति

छतरपुर जिला मुख्यालय के कलेक्ट्रेट में मंगलवार के आयोजित जनसुनवाई में अपनी पीड़ा लेकर आए बड़ामलहरा के बृजेश विश्वकर्मा ने मीडिया को अपनी आपबीती बताई, जिसे सुनकर सिस्टम पर कई तरह के सवालिया निशान उठ रहे हैं. बृजेश विश्वकर्मा का आरोप है "उसकी पत्नी ने पिछले वर्ष लाड़ली बहना योजना का लाभ लेने के लिए आवेदन किया था. जिसमें समग्र आईडी भी लगाई गई थी, लेकिन नगर परिषद के कर्मचारियों की लापरवाही के कारण पत्नी को लाड़ली बहना योजना का लाभ न मिलकर विधवा पेंशन के 400 रुपये प्रति माह मिल रहे हैं.'

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पीड़ित पति का कहना है कि वह पिछले 1 साल से स्थानीय प्रशासन से लेकर छतरपुर कलेक्ट्रेट और यहां से लेकर भोपाल तक भी वह अपने जिंदा होने का सबूत देते फिर रहा है, लेकिन अभी तक प्रशासनिक लचर व्यवस्था के चलते उसे कागज़ों में जिंदा नहीं किया जा सका और उसकी पत्नी कागजों में आज भी विधवा है. पीड़ित का कहना है कि नगर परिषद में सुनवाई नहीं हुई. इसके बाद जिला मुख्यालय पर कई बार आवेदन दे चुका है. अब फिर से आवेदन दिया है.

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