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चैत्र नवरात्र 9 अप्रैल से, इस बार घोड़े पर सवार होकर आएंगी मां दुर्गा - Chaitra Navratri 2024

Chaitra Navratri: 9 अप्रैल से चैत्र नवरात्रि की शुरुआत हो रही है. इस बार माता घोड़े पर सवार होकर आ रही हैं.ज्योतिष के अनुसार इस बार मां दुर्गा की सवारी अनहोनी की ओर इशारा कर रही है, क्योंकि इस बार मां दुर्गा घोड़े पर सवार होकर आ रही हैं. घोड़े पर सवार होकर माता रानी का धरती पर आगमन शुभ नहीं माना जाता है.

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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Apr 9, 2024, 6:53 AM IST

पटना: चैत्र नवरात्र नौ अप्रैल से शुरू हो रह हैं, जिनका समापन 17 अप्रैल को होगा. इस दौरान मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की विधि-विधान से पूजा की जाएगी. इन नौ दिनों में मां जगदंबे की विधि-विधान से पूजा-अर्चना करने से विशेष फलों की प्राप्ति होती है. ज्योतिष के अनुसार इस बार मां दुर्गा की सवारी अनहोनी की ओर इशारा कर रही है, क्योंकि इस बार मां दुर्गा घोड़े पर सवार होकर आ रही हैं. घोड़े पर सवार होकर माता रानी का धरती पर आगमन शुभ नहीं माना जाता है.

घोड़े पर सवार होकर आ रही हैं माता: हर नवरात्रि के मौके पर धरती पर जब माता का आगमन होता है तो माता का अलग-अलग सवारी होता है. आचार्य रामशंकर दूबे ने बताया कि ऐसे तो माता का सवारी शेर है. लेकिन इस चैत नवरात्र में माता घोड़े पर सवार होकर के धरती लोक पर आ रही है. शनिवार और मंगलवार के दिन जब नवरात्रि की शुरुआत होती है तो माता रानी का सवारी घोड़ा होता है.

"पृथ्वी लोक से माता रानी का प्रस्थान का सवारी (गज) हाथी है. हाथी की सवारी शुभ संकेत है. हाथी पर सवार होकर के माता रानी जब प्रस्थान करेंगी तो देश में खुशहाली अच्छी बारिश की संभावनाएं बनेगी."- रामशंकर दूबे, आचार्य

दुर्गा सप्तशती का पाठ करें: माता रानी की पूजा करने वाले भक्तों को नियम धर्म से प्रतिदिन पूजा करना चाहिए .जिससे की माता के आने की सवारी जो संकेत दे रही है इससे लोग बच सके. प्रतिदिन स्नान ध्यान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करके पूजा करना चाहिए. पूजा के समय माता को फल मिठाई से भोग लगा कर पूजा करना चाहिए धूप दीप जला कर मंगल आरती गाना चाहिए हवन भी करना चाहिए माता रानी का आशीर्वाद प्राप्त कर क्षमा प्रार्थना करना चहिए और दुर्गा सप्तशती का पाठ अवश्य करना चाहिए.

पटना: चैत्र नवरात्र नौ अप्रैल से शुरू हो रह हैं, जिनका समापन 17 अप्रैल को होगा. इस दौरान मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की विधि-विधान से पूजा की जाएगी. इन नौ दिनों में मां जगदंबे की विधि-विधान से पूजा-अर्चना करने से विशेष फलों की प्राप्ति होती है. ज्योतिष के अनुसार इस बार मां दुर्गा की सवारी अनहोनी की ओर इशारा कर रही है, क्योंकि इस बार मां दुर्गा घोड़े पर सवार होकर आ रही हैं. घोड़े पर सवार होकर माता रानी का धरती पर आगमन शुभ नहीं माना जाता है.

घोड़े पर सवार होकर आ रही हैं माता: हर नवरात्रि के मौके पर धरती पर जब माता का आगमन होता है तो माता का अलग-अलग सवारी होता है. आचार्य रामशंकर दूबे ने बताया कि ऐसे तो माता का सवारी शेर है. लेकिन इस चैत नवरात्र में माता घोड़े पर सवार होकर के धरती लोक पर आ रही है. शनिवार और मंगलवार के दिन जब नवरात्रि की शुरुआत होती है तो माता रानी का सवारी घोड़ा होता है.

"पृथ्वी लोक से माता रानी का प्रस्थान का सवारी (गज) हाथी है. हाथी की सवारी शुभ संकेत है. हाथी पर सवार होकर के माता रानी जब प्रस्थान करेंगी तो देश में खुशहाली अच्छी बारिश की संभावनाएं बनेगी."- रामशंकर दूबे, आचार्य

दुर्गा सप्तशती का पाठ करें: माता रानी की पूजा करने वाले भक्तों को नियम धर्म से प्रतिदिन पूजा करना चाहिए .जिससे की माता के आने की सवारी जो संकेत दे रही है इससे लोग बच सके. प्रतिदिन स्नान ध्यान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करके पूजा करना चाहिए. पूजा के समय माता को फल मिठाई से भोग लगा कर पूजा करना चाहिए धूप दीप जला कर मंगल आरती गाना चाहिए हवन भी करना चाहिए माता रानी का आशीर्वाद प्राप्त कर क्षमा प्रार्थना करना चहिए और दुर्गा सप्तशती का पाठ अवश्य करना चाहिए.

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