ETV Bharat / state

सीजीपीएससी के तहत वन विभाग में भर्ती परीक्षा का मामला बिलासपुर हाईकोर्ट पहुंचा - वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग

CGPSC exam case reached Bilaspur: सीजीपीएससी के तहत वन विभाग में भर्ती परीक्षा का मामला हाईकोर्ट पहुंच गया है. मामले में बिलासपुर हाईकोर्ट ने विभाग से 30 जनवरी तक जवाब मांगा है.

CGPSC exam case reached Bilaspur
वन विभाग में भर्ती परीक्षा का मामला बिलासपुर हाईकोर्ट पहुंचा
author img

By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Jan 25, 2024, 9:26 PM IST

बिलासपुर:सीजीपीएससी के तहत वन विभाग में भर्ती परीक्षा का मामला बिलासपुर हाईकोर्ट पहुंच गया है. दरअसल, साल 2020 में लोक सेवा आयोग वन परीक्षा आयोजित की गई थी. परीक्षा के नतीजे जारी होने के बाद वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग की ओर से फिजिकल परीक्षा में फेल हुए 24 अभ्यर्थियों को फिर से मौका देने का आदेश जारी किया गया. जबकि ये नियम विरुद्ध है. यही कारण है कि इस आदेश के खिलाफ अनुपूरक सूची के अभ्यर्थी ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर दिया. मामले में हाई कोर्ट ने विभाग से 30 जनवरी तक जवाब मांगा है.

ये है मामला: छत्तीसगढ़ में पीएससी की परीक्षा लगातार विवादों में रह रही है. पिछले दिनों भी इसी तरह का एक मामला सामने आया था, जिसको लेकर हाईकोर्ट में पहले से सुनवाई चल रही है. अब फिर से एक बार पीएससी की एक और परीक्षा विवादों में फंस गई है. साल 2020 में राज्य वन सेवा परीक्षा आयोजित की गई थी. पीएससी की ओर से राज्य वन सेवा परीक्षा के नतीजे 3 जून 2023 को जारी किए गए थे.

ये था तय नियम: इसमें चयनित और अनुपूरक सूची जारी की गई थी. इसके बाद विभाग के आदेश अनुसार चयनित अभ्यर्थियों के दस्तावेजों का सत्यापन 11 सितंबर को किया गया. दस्तावेजों के सही होने पर अगले दिन 12 सितंबर को चयनित अभ्यर्थियों का फीजिकल टेस्ट हुआ. इस परीक्षा में वन क्षेत्रपाल के 158 अभ्यर्थी शामिल हुए. शारीरिक परीक्षा में 19 अभ्यर्थी अनुपस्थित रहे. वहीं, 134 पास हुए और 24 फेल हो गए. इस परीक्षा में शारीरिक मापदंड परीक्षा भर्ती में एक अनिवार्य नियम था. इसलिए वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग में पहले से पत्र जारी कर उसके लिए द्वितीय अवसर नहीं देने की बात कही गई थी.

इस कारण हो रहा विवाद: हाई कोर्ट में दायर याचिका में जिस विवाद को सामने लाया गया है, वह यह है कि शारीरिक मापदंड परीक्षा फेल अभ्यर्थियों का दोबारा परीक्षा लेने का आदेश जारी किया है. जबकि जलवायु परिवर्तन विभाग ने पहले से पत्र जारी कर उसके लिए द्वितीय अवसर नहीं देने की बात कही थी. इसके बाद भी विभाग की ओर से 18 जनवरी को अपात्र अभ्यर्थियों का पक्ष लेते हुए उनको दोबारा अवसर प्रदान करने का एक आदेश जारी किया गया है. जो भर्ती नियमों के खिलाफ है. इस विषय में आरटीआई द्वारा प्राप्त दस्तावेजों में भी स्पष्ट उल्लेख है. इसमें शारीरिक परीक्षा में फेल छात्रों को मौका नहीं दिया जा सकता. इसके बाद भी ऐसा किया जा रहा है. इसको लेकर अनुपूरक सूची के अभ्यर्थी हाई कोर्ट गए. मामले में हाईकोर्ट ने तीखी प्रतिक्रिया दी. साथ ही विभाग से 30 जनवरी तक जवाब मांगा है.

न्यायिक अधिकारी अरविंद कुमार वर्मा छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के एडिशनल जज बनाए गए
पत्थलगांव विधानसभा निर्वाचन पर हाईकोर्ट में याचिका, गोमती साय समेत अन्य प्रत्याशियों से कोर्ट ने मांगा जवाब
छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट का साय सरकार को बड़ा झटका

बिलासपुर:सीजीपीएससी के तहत वन विभाग में भर्ती परीक्षा का मामला बिलासपुर हाईकोर्ट पहुंच गया है. दरअसल, साल 2020 में लोक सेवा आयोग वन परीक्षा आयोजित की गई थी. परीक्षा के नतीजे जारी होने के बाद वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग की ओर से फिजिकल परीक्षा में फेल हुए 24 अभ्यर्थियों को फिर से मौका देने का आदेश जारी किया गया. जबकि ये नियम विरुद्ध है. यही कारण है कि इस आदेश के खिलाफ अनुपूरक सूची के अभ्यर्थी ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर दिया. मामले में हाई कोर्ट ने विभाग से 30 जनवरी तक जवाब मांगा है.

ये है मामला: छत्तीसगढ़ में पीएससी की परीक्षा लगातार विवादों में रह रही है. पिछले दिनों भी इसी तरह का एक मामला सामने आया था, जिसको लेकर हाईकोर्ट में पहले से सुनवाई चल रही है. अब फिर से एक बार पीएससी की एक और परीक्षा विवादों में फंस गई है. साल 2020 में राज्य वन सेवा परीक्षा आयोजित की गई थी. पीएससी की ओर से राज्य वन सेवा परीक्षा के नतीजे 3 जून 2023 को जारी किए गए थे.

ये था तय नियम: इसमें चयनित और अनुपूरक सूची जारी की गई थी. इसके बाद विभाग के आदेश अनुसार चयनित अभ्यर्थियों के दस्तावेजों का सत्यापन 11 सितंबर को किया गया. दस्तावेजों के सही होने पर अगले दिन 12 सितंबर को चयनित अभ्यर्थियों का फीजिकल टेस्ट हुआ. इस परीक्षा में वन क्षेत्रपाल के 158 अभ्यर्थी शामिल हुए. शारीरिक परीक्षा में 19 अभ्यर्थी अनुपस्थित रहे. वहीं, 134 पास हुए और 24 फेल हो गए. इस परीक्षा में शारीरिक मापदंड परीक्षा भर्ती में एक अनिवार्य नियम था. इसलिए वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग में पहले से पत्र जारी कर उसके लिए द्वितीय अवसर नहीं देने की बात कही गई थी.

इस कारण हो रहा विवाद: हाई कोर्ट में दायर याचिका में जिस विवाद को सामने लाया गया है, वह यह है कि शारीरिक मापदंड परीक्षा फेल अभ्यर्थियों का दोबारा परीक्षा लेने का आदेश जारी किया है. जबकि जलवायु परिवर्तन विभाग ने पहले से पत्र जारी कर उसके लिए द्वितीय अवसर नहीं देने की बात कही थी. इसके बाद भी विभाग की ओर से 18 जनवरी को अपात्र अभ्यर्थियों का पक्ष लेते हुए उनको दोबारा अवसर प्रदान करने का एक आदेश जारी किया गया है. जो भर्ती नियमों के खिलाफ है. इस विषय में आरटीआई द्वारा प्राप्त दस्तावेजों में भी स्पष्ट उल्लेख है. इसमें शारीरिक परीक्षा में फेल छात्रों को मौका नहीं दिया जा सकता. इसके बाद भी ऐसा किया जा रहा है. इसको लेकर अनुपूरक सूची के अभ्यर्थी हाई कोर्ट गए. मामले में हाईकोर्ट ने तीखी प्रतिक्रिया दी. साथ ही विभाग से 30 जनवरी तक जवाब मांगा है.

न्यायिक अधिकारी अरविंद कुमार वर्मा छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के एडिशनल जज बनाए गए
पत्थलगांव विधानसभा निर्वाचन पर हाईकोर्ट में याचिका, गोमती साय समेत अन्य प्रत्याशियों से कोर्ट ने मांगा जवाब
छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट का साय सरकार को बड़ा झटका
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.