भोपाल। पेंशनर्स को अपना डिजिटल सर्टिफिकेट जमा करने में सहूलियत दी जा रही है. यह अभियान देश के 800 शहरों में एक नवंबर से शुरू हो गया है. ये शिविर 30 नवंबर तक लगेंगे. पेंशनभोगियों के लिए डिजिटल जीवन प्रमाणपत्र जमा करने में फेस ऑथेंटिकेशन तकनीक को बढ़ावा देने के लिए नवंबर 2024 में राष्ट्रव्यापी डिजिटल जीवन प्रमाणपत्र (DLC) अभियान 3.0 शुरू किया गया है.
भोपाल में शिविरों का आयोजन 6 नवंबर से
राजधानी भोपाल में डीएलसी शिविर 6 नवंबर बुधवार को शहर के कई स्थानों पर लगाए जा रहे हैं. टीटी नगर, अरेरा हिल्स और गुलमोहर कॉलोनी में भी शिविर लगेंगे. पेंशन एवं पेंशनभोगी कल्याण विभाग की अवर सचिव सोनिका खट्टर इन शिविरों में जाकर जीवन प्रमाणपत्र जमा करने हेतु विभिन्न डिजिटल तरीकों जैसे फेस ऑथेंटिकेशन तकनीक के बारे में पेंशनभोगियों का मार्गदर्शन करेंगी. यूआईडीएआई इन शिविरों में पेंशनभोगियों के आधार रिकार्डों को अपडेट करने में मदद करेगा तथा डीएलसी जनरेशन में होने वाली तकनीकी समस्याओं का समाधान करेगा.
एंड्राइड फोन से जमा कर सकते हैं डीएलसी
बता दें कि फेस ऑथेंटिकेशन तकनीक एक ऐसी तकनीक है, जिसके द्वारा पेंशनभोगी किसी भी एंड्रॉइड स्मार्टफोन से अपना डिजिटल जीवन प्रमाणपत्र जमा कर सकते हैं. उल्लेखनीय है कि पहले अपना जीवन प्रमाणपत्र जमा करने के लिए पेंशनभोगियों को पेंशन संवितरण प्राधिकरणों के पास स्वयं जाना होता था, जिससे पेंशनभोगियों विशेषकर वयोवृद्धों को काफी असुविधा होती थी. लेकिन पेंशन एवं पेंशनभोगी कल्याण विभाग ने वर्ष 2014 में डिजिटल जीवन प्रमाणपत्र और नवंबर, 2021 में फेस ऑथेंटिकेशन तकनीक का शुभारंभ किया. इस प्रगति से अन्य उपकरणों की आवश्यकता समाप्त हो गई और जीवन प्रमाणपत्र जमा करने की प्रक्रिया सरल हो गई.
पेंशनर्स के घर जाकर भी जमा कराएंगे डीएलसी
इस अभियान में सभी बैंक, इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक, पेंशनभोगी कल्याण संघ, यूआईडीएआई, मेटी, रक्षा मंत्रालय, रेल मंत्रालय और दूरसंचार विभाग महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे. देश के विभिन्न शहरों में कई स्थानों पर शिविर लगाए जाएंगे, ताकि पेंशनभोगियों को अपना जीवन प्रमाण डिजिटल रूप से जमा करने में मदद की जा सके. साथ ही वयोवृद्ध तथा नि:शक्त पेंशनभोगियों के घर जाकर उनके डीएलसी जमा करने में मदद करने के लिए विशेष प्रबंध किए जाएंगे.