नई दिल्ली: सीबीएसई बोर्ड की 10वीं और 12वीं की परीक्षाएं शनिवार से शुरू हो गईं. पहले दिन दसवीं के छात्रों का जहां अंग्रेजी साहित्य का पेपर था तो वहीं, 12वीं के छात्र-छात्राओं का कम्युनिकेशन का पेपर था. दसवीं के छात्रों ने बताया कि उनका पेपर सामान्य था. न ही ज्यादा कठिन था और न ही ज्यादा सरल था. जो छात्र-छात्राएं अंग्रेजी के पेपर की तैयारी करके आए थे, उनका पेपर बहुत अच्छा रहा. और ऐसे छात्र छात्राएं बहुत ही खुश नजर आए.
अच्छे अंक आने पूरी की उम्मीद: 10वीं की छात्रा अन्नया कपूर ने बताया कि इंग्लिश पेपर के ग्रामर और लेखन भाग सीधे और सरल थे. इसलिए पेपर बहुत अच्छा गया. और उन्हें अच्छे अंक आने पूरी की उम्मीद है. अन्नया ने बताया कि पैसेज़ वाला भाग काफी समय लेने वाला था, क्योंकि उत्तर देने से पहले पैसेज़ का बड़े सावधानीपूर्वक ध्यान से विश्लेषण करना पड़ा. वहीं, एक अन्य छात्रा त्विषा गुप्ता ने बताया कि मैं अपने पेपर से बहुत खुश हूं. एक्सट्रापोलेटरी लांग आंसर प्रश्न अच्छे थे, जिन्हें मैंने अच्छे से हल किया. त्विषा ने कहा कि कंपिटेंसी-बेस्ड प्रश्न सरल थे और छात्रों को अगर साहित्यिक शब्दों, थीम्स और अध्यायों के संदेशों का ज्ञान हो, तो ये कठिन नहीं थे.
ओवरऑल पेपर काफी आसान था: 10वीं के छात्र मन्नत धवन ने कहा कि ओवरऑल पेपर की बात करें तो यह काफी आसान था. पेपर इतना भी लंबा नहीं आया था कि इसे निर्धारित समय में पूरा ना किया जा सके. लेकिन, इसके अनसीन पैसेज में एक पैसेज काफी डिफिकल्ट पूछा गया था. ओवरऑल पेपर काफी आसान आया था. कृषिव महाजन ने बताया कि उनका पहला अंग्रेजी का पेपर बहुत अच्छा हुआ है. हालांकि, समय की कमी के कारण कुछ प्रश्नों के उत्तर नहीं लिख पाए, फिर भी उन्होंने पेपर में अच्छा प्रदर्शन किया है. उन्हें उम्मीद है कि इस पेपर में 80 से 85 प्रतिशत अंक आएंगे. उनका आत्मविश्वास इस पेपर से काफी बढ़ा है.
15 फरवरी से लेकर 15 मार्च तक परीक्षाएं: बता दें कि सीबीएसई बोर्ड 10वीं और 12वीं की परीक्षाएं 15 फरवरी से लेकर 15 मार्च तक चलेंगी. आज सुबह दिल्ली के 900 से अधिक परीक्षा केंद्रों सहित पूरे देश भर के परीक्षा केंद्रों पर 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं का आयोजन किया गया. सुबह 9:00 से ही परीक्षा केंद्रों पर छात्र-छात्राओं को भेजना शुरू हो गया था. 10:30 बजे से पेपर शुरू था, इसलिए 9:00 बजे से ही कई छात्र छात्राओं को प्रवेश शुरू कर दिया गया था. सघन जांच के बाद छात्र-छात्राओं को परीक्षा केंद्रों में प्रवेश दिया गया.
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