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नए कानूनों के तहत शिमला में दर्ज हुआ केस, ये है मामला - Case registered under new law

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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Jul 1, 2024, 8:49 PM IST

Case registered under new laws: नए कानूनों के तहत शिमला में केस दर्ज हुआ है. ढली पुलिस ने सोमवर सुबह अवैध रूप से लकड़ी ले जा रही गाड़ी को पकड़ा.

Case registered under new laws:
नए कानूनों के तहत शिमला में दर्ज हुआ केस (कॉन्सेप्ट इमेज)

शिमला: नए कानूनों के तहत शिमला के ढली थाने में मामला दर्ज हुआ है. ढली पुलिस ने सोमवर सुबह अवैध रूप से लकड़ी ले जा रही गाड़ी को पकड़ा. ढली थाने में बीएनएस के तहत 303 (2) में केस दर्ज कर लिया है.

जानकारी के मुताबिक पुराने कानून के तहत मामले में आईपीसी की धारा 379 लगनी थी. 1 जुलाई से देशभर में तीन नए आपराधिक कानून लागू हो गए हैं. पुराने कानूनों की जगह अब भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम ने ले ली है.

नए नियमों में पुलिस को किसी भी रेड और जब्ती के मामले में वीडियो रिकॉर्डिंग करना अनिवार्य कर दिया गया है. अब कोई भी व्यक्ति बिना थाने में जाए ई-एफआईआर करवा सकेंगे.

पीड़ित व्यक्ति को एफआईआर दर्ज करवाने के लिए अधिकार क्षेत्र की बाध्यता को नए कानूनों में खत्म कर दिया गया है. हिमाचल प्रदेश में भी आपराधिक प्रक्रिया इन कानूनों के तहत शुरू हो गई है.

बता दें कि भारतीय दंड संहिता में पहले इस मामले के अधीन धारा 341, 323, 504,506 के तहत मामला दर्ज होता था. भारतीय न्याय संहिता में अब यह मामला अधीन धारा 126(2), 115(2), 352 व 351(2) में दर्ज हुआ है. गौरतलब है कि भारतीय दंड संहिता में जहां 511 धाराएं थीं. अब 1 जुलाई से लागू हुई भारतीय न्याय संहिता में महज 358 ही धाराएं हैं.

ये हैं प्रावधान:

गौरतलब है कि तीन नए क्रिमिनल कानून आज से लागू हो गए हैं. इनमें सरकार ने सजा के बदले इंसाफ पर जोर दिया है. अब पुलिस थाने में जाने की जरूरत नहीं है. एफ आईआर ऑनलाइन भी दर्ज की जा सकती है. भारतीय न्याय संहिता में 19 धाराएं हटाई गई हैं. 20 नए अपराधों को जोड़ा गया है.

33 अपराधों में कारावास की सजा बढ़ाई गई है. 83 अपराधों में जुर्माने की राशि बढ़ाई गई है. भारतीय साक्ष्य अधिनियम में डिजिटल कार्ड को कानूनी वैधता दी गई है. इस नए कानून में अब 170 धाराएं हैं. 24 धाराओं में बदलाव किया गया है और दो नई धाराएं जोड़ी गई हैं.

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता में तय अवधि में न्याय का प्रावधान है. अब इसमें 531 धाराएं हैं. पुलिस की जवाबदेही बढ़ गई है. इन कानूनों से महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा बढ़ेगी. मॉब लिंचिंग में आजीवन कारावास या मृत्यु दंड मिलेगा. नए कानून में राजद्रोह को पूरी तरह से खत्म कर दिया गया है इसकी जगह देशद्रोह कानून लगेगा. इन नए कानूनों में ऐसे बहुत से बदलाव हुए हैं.

ये भी पढ़ें: "वोट करने यह सोच कर ना जाएं की हिमाचल में बनेगी कांग्रेस की सरकार, हमारे पास है पूर्ण बहुमत"

शिमला: नए कानूनों के तहत शिमला के ढली थाने में मामला दर्ज हुआ है. ढली पुलिस ने सोमवर सुबह अवैध रूप से लकड़ी ले जा रही गाड़ी को पकड़ा. ढली थाने में बीएनएस के तहत 303 (2) में केस दर्ज कर लिया है.

जानकारी के मुताबिक पुराने कानून के तहत मामले में आईपीसी की धारा 379 लगनी थी. 1 जुलाई से देशभर में तीन नए आपराधिक कानून लागू हो गए हैं. पुराने कानूनों की जगह अब भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम ने ले ली है.

नए नियमों में पुलिस को किसी भी रेड और जब्ती के मामले में वीडियो रिकॉर्डिंग करना अनिवार्य कर दिया गया है. अब कोई भी व्यक्ति बिना थाने में जाए ई-एफआईआर करवा सकेंगे.

पीड़ित व्यक्ति को एफआईआर दर्ज करवाने के लिए अधिकार क्षेत्र की बाध्यता को नए कानूनों में खत्म कर दिया गया है. हिमाचल प्रदेश में भी आपराधिक प्रक्रिया इन कानूनों के तहत शुरू हो गई है.

बता दें कि भारतीय दंड संहिता में पहले इस मामले के अधीन धारा 341, 323, 504,506 के तहत मामला दर्ज होता था. भारतीय न्याय संहिता में अब यह मामला अधीन धारा 126(2), 115(2), 352 व 351(2) में दर्ज हुआ है. गौरतलब है कि भारतीय दंड संहिता में जहां 511 धाराएं थीं. अब 1 जुलाई से लागू हुई भारतीय न्याय संहिता में महज 358 ही धाराएं हैं.

ये हैं प्रावधान:

गौरतलब है कि तीन नए क्रिमिनल कानून आज से लागू हो गए हैं. इनमें सरकार ने सजा के बदले इंसाफ पर जोर दिया है. अब पुलिस थाने में जाने की जरूरत नहीं है. एफ आईआर ऑनलाइन भी दर्ज की जा सकती है. भारतीय न्याय संहिता में 19 धाराएं हटाई गई हैं. 20 नए अपराधों को जोड़ा गया है.

33 अपराधों में कारावास की सजा बढ़ाई गई है. 83 अपराधों में जुर्माने की राशि बढ़ाई गई है. भारतीय साक्ष्य अधिनियम में डिजिटल कार्ड को कानूनी वैधता दी गई है. इस नए कानून में अब 170 धाराएं हैं. 24 धाराओं में बदलाव किया गया है और दो नई धाराएं जोड़ी गई हैं.

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता में तय अवधि में न्याय का प्रावधान है. अब इसमें 531 धाराएं हैं. पुलिस की जवाबदेही बढ़ गई है. इन कानूनों से महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा बढ़ेगी. मॉब लिंचिंग में आजीवन कारावास या मृत्यु दंड मिलेगा. नए कानून में राजद्रोह को पूरी तरह से खत्म कर दिया गया है इसकी जगह देशद्रोह कानून लगेगा. इन नए कानूनों में ऐसे बहुत से बदलाव हुए हैं.

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