बीकानेर: जिले के नोखा के पांचू गांव के सेना के जवान रामस्वरूप कस्वां की संदिग्ध मौत के मामले में पिछले 3 दिन से ग्रामीण और परिजनों की ओर से धरना दिया जा रहा है, लेकिन अभी तक कोई हल नहीं निकल पाया. दिवंगत सैनिक का शव तीन दिन से आर्मी अस्पताल में है. सैनिक के परिजन और ग्रामीण दिवंगत सैनिक को शहीद का दर्जा देने के साथ ही जिला सैनिक कल्याण अधिकारी के निलंबन की मांग को लेकर अड़े हुए हैं. इस मामले में अब आरएलपी संयोजक और नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल भी धरने में शामिल होने के लिए शनिवार को बीकानेर पहुंचे और मामले में सरकार और प्रशासन के खिलाफ आक्रोश जताया.
सरकार समय रहते समझे: बेनीवाल ने कहा कि इस मामले में सरकार और प्रशासन का रवैया ठीक नहीं रहा. उन्होंने कहा कि 3 दिन से चल रहे धरने के बावजूद अभी तक शहीद का दर्जा देने की मांग को नहीं सुना जाना समझ से परे है. उन्होंने कहा कि जवान की मौत के मामले में कोर्ट आफ इंक्वायरी का आदेश हुआ है, लेकिन रिपोर्ट आने से पहले ही जिला सैनिक कल्याण अधिकारी ने इसे आत्महत्या बता दिया.
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अभी तक खुद सेना भी इसे संदिग्ध मान रही है. उन्होंने कहा कि ग्लेशियर बर्फबारी या दूसरे हादसे में जब जवान की मौत होती है तो उसे शहीद का दर्जा दिया जाता है. इस मामले में वे परिजनों के साथ हैं. उन्होंने कहा कि जब तक उनकी यह मांग नहीं मानी जाती है वे भी बीकानेर में ही डटे रहेंगे. इससे पहले बेनीवाल ने मौजूद लोगों को संबोधित किया और एकजुटता का आह्वान किया. बेनीवाल ने इस दौरान दिवंगत सैनिक के भाई और पिता से भी अलग से वार्ता की. उधर जिला प्रशासन, बेनीवाल और अन्य जनप्रतिनिधियों की वार्ता अभी जारी है. बेनीवाल ने कहा कि अगर कोई सम्मानजनक बात होगी तो वे मानेंगे नहीं तो धरना जारी रहेगा और सरकार की ईंट से ईंट बजा देंगे.