रांचीः राज्य के होमगार्ड जवानों के एरियर भुगतान से जुड़ी अवमानना याचिका पर झारखंड हाईकोर्ट में सुनवाई हुई है. न्यायाधीश एसएन पाठक की कोर्ट ने होमगार्ड डीजी के हाजिर नहीं होने पर कड़ी नाराजगी जतायी है. मौखिक टिप्पणी करते हुए न्यायाधीश ने कहा कि क्या हाईकोर्ट को होमगार्ड के डीजी ने सिविल कोर्ट समझ लिया है. उन्होंने कड़ी नाराजगी जताते हुए अगली सुनवाई के दौरान 7 जनवरी को डीजी होमगार्ड को कोर्ट में हाजिर होने का आदेश दिया है. आज सुनवाई के दौरान राज्य की गृह सचिव कोर्ट में उपस्थित थीं. यह जानकारी होमगार्ड एसोसिएशन के महासचिव राजीव कुमार तिवारी ने दी है.
क्या है पूरा मामला
प्रार्थी की ओर से सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता अभयकांत मिश्रा, झारखंड हाईकोर्ट के अधिवक्ता दिलीप चक्रवर्ती और अशोक सिन्हा ने पक्ष रखा. दरअसल, हाईकोर्ट के आदेश पर राज्य सरकार ने होमगार्ड कर्मियों के लिए पुलिसकर्मियों के समकक्ष दैनिक कर्तव्य भत्ता और प्रशिक्षण भत्ता देने का फैसला लिया था. 10 अगस्त 2024 के फैसले के तहत शहरी और ग्रामीण गृह रक्षकों को 500 रुपये दैनिक कर्तव्य भत्ता की जगह पुलिसकर्मियों के समकक्ष भत्ता की राशि 1,088 रुपये कर दी गई थी, लेकिन एरियर भुगतान नहीं किया. इसे लेकर होगार्ड के जवानों ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था.
हाईकोर्ट पूर्व में सुना चुका है फैसला
25 अगस्त 2017 को हाईकोर्ट ने होमगार्ड के जवानों के पक्ष में फैसला सुनाया था. लेकिन राज्य सरकार ने 10 अगस्त 2024 से बढ़ा हुआ भत्ता देने का संकल्प जारी किया था. जबकि होमगार्ड जवानों की दलील थी कि जिस तारीख को उनके पक्ष में हाईकोर्ट का फैसला आया है, उसी तारीख को आधार बनाकर बढ़ा हुआ भत्ता देना होगा. इसको लेकर राज्य सरकार सुप्रीम कोर्ट तक गई थी. लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने भी हाईकोर्ट के फैसले को सही ठहराया था.
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